हरियाणा में अब हर कागज की होगी स्कैनिंग, अधिकारियों की तय हुई जवाबदेही, आमजन की तकलीफ दूर करने के प्रति सीएम गंभीर

 
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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा आमजन मानस की दुख तकलीफें दूर करने के लिए सीधे उनतक शिकायत पहुंचाने के लिए 25 दिसंबर, 2014 को सुशासन दिवस पर आरंभ की गई सीएम विंडो के प्रति लोगों का रूझान काफी बढ़ा था और पिछले साढ़े 8 वर्षों में लगभग 13 लाख शिकायतें सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंचाई हैं। इनमें से अधिकांश का समाधान निर्धारित समयावधि में हुआ है।

सीएम विंडो के लिए सभी जिला लघु सचिवालयों, उप मंडल कार्यालयों तथा मंत्रियों के कैंप ऑफिस व कार्यालयों में शिकायत लेने के लिए काउंटर खोले गए थे, जो काफी कारगर सिद्ध हुए।

सीएम विंडो के माध्यम से ऐसी-ऐसी सार्वजनिक शिकायतों व समस्याओं का समाधान हुआ जिनके बारे लोगों ने सोचना ही बंद कर दिया था। इस कड़ी में मुख्यमंत्री ने आम जनमानस की दुख तकलीफ को और नजदीक से समझने के लिए जनसंवाद कार्यक्रम की शुरुआत की है। 

भिवानी तथा पलवल जिलों के लगभग दो दर्जन गाँवों के लोगों के बीच बैठकर बातचीत की। इस दौरान मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि सीएम विंडो पर शिकायतें देने के बावजूद भी उनके कागज नहीं मिल रहे हैं तो मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सीएम विंडो प्रणाली में ही जनसंवाद मॉड्यूल विकसित किया जाए जिसकी विधिवत शुरुआत मुख्यमंत्री ने अपने निवास स्थान संत कबीर कुटीर से की। 

इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने यह ठान लिया है कि जनता का कोई भी कागज अब जाया नहीं जाएगा। इसके लिए अलग से अधिकारियों की टीम गठित की है जो मुख्यमंत्री के नाम दिए गए हर कागज की स्कैनिंग कर उसका डिजिटल रिकॉर्ड रखेगी। मुख्यमंत्री स्वयं अपने डैशबोर्ड पर इसकी नियमित निगरानी कर रहे हैं। जनसंवाद पोर्टल के लिए कॉल सेंटर खोला गया है जिसके माध्यम से शिकायतकर्ता के पास उसके मोबाइल पर एसएमएस जाएगा और मोबाइल पर ही शिकायत के समाधान की जानकारी दी जाएगी। 

पिछले 8 वर्षों में व्यवस्था परिवर्तन के माध्यम से प्रदेश की राजनीति की परिभाषा बदलने के लिए आरंभ किया गया। मुख्यमंत्री सीएम विंडो से जनसंवाद तक का सफर बेहद सफल रहा है। एक ओर जहाँ सीएम विंडो पर 10 लाख से अधिक लोगों ने सीधे मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचाई है वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री का आरंभ किया गया जनसंवाद कार्यक्रम भी लोगों को खूब रास आ रहा है। 

हाल ही में चुने गए पंचायती राज  संस्थानों के जन प्रतिनिधियों में भी मुख्यमंत्री के पास मुड्ढे व खाट पर बैठने की होड़ देखने को मिली। भिवानी व पलवल जिलों के लगभग दो दर्जन से अधिक बड़े गाँवों का दौरा कर मुख्यमंत्री लोगों से रूबरू हुए और ग्रामीण विकास की कई नई पहलों  की शुरुआत की। आने वाले समय में मुख्यमंत्री का जनसंवाद कार्यक्रम धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की 40 कोस की परिधि में पड़ने वाले जिलों में है। उसके बाद पूरे हरियाणा को कवर करेंगे। 

हरियाणा गठन के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल को प्रदेश के ऐसे मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त होगा जिन्होंने प्रदेश के हर शहर व गांव के लोगों के बीच बैठकर घंटों तक जनसंवाद किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंवाद करने की कवायद मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की अवधारणा से प्रेरित होकर की है। मुख्यमंत्री ने गीता सार को सत्ता की धुरी माना है। 

महाभारत में श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए कर्म के सिद्धांत निस्वार्थ कर्म करो फल की चिंता मत करो। समय आने पर तुम्हे उसका परिणाम जरूर मिलेगा अर्थात "कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥" को अपने राजनीतिक करियर का आधार माना है और पिछले 8 वर्षों में गीता को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलवाई है।