Haryana Assembly Election: हरियाणा में केजरीवाल और कुमारी सैलजा ने बढ़ाई हुड्डा की मुश्किलें, क्या विधानसभा चुनाव जीत पाएगी कांग्रेस?
दरअसल, जब तीन महीने पहले लोकसभा चुनाव के नतीजे आए तो हरियाणा की सियासी फिजा पूरी तरह से कांग्रेस के पक्ष में दिख रही थी। हुड्डा के सियासी हौसले बुलंद थे और कांग्रेस को 10 साल के बाद सत्ता का वनवास खत्म होने की उम्मीद नजर आने लगी थी। लेकिन, विधानसभा चुनाव के नामांकन खत्म होते ही सियासी माहौल में तेजी से बदलाव दिखना शुरू हो गया है।
ऐसे में दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की रिहाई और कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा की नाराजगी ने हुड्डा से लेकर कांग्रेस हाईकमान तक की टेंशन बढ़ा दी है। कांग्रेस हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर आप से गठबंधन करना चाहती थी, लेकिन बात नहीं बन पाई।दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देते हुए केजरीवाल हरियाणा की राजनीति में उतर गए हैं और आप के पक्ष में माहौल बनाने में लगे हुए है। वहीं कुमारी सैलजा हरियाणा कांग्रेस का बड़ा चेहरा है। कुमारी सैलजा को भले की कांग्रेस ने मना लिया हो और उन्होंने चुनाव प्रचार के उतरने का मन भी बना लिया है। हालांकि, उनकी नाराजगी का संदेश जा चुका है। ऐसे में सैलजा की नाराजगी से कांग्रेस के वोटो का संतुलन बिगड़ सकता है। ऐसे में अब सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि क्या इस सबके बीच कांग्रेस विधानसभा चुनाव जीत पाएगी?
बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और AAP हरियाणा में मिलकर चुनाव लड़ी थीं। इस चुनाव में प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने 5 और बीजेपी ने 5 लोकसभा सीट जीतीं थी।
बीजेपी को हरियाणा में नुकसान ही नहीं बल्कि वोट प्रतिशत में भी कमी देखने को मिली थी। 2019 में जहां बीजेपी को 58.2 फीसदी वोट मिले थे, तो वहीं 2024 में पार्टी का वोट प्रतिशत 46.11 फीसद और पांच सीटें मिलीं थी। वहीं Congress 28.5 फीसद वोट से बढ़कर 43.67 फीसद पर पहुंच गई।