IAS Pari Bishnoi : कभी संन्यासी की तरह रहने वाली IAS परी बिश्नोई बनने वाली हरियाणा के कद्दावर राजनीतिक परिवार की बहूं, बचपन में भाई ना होने पर मिलते थे ताने, जानिए इनकी सफलता की कहानी

 
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IAS Pari Bishnoi : सोशल मीडिया पर आईएएस की स्टोरी तो आप पढ़ते ही होंगे। उनमें एक स्टोरी आपने आईएएस परी बिश्नोई की भी पढ़ी होगी। आज परी बिश्नोई की चर्चा खूब हो रही है और हो भी क्यों नहीं, परी बिश्नोई ने ना सिर्फ खुद का बल्कि बिश्नोई समाज का गौरव पूरी दुनिया में फैलाया है।

आपको बता दें कि परी बिश्नोई राजस्थान के बीकानेर जिले से है। परी के पिता वकील और माता जी पुलिस अधिकारी है जबकि उनके दादा भी सरपंच के पद को संभाल चुके है। वह दो बहनें है।

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आईएएस परी बिश्नाई बिश्नोई समाज की पहली महिला आईएएस ऑफिसर है। फिलहाल उनकी पोस्टिंग मेघालय में है। उनकी जल्द ही शादी करने जा रही है। 

उनकी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई से शादी है। भव्य बिश्नोई वर्तमान में हिसार की आदमपुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक है। 
 
आईएएस परी बिश्नोई ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से ली। वह उच्चतर पढ़ाई के लिए दिल्ली आई और दिल्ली विश्वविद्यालय के  इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज में एडमिशन लिया।

पढ़ाई में उनकी शुरू से ही दिलचस्पी रही जिस वजह से उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन भी पूरी की। आईएएस परी बिश्नोई यूपीएससी से पहले नेट-जेआरएफ की परीक्षा भी क्लियर कर ली थी। 

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उनके पास मौका था कि प्रोफेसर की नौकरी कर बच्चों को पढ़ाएं लेकिन उन्होंने और मेहनत की। इसी का परिणाम है कि उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 30 रैंक हासिल की। और खास बात ये रहीं कि इस दौरान उन्होंने खुद को संन्यासी की तरह रखा और मोबाइल से लेकर सभी चीजों से दूरी बना ली। सिर्फ यूपीएससी क्लियर करने पर फोकस रखा।

परी बिश्नोई ने बताया कि उनका भाई ना होने के चलते लोग उन्हें ताने मारते थे कि लड़का होता तो नाम रोशन करता।