हरियाणा के सोनीपत में बिजली निगम को झटका, उपभोक्ता को परेशान करने के आरोप में देना पड़ेगा हर्जाना

 हरियाणा के सोनीपत में बिजली निगम को झटका, उपभोक्ता को परेशान करने के आरोप में देना पड़ेगा हर्जाना
 
 हरियाणा के सोनीपत में बिजली निगम को झटका, उपभोक्ता को परेशान करने के आरोप में देना पड़ेगा हर्जाना
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हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) सोनीपत को अपने स्वयं कोष से उपभोक्ता राधे श्याम को 5 हजार रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। आयोग ने यह जुर्माना उपभोक्ता को बिना कारण परेशान करने व एसडीओ कार्यालय में उपभोक्ता के कई चक्कर कटवाने के कारण लगाया गया।

प्रवक्ता ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि शिकायतकर्ता राधे श्याम ने बिजली मीटर की असामान्य रीडिंग के कारण शिकायत यूएचबीवीएन, सोनीपत में भेजी थी।  जांच में पाया गया कि मीटर रीडर द्वारा काफी समय से सही रीडिंग नहीं ली गई थी। 

निगम ने 28 जनवरी,2023 को मीटर बदला और पुराने मीटर को रोहतक में एम एंड टी लैब में जांच के लिए भेजा गया, जहां पर मीटर डिस्प्ले पर रीडिंग ठीक होने की पुष्टि की गई। लेकिन सीएमआरआई ने रोहतक में एम एंड टी लैब में इस मीटर का डेटा प्राप्त नहीं किया।  

इसके अलावा, यही शिकायत 20 फरवरी, 2024 को सीजीआरएफ के माध्यम से गौरव मित्तल पुत्र राधेश्याम के नाम से भी प्राप्त हुई थी। बिजली मीटर को डेटा पुनर्प्राप्ति के लिए विनिर्माण फर्म को भेजा गया, जहां इसने 3 अप्रैल,2024 को डेटा प्रदान किया, जिसमें 35435 केडब्ल्यूएच की रीडिंग दर्शाई गई और यह स्पष्ट हो गया कि मीटर पर प्रदर्शित 75435 केडब्ल्यूएच की रीडिंग गलत थी। 

यह विसंगति संभवत: इस कारण थी कि मीटर डिस्प्ले का सातवां खंड ठीक से काम नहीं कर रहा था, जिसके कारण मीटर ‘3‘ के स्थान पर ‘7‘ प्रदर्शित कर रहा था। इसके अलावा, सीजीआरएफ फोरम ने 29 मार्च,2024 को यह कहते हुए निर्णय दिया कि एसडीओ/प्रतिवादी द्वारा किया गया ओवरहालिंग क्रम में है।

चूंकि आयोग उपरोक्त प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं था, इसलिए आगे की जांच हेतु आयोग के मुख्य आयुक्त श्री टीसी गुप्ता के समक्ष सुनवाई निर्धारित की गई थी। जब मामला आयोग के संज्ञान में आया है, तो प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट के बाद एसडीओ द्वारा स्वयं मीटर को निर्माता कंपनी को जांच के लिए भेजा गया, जिसके बाद मीटर की सही रीडिंग सामने आई है। 

आयोग ने एसडीओ को निर्देश दिया कि उपभोक्ता के बिल को अगले 15 दिनों के भीतर सुधारा जाए, जिसके लिए बिल संशोधन का मामला सीबीओ कार्यालय को भेजा जाए।