हरियाणा में आईटीआई की कक्षाओं में मोबाइल पर रोक, बच्चों से बात करने के लिए टीचर को कॉल करते हैं अभिभावक

संस्थान में पहुंचते ही क्लास इंचार्ज विद्यार्धियों के मोबाइल जमा कर रहे हैं, जिन्हें छुट्टी के बाद वापस दिया जाता है। दरअसल, मोबाइल की वजह से विद्यार्थियों का प्रशिक्षण प्रभावित हो रहा था।
विद्यार्थी क्लास में भी शिक्षक की नजरों से बचकर मोबाइल चलाते थे। इसके अलावा विद्यार्थियों का एक दूसरे के प्रति भावात्मक लगाव भी खत्म होने लगा था। वे खाली समय में मोबाइल में व्यस्त रहते थे।
विद्यार्थियों का बंक मारना हो गया है कम
मोबाइल पर रोक से विद्यार्थियों का बंक मारना भी कम हो गया है। विद्यार्थियों से मोबाइल स्विच ऑफ करवाकर इंचार्ज अपने पास जमा करा लेते हैं। इस बीच पेरेंट्स को अपने बच्चों से जरूरी बात करनी है, तो वे क्लास इंचार्ज के मोबाइल फोन पर कॉल करते हैं।
इंचार्ज पेरेंट्स की बच्चों के साथ बात कराते हैं। शिक्षक राजेश ने बताया कि मोबाइल पर बैन लगाने के कई फायदे हुए हैं। इससे अलावा पेरेंट्स का शिक्षकों से संपर्क बढ़ा है।
पेरेंट्स को भी पता चल जाता है कि उनका बच्चा क्लास में पढ़ाई कर रहा है। अब विद्यार्थी आईटीआई से बंक नहीं मार सकते। डर रहता है कि कहीं टीचर के पास घर से कॉल न आ जाए।
क्लास में नाचते हुए रील बनाती थीं छात्राएं
आईटीआई के विद्यार्थियों ने सोशल मीडिया पर आईटीआई स्टाफ, आईटीआई हरियाणा आदि के नाम से सैकड़ों अकाउंट बनाए हुए हैं। विद्यार्थी क्लास रूम में रील बनाकर इन ग्रुपों में डालते थे। रील बनाने में लड़कियां सबसे आगे थी। इससे संस्थानों की छवि खराब हो रही थी।
मोबाइल से बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है असर
मोबाइल के प्रयोग से विद्यार्थियों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा था। विद्यार्थी प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित रखें, इसलिए फोन बैन किए गए हैं। विद्यार्थी क्लास इंचार्ज के पास मोबाइल जमा करते हैं। परिवार को जरूरी बात करनी है तो वे इंचार्ज को संपर्क करते हैं।