हरियाणा रोडवेज विभाग को सुधारने की तैयारी, अब इस महिला IPS के हाथों में जिम्मेदारी

 
हरियाणा रोडवेज विभाग को सुधारने की तैयारी, अब इस महिला IPS के हाथों में जिम्मेदारी
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हरियाणा सरकार ने ट्रांसपोर्ट विभाग के प्रधान सचिव का पद एक बार फिर आईपीएस अधिकारी को सौंप दिया है। मुख्य सचिव की ओर से रविवार को जारी किए गए नियुक्ति आदेशों में एडीजीपी कला रामचंद्रन को परिवहन विभाग की प्रधान सचिव नियुक्त किया है।

रामचंद्रन लंबे समय तक तक केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर रहीं। हरियाणा वापस लौटने के बाद सरकार ने उन्हें क्राइम एगेंस्ट वूमन की एडीजीपी नियुक्त किया। रविवार को जारी किए आदेशों का उनके पुराने कार्यभार पर असर नहीं पड़ेगा। यानी वे पुलिस विभाग में भी अपनी जिम्मेदारी निभाती रहेंगी। डीजीपी शत्रुजीत कपूर की जगह रामचंद्रन को परिवहन विभाग में लगाया है।

कपूर को पिछले दिनों हुए पुलिस विभाग में आला अधिकारियों के तबादलों के दौरान स्टेट विजिलेंस ब्यूरो का महानिदेशक नियुक्त किया था। विजिलेंस ब्यूरो का काफी लम्बा-चौड़ा काम है। कई तरह की जांच विजिलेंस ब्यूरो कर रहा है। ऐसे में एक साथ दो बड़े विभागों का जिम्मा संभालना आसान काम नहीं था। इसी वजह से सरकार ने कपूर से परिवहन विभाग लेकर यह कला रामचंद्रन को सौंपा है।

कला रामचंद्रन के पति नवदीप सिंह विर्क भी आईपीएस अधिकारी हैं और वे हरियाणा में एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) हैं। कला रामचंद्रन की नियुक्ति पर प्रदेश के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज आपत्ति जता रहे थे। उन्होंने इस बाबत फाइल पर भी नोटिंग कर दी थी। विज अगर रुकावट नहीं बनते तो रामचंद्रन के नियुक्ति आदेश दो दिन पहले ही जारी हो चुके होते।

दरअसल, रामचंद्रन की नियुक्ति से जुड़ी फाइल सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) से मंजूर हो चुकी थी। नियमों के हिसाब से सीएमओ की मंजूरी के बाद नियुक्ति के आदेश जारी होने चाहिए थे, लेकिन यह फाइल गृह मंत्री अनिल विज के पास भेजी गई। विज ने इस पर आपत्ति लगाते हुए फाइल वापस लौटा दी। सूत्रों का कहना है कि विज की आपत्ति को नजरअंदाज करते हुए सीएम ने रामचंद्रन के नियुक्ति आर्डर जारी करने के निर्देश दिए।

आईपीएस अधिकारियों को विभिन्न विभागों में पोस्टिंग देने का विज शुरू से ही विरोध करते आए हैं। वे इसके लिए सीएम को लिख भी चुके हैं। इतना ही नहीं, गृह मंत्रालय संभालते ही विज ने पत्र लिखकर उन सभी आईपीएस अधिकारियों को विभाग में वापस बुलाने के निर्देश दिए थे, जो सरकार के अन्य विभागों में विभिन्न पदों पर कार्यरत थे। हालांकि विज के पत्र का न तो उस समय कोई असर हुआ था और न ही अब विज की आपत्ति को सीएमओ ने गंभीरता से लिया है।