फिर से अटक सकते हैं हरियाणा में पंचायत चुनाव, सुप्रीम कोर्ट में हुई अहम सुनवाई
हरियाणा में पंचायत चुनावों को लेकर चल रही तैयारियों के बीच 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। 3 सदस्यीय बेंच द्वारा की गई सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने कोर्ट में अपना जवाब दायर नहीं किया है। प्रदेश सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से और समय मांगा है। ऐसे में सितंबर माह में प्रस्तावित पंचायत चुनावों में देरी हो सकती है। हरियाणा सरकार के आरक्षण नियमों को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय में पहली सुनवाई 27 जुलाई को हुई थी।
कांग्रेस नेता के बेटे की याचिका पर कोर्ट ने सरकार से तलब किया था जवाब
बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा पंचायतों में आरक्षण में किए गए बदलाव को चुनौती देते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में भी कई याचिकाएं दाखिल की गई थी। कानूनी कारणों के चलते ही पंचायत चुनाव पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से लटके हुए हैं। बीती 4 मई को हाईकोर्ट ने पंचायत चुनावों को हरी झंडी दे दी थी, जिसके बाद खाली पड़ी पंचायतों के चुनाव जल्द ही होने की उम्मीद जाग गई थी। हालांकि कोर्ट ने सरकार को पुराने नियमों के साथ ही चुनाव करवाने की इजाजत दी थी। इसके बाद सरकार ने सितंबर में चुनाव कराने के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी थी। इसके बाद कांग्रेस के सीनियर नेता के बेटे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका कर हरियाणा सरकार के आरक्षण नियमों की चुनौती दी थी। इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने 11 अगस्त को सुनवाई का दिन तय करते हुए प्रदेश सरकार ने जवाब तलब किया था।