हरियाणा में कांग्रेस और जजपा नेताओं ने स्पीकर की कार्यशैली पर उठाए सवाल, इस वजह से रद्द हो सकती है 3 विधायकों की सदस्यता

जानकारी के मुताबिक, पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने शुक्रवार को स्पीकर से मुलाकात की। उन्होंने अपनी ही पार्टी के दो विधायकों बरवाला विधानसभा सीट से जोगीराम सिहाग और नरवाना विधानसभा सीट से रामनिवास सुरजाखेड़ा की सदस्यता रद्द करने की मांग की है।
इन दोनों ही विधायकों के खिलाफ जजपा के कार्यालय सचिव रणधीर सिंह ने शिकायत की है। हालांकि, स्पीकर ने दोनों विधायकों को नोटिस भी जारी किया है और इस मामले में सुनवाई करने का फैसला भी लिया है। इसी बीच दुष्यंत ने स्पीकर से मुलाकात करके उनसे मांग की है कि इस मामले की सुनवाई एक हफ्ते के भीतर हो जाए। ताकि, इन दोनों विधायकों की सदस्यता को जल्द रद्द किया जा सके।
अपने ही पार्टी के दो विधायकों की सदस्यता क्यों रद्द करना चाहते हैं जजपा नेता
कहा जा रहा है कि जजपा के दोनों विधायकों पर दल-बदल कानून के तहत आरोप लगे हैं। आरोप है कि लोकसभा चुनावों के दौरान जजपा के दोनों विधायकों ने बीजेपी प्रत्याशियों के लिए प्रचार किया था। इसके अलावा कई जगहों पर जजपा विधायक बीजेपी के मंच पर भी नजर आए थे।
जजपा विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहाग चुनाव के बाद भी नायब सिंह सैनी सरकार की तारीफ करते हुए नजर आ रहे हैं।
किरण चौधरी की भी सदस्यता रद्द करने की मांग
बता दें कि कांग्रेस की तोशाम विधायक किरण चौधरी ने 18 जून को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने 19 जून को बीजेपी ज्वाइन कर ली थी। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि दल-बदल कानून के तहत विधानसभा का कोई भी सदस्य अगर किसी दूसरे दल में शामिल होता है तो उसे विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना होता है। लेकिन, किरण चौधरी ने इस्तीफा नहीं दिया।
इसी के चलते विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के उपनेता आफताब अहमद और चीफ व्हिप बीबी बतरा ने 19 जून को ही स्पीकर को नोटिस देकर किरण को विधानसभा से अयोग्य घोषित करने की मांग की है। जब स्पीकर की ओर से कोई सुनवाई नहीं की गई तो दोनों विधायकों ने 25 जून को दूसरा नोटिस दिया।
स्पीकर ने इसे यह कहते हुए रद्द कर दिया कि कांग्रेस की ओर से कोई याचिका दायर नहीं की गई है। हालांकि,कांग्रेस के विधायकों ने याचिका भी दायर की, लेकिन, स्पीकर ने दस्तावेजों पर दोनों विधायकों के साइन न होने की बात कहकर इसे भी रद्द कर दिया है।
वहीं कांग्रेस नेताओं का कहना है कि स्पीकर ने संविधान का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि दल-बदल कानून के तहत याचिका दायर करने की भी जरूरत नहीं है।