चार साल पहले इस किसान की आर्थिक स्थिति थी खराब, आज है लाखों में कमाई, जानिये सफलता का राज ?

 
चार साल पहले इस किसान की आर्थिक स्थिति थी खराब, आज है लाखों में कमाई, जानिये सफलता का राज ?
WhatsApp Group Join Now

Chaupal Tv, Jhajjar

करीब चार साल पूर्व तक उपजाऊ जमीन न होने के कारण आर्थिक रूप से परेशान चल रहे गांव बिरोहड़ के किसान राजपाल के जीवन में सरकार की कल्याणकारी नीति से एकाएक बदलाव आया।

आय का कोई स्थाई साधन न होने के कारणवश किसान राजपाल परेशानी से जूझ रहा था और इसी दौरान हरियाणा सरकार द्वारा मत्स्य पालन के क्षेत्र में दिए जा रहे सहयोग के बारे में उन्हें पता लगा तो अपनी एक हेक्टेयर भूमि में झींगा पालन करते हुए आर्थिक सुधार की दिशा में कदम बढ़ाए।

झज्जर जिले के गांव बिरोहड़ के इस किसान राजपाल ने सरकार की योजनाओं का लाभ उठाते हुए पहली बार 2017 में मत्स्य पालन का व्यवसाय शुरू किया और देखते ही देखते आय का स्थाई साधन विकसित करते हुए परिवार को साधन संपन्न बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए। मत्स्य पालक राजपाल अब चार माह के उत्पादन कार्य पर दस लाख रुपए का आर्थिक उपार्जन कर रहा है।

झींगा मछली पालन का व्यवसाय शुरू करने वाले किसान राजपाल के जीवन में सरकार की मत्स्य पालन योजना ने एक बड़ा बदलाव लाते हुए उसे एक अग्रणी मत्स्य पालक के रूप में आदर्श बनाया और वह अब अन्य किसानों को भी स्वरोजगार की दिशा में राह दिखा रहा है।

चार साल पहले इस किसान की आर्थिक स्थिति थी खराब, आज है लाखों में कमाई, जानिये सफलता का राज ?

राजपाल का कहना है कि वह दसवीं कक्षा तक पढ़ा है और उसके पास आय का करीब चार साल पूर्व तक कोई स्थाई स्रोत नहीं था, उसकी जमीन भी नमकीन होने के कारण उपजाऊ नहीं थी और न ही कोई अन्य आय का साधन उसके पास था।

ऐसे में उसने चार साल पहले जिला मत्स्य विभाग झज्जर व केंद्रीय मत्स्य शिक्षण संस्थान लाहली की देखरेख में सरकार की योजना की जानकारी ली और पूरी रूपरेखा तैयार करते हुए झींगा पालन का कार्य अपनाया। मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों के संपर्क में रहकर अपनी करीब एक हेक्टेयर जमीन पर उसने शुरुआत में गांव बिरोहड में मत्स्य पालन के रूप में झींगा मछली के लिए तालाब विकसित किए।

पहली बार में 2017 में राजपाल ने 30 लाख झींगा का बीज तालाब में डाला और इन्हे 7.742 टन झींगा का उत्पादन अपने तालाब में किया। राजपाल ने जुलाई 2020 में 4.5 लाख झींगा बीज अपनी यूनिट में डाला और नवंबर 2020 में इन्होंने 8.863 टन झींगा मछली का उत्पादन किया।

चार साल पहले इस किसान की आर्थिक स्थिति थी खराब, आज है लाखों में कमाई, जानिये सफलता का राज ?

इस तरह उन्होंने झींगा मछली उत्पादन से अच्छी-खासी आय शुरू हो गई और अब चालू वित्त वर्ष के माह अप्रैल में राजपाल ने 3 लाख झींगा बीज को अपने तालाब में डाला है। आर्थिक रूप से जीवन में अंधकारमय स्थिति महसूस कर रहे किसान राजपाल के जीवन में मत्स्य विभाग ने उजाला करते हुए उसका व उसके परिवार को नई दिशा देने का काम किया है।

झींगा पालन व्यवसाय पर दिया जा रहा है किसानों को अनुदान : जिला मत्स्य अधिकारी
जिला मत्स्य अधिकारी जय गोपाल ने मत्स्य पालन के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे बिरोहड़ के किसान राजपाल की कार्यशैली की सराहना की है। उन्होंने विभागीय गतिविधियों से अवगत कराते हुए बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता में मत्स्य पालन विभाग झींगा पालक को नए तालाब निर्माण पर 8.0 लाख रुपए की लागत का 60 प्रतिशत की दर से महिला एवं अनुसूचित जाति वर्ग के झींगा पालकों को व्यवस्था प्रबंधन हेतु एवं 40 प्रतिशत की दर से सामान्य वर्ग के पुरुष झींगा पालन हेतु अनुदान दिया जा रहा है।

चार साल पहले इस किसान की आर्थिक स्थिति थी खराब, आज है लाखों में कमाई, जानिये सफलता का राज ?

वहीं उसके उपरांत मछली के बीज व खाद-खुराक पर 6 लाख रुपए की लागत पर भी 60 प्रतिशत की दर से महिला एवं अनुसूचित जाति के झींगा पालकों को व 40 प्रतिशत की दर से सामान्य वर्ग के झींगा पालन को वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान सरकार की ओर से किया गया है। उन्होंने बताया कि इस समय जिला में 25 मत्स्य किसान 25 हेक्टेयर भूमि में झींगा पालन का कार्य कर रहे हैं।

हरियाणा सरकार की योजनाएं आमजन के हितों को सुरक्षित रखने के साथ ही आर्थिक रूप से साधन संपन्न बनाने में सहयोगी हैं। मत्स्य पालन विभाग के माध्यम से बिरोहड़ के किसान के जीवन में आए बदलाव ने यह सिद्ध कर दिया है कि आमजन सरकार की योजनाओं का लाभ उठाते हुए हर पहलू पर सशक्त बन सकते हैं। – श्याम लाल पूनिया, डीसी झज्जर