दिल्ली ट्रैक्टर रैली में गिरफ्तार 83 किसानों को 2-2 लाख मुआवजा देगी पंजाब सरकार

 
दिल्ली ट्रैक्टर रैली में गिरफ्तार 83 किसानों को 2-2 लाख मुआवजा देगी पंजाब सरकार
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पंजाब सरकार ने जनवरी में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली में गिरफ्तार किए गए 83 लोगों के लिए आर्थिक मदद की घोषणा की है। वहीं इस कदम से पंजाब की कांग्रेस सरकार और केंद्र सरकार के बीच एक नया विवाद शुरू होने की संभावना है।

पंजाब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन करने के लिए मेरी सरकार के रुख को दोहराते हुए, हमने 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर रैली करने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 83 लोगों को 2 लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया है।

राजधानी में हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस ने बड़े स्तर पर कार्रवाई की थी। वायरल वीडियोज में नजर आ रहा था कि उग्र भीड़ से बचने के लिए पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बलों के जवान दीवारों पर से कूदते रहे थे।

बता दें कि इस साल 26 जनवरी को दिल्ली पुलिस और किसान नेताओं के बीच बातचीत के बाद कुछ रूटों पर किसानों की ट्रैक्टर रैली की इजाजत दी गई थी। हालांकि, पुलिस को चकमा देकर बड़ी संख्या में किसान लाल किले पर पहुंच गए, जिसके बाद स्थिति अराजकता में बदल गई। पुलिस का कहना था कि प्रदर्शनकारियों ने पूर्व निर्धारित मार्ग का पालन नहीं किया और दिल्ली में प्रवेश करने के लिए बैरिकेड्स तोड़ दिए। उन्होंने लाल किले में भी प्रवेश किया और इस पर चढ़कर झंडे फहराए।

उस दिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अराजकता और हिंसा के अभूतपूर्व दृश्य देखने को मिला, क्योंकि किसानों के जत्थे पुलिस और सुरक्षा बलों से भिड़ गए थे। वीडियो में, लगभग एक दर्जन पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों को लाठी चलाने वाले हमलावरों की भीड़ से बचने के लिए लाल किला परिसर में 15 फुट की दीवार पर कूदने के लिए मजबूर किया गया था।

किसान बीते साल से ही तीनों कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक किसी बड़ी मुद्दे पर सहमति नहीं बन सकी है। सरकार ने किसानों के सामने तीनों कानूनों में संशोधन और कुछ समय के लिए निलंबन का भी प्रस्ताव रखा था, लेकिन किसान लगातार इन कानूनों को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं।

पंजाब सरकार किसानों का समर्थन कर रही है। राज्य का कहना है कि मार्केटिंग समितियां या मंडियां, प्राइवेट मंडियां बन जाएंगी, जो राज्य सरकार के आर्थिक नुकसान का कारण बनेगा। साथ ही राज्य का कहना है कि इससे ग्रामीण विकास पर भी असर पड़ेगा। हालांकि, केंद्र का कहना है कि नए कानून किसानों के हित में हैं और इसके जरिए उन्होंने बिचौलियों को खत्म कर दिया है।