Haryana News: हरियाणा में मतदान से पहले राम रहीम ने मांगी पैरोल: 6 चुनाव में 192 दिन बाहर रहा, बोला- मुझे 41 दिन बाहर रहने का है हक...

हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में लोकसभा चुनाव बिना राम रहीम के हो रहे हैं।
 
हरियाणा में मतदान से पहले राम रहीम ने मांगी पैरोल: 6 चुनाव में 192 दिन बाहर रहा, बोला- मुझे 41 दिन बाहर रहने का है हक...
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Haryana News: हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में लोकसभा चुनाव बिना राम रहीम के हो रहे हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सरकार की तरफ से डेरा प्रमुख राम रहीम को इस बार इलेक्शन में पैरोल नहीं दी गई। जबकि, अब तक राम रहीम को 2022 से 6 बार फरलो और पैरोल लेकर 192 दिन तक बाहर आ चुका है।

लगभग 200 दिन डेरा प्रमुख 3 राज्यों के पंचायत चुनावों से लेकर विधानसभा चुनाव में एक्टिव रह चुका है। 2 साध्वियों से रेप, पत्रकार छत्रपति और डेरा मैनेजर रणजीत सिंह मर्डर केस में जेल में बंद गुरमीत राम रहीम की फरलो-पैरोल को राजनीति के जानकार लोग इसे सिर्फ संयोग मानने को तैयार नहीं हैं।

उन्हें लगता है कि डेरा प्रमुख को मिलने वाली फरलो और पैरोल का कम से कम पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान चुनाव कनेक्शन जरूर होता है। डेरा प्रमुख को 25 अगस्त 2017 को रोहतक की सुनारिया जेल में भेजा गया था।


इसलिए नहीं मिली पैरोल
हाल ही में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बार-बार पैरोल दिए जाने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सवाल उठाए थे। बलात्कार के दोषी को जनवरी में 50 दिन की पैरोल दी गई थी। यह लगभग 10 महीने में उसकी 7वीं और पिछले 4 वर्षों में 9वीं पैरोल थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार को 10 मार्च को राम रहीम का आत्मसमर्पण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।

जिस दिन उसकी पैरोल समाप्त होने वाली थी, उसी दिन राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह अगली बार राम रहीम को पैरोल देने के लिए अदालत से अनुमति का अनुरोध करें। झटके के साथ ही पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह बताने का आदेश दिया था कि इस तरह से कितने लोगों को पैरोल दिया गया है। अदालत SGPC द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।


2014 में भाजपा का किया था समर्थन
पंजाब के पिछले चुनाव में अंतिम समय पर डेरा समर्थकों ने भाजपा का समर्थन किया था। इसका भाजपा व अकाली दल गठबंधन को फायदा मिला। हरियाणा में 2014 के चुनाव में भाजपा की जीत में डेरे का बड़ा योगदान रहा।

2019 के चुनाव में बाबा के जेल जाने के बावजूद कई नेता, पूर्व विधायक और उम्मीदवार डेरे के संपर्क में थे। इसका उन्हें फायदा भी मिला। राजनीति में अच्छा रुआब होने के कारण राम रहीम की सुरक्षा में उसके प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड के साथ-साथ हरियाणा पुलिस के करीब 50 जवान भी तैनात रहते हैं।


चुनाव में 45 मेंबरी कमेटी का अहम रोल
इस बार के आम चुनाव में भले ही डेरा प्रमुख जेल से बाहर नहीं आया हो, लेकिन डेरे की 45 मेंबरी कमेटी बाबा के लगातार संपर्क में है, जो डेरा अनुयायियों को बाबा के राजनीतिक संकेत की जानकारी देती है। डेरे का पंजाब के मालवा रीजन की कई सीटों और उत्तर प्रदेश की करीब 2 दर्जन विधानसभा सीटों पर असर माना जाता है।

इसके अलावा हरियाणा और राजस्थान के भी कई इलाकों में राम रहीम के फॉलोअर्स रहते हैं। किसी भी चुनाव के दौरान डेरा प्रमुख को गुरुग्राम के डेरे के अलावा किसी भी दूसरे डेरे में जाने की इजाजत नहीं है। लिहाजा समस्त गतिविधियों का केंद्र गुरुग्राम ही बनता है।