अनोखी शादी- दूल्हा-दुल्हन को याद नहीं है अपना अतीत, ऐसे शुरू की नई जिंदगी

Chaupal TV, Rohtak हरियाणा के रोहतक में एक अनोखी शादी हुई, दरअसल दूल्हा-दुल्हन दोनों को ही अपने अतीत के बारे में कुछ भी याद नहीं है। दोनों ने आगे का जीवन एक-दूसरे के साथ जीने का फैसला किया। दरअसल रोहतक का जनसेवा संस्थान केंद्र में करीब 5 साल पहले घायल...
 
WhatsApp Group Join Now
अनोखी शादी- दूल्हा-दुल्हन को याद नहीं है अपना अतीत, ऐसे शुरू की नई जिंदगी

Chaupal TV, Rohtak

हरियाणा के रोहतक में एक अनोखी शादी हुई, दरअसल दूल्हा-दुल्हन दोनों को ही अपने अतीत के बारे में कुछ भी याद नहीं है। दोनों ने आगे का जीवन एक-दूसरे के साथ जीने का फैसला किया। दरअसल रोहतक का जनसेवा संस्थान केंद्र में करीब 5 साल पहले घायल हालत में एक युवक को आश्रम में लाया गया। उस वक्त युवक मानसिक तौर पर बीमार था। आश्रम में उसका उपचार कराया गया। अब 22 वर्षीय जतिन पूरी तरह ठीक हो गया है, लेकिन उसको अतीत के बारे में कुछ भी याद नहीं है।

A unique wedding took place in Rohtak, Haryana, in fact both the bride and groom do not remember anything about their past. Both of them decided to live further life with each other. In fact, a young man was brought to the ashram in Rohtak’s Jan Seva Sansthan center about 5 years ago in an injured condition. At that time the young man was mentally ill. He was treated in the ashram. Now 22-year-old Jatin has recovered completely, but he does not remember anything about the past.

अनोखी शादी- दूल्हा-दुल्हन को याद नहीं है अपना अतीत, ऐसे शुरू की नई जिंदगी

आश्रम में ही करीब 3 साल पहले कविता नाम की लड़की को पुलिस छोड़ कर गयी थी। उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं थी। जिसके बाद दोनों का आश्रम से इलाज चल रहा था। अब दोनों ठीक तो हो गए लेकिन अतीत का कुछ भी याद नहीं है। अब चिकित्सों द्वारा शारीरिक व मानसिक रूप से ठीक होने के प्रमाण के साथ इन दोनों का आपसी सहमती से विवाह कर दिया गया। युवती का मायका और ससुराल आश्रम ही होगा।

आपको बता दें कि रोहतक में बेसहारों का सहारा बना जनसेवा संस्थान सही मायनों में पुनर्वास केंद्र बन रहा है। यहां इस प्रकार की यह तीसरी शादी है। आश्रम के संचालक के अनुसार करीब 5 साल पहले दोनों को लावारिश हालात में आश्रम में लाया गया था, अब ठीक होकर दोनों आश्रम का काम संभाल रहे हैं।

इस बारे आश्रम संचालक महंत डॉ. परमानंद महामंडलेश्वर ने बताया कि पांच साल पहले घायल हालत में एक युवक को आश्रम में लाया गया। उस वक्त युवक मानसिक तौर पर बीमार था। वह केवल अपना नाम जतिन बता पा रहा था। उपचार के बाद अब 22 वर्षीय जतिन पूरी तरह ठीक हो गया है, लेकिन उसको अतीत के बारे में कुछ भी याद नहीं है। वहीं, कविता नाम की लड़की को पुलिस ने 3 साल पहले आश्रम में छोड़ा था। जहां पहले से 150 से ज्यादा बेसहारा महिलाएं व युवतियां रहती हैं। युवती का भी डॉक्टरों ने उपचार किया। अब आश्रम में रसोई का पूरा काम संभालती है।