Haryana GST Record: हरियाणा में जीएसटी कलेक्शन में की रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी, टॉप पर आया प्रदेश

 
Haryana GST Record: हरियाणा में जीएसटी कलेक्शन में की रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी, टॉप पर आया प्रदेश
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Haryana GST Record: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश के राजस्व में लगातार वृद्धि हो रही है। दिसंबर 2024 में हरियाणा सरकार के आबकारी एवं कराधान विभाग ने जीएसटी संग्रह में 28% की शानदार वृद्धि दर्ज की है, जो देश के बड़े राज्यों में सबसे अधिक है। 

दिसंबर 2024 के दौरान हरियाणा ने 10,403 करोड़ रुपये का संग्रह किया, जिससे यह जीएसटी संग्रह के मामले में देशभर के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में चौथे नंबर पर पहुंच गया है वहीं अगर जीएसटी संग्रहण में बढ़ोतरी के प्रतिशत की बात करें तो हरियाणा तीसरे स्थान पर है। 

यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि राज्य सरकार और विभाग ने अपने कर संग्रह के दायित्वों को ईमानदारी और प्रतिबद्धता से निभाया है। राजस्व में हुई यह वृद्धि राज्य के विकास के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है। साथ ही, यह राज्य की आर्थिक प्रगति को भी दर्शाता है।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि आबकारी एवं कराधान विभाग ने अप्रैल से दिसंबर 2024 के बीच कुल 46,188 करोड़ रुपये का शुद्ध संग्रह किया है। इसमें वैट और सीएसटी से 8,812 करोड़ रुपये, उत्पाद शुल्क से 9,527 करोड़ रुपये और एसजीएसटी से 27,849 करोड़ रुपये का योगदान शामिल है। 

सरकार के लिए राजस्व एक महत्वपूर्ण स्रोत

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विभाग को 63,348 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया था। इस प्रकार विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लक्ष्य का 73% पहले ही प्राप्त कर लिया है। उन्होंने बताया कि यह न केवल हरियाणा सरकार की कर सुधार नीति की सफलता को दर्शाता है, बल्कि यह राज्य के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सरकार के लिए राजस्व एक महत्वपूर्ण स्रोत होता है, जिससे विभिन्न सरकारी परियोजनाओं को विकसित करने, नागरिक सेवाएं प्रदान करने और देश-प्रदेश के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक धन उपलब्ध होता है। 

आबकारी एवं कराधान विभाग का प्रयास है कि राज्य बजट में विभाग के लिए निर्धारित लक्ष्य से अधिक राजस्व एकत्रित किया जाए जिससे प्रदेश में विकासात्मक कार्यों के लिए धन की कोई कमी ना रहे। विभाग के ऐसे प्रयास राज्य सरकार के सामर्थ्य को बढ़ाते हैं और प्रदेश को आर्थिक विकास की ऊंचाइयों तक पहुंचाते हैं।