HSSC ग्रुप सी के बचे 20 हजार पदों को पुनर्विज्ञापित कर मांगेगा आवेदन, TGT पदों का रिजल्ट फिलहाल नहीं

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को लागू कर दिया है। 
 
HSSC ग्रुप सी के बचे 20 हजार पदों को पुनर्विज्ञापित कर मांगेगा आवेदन, TGT पदों का रिजल्ट फिलहाल नहीं
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हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को लागू कर दिया है। 25 जून को ग्रुप सी के सीईटी का संशोधित रिजल्ट घोषित कर दिया है। यानी सामाजिक-आर्थिक मानदंड  के बगैर सीईटी में प्राप्त अंकों के आधार पर परिणाम घोषित कर दिया गया है। अब हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार लगभग 20 हजार पदों को पुनर्विज्ञापित किया जा रहा है। यह विज्ञापन कभी भी जारी हो सकता है।

आयोग इन पुनर्विज्ञापित पदों के लिए सीईटी के संशोधित परिणाम अनुसार आवेदन कर के लिए कहेगा। आयोग ने तेजी से काम करना शुरु कर दिया है। सरकार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को लागू कर भर्तियां पूरी करनी चाहिए और सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों के लिए रिव्यू अपील दायर की जानी चाहिए। 

सरकार और आयोग ने यह राय नहीं मानी और सुप्रीम कोट में अपीलें दायर की गई। सुप्रीम कोर्ट ने अपीलें रद्द कर दी। तब सरकार और आयोग के पास पंजाब एवं हरियाणा  हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार बची हुई भर्तियां पूरी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

पुलिस सिपाही के 6 हजार पदों पर होगी भर्ती

आयोग ने पुलिस सिपाही पुरुष के 5 हजार, महिला सिपाही के 1 हजार पदों का विज्ञापन पहले ही जारी कर दिया था और आवेदन भी मांग लिए थे। लेकिन हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार सीईटी के संशोधित रिजल्ट के बाद प्रक्रिया शुरु कर दी है। इसलिए आयोग पुलिस सिपाही पदों के लिए दोबारा आवेदन मांग सकता है।


घोषित रिजल्ट को बचाने के लिए हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे चयनित उम्मीदवार

आयोग ने ग्रुप सी के जिन ग्रुपों के परिणाम का ऐलान किया था और सिलेक्टिक उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी हो गए थे। वे एक-एक करके हाईकोर्ट की रण में पहुंचने लगे हैं। फिलहाल वीएलडीए पद पर सिलेक्ट हुए उम्मीदवार ने रिव्यू पटीशन दायर की है। 

अन्य पदों के लिए चयनित भी एक-दो सप्ताह तक रिव्यू पटीशन दायर करेंगे। वीएलडीए के चयनित जिस उम्मीदवार ने पटीशन दायर की है उसने बताया कि घोषित रिजल्ट में सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंक शामिल नहीं है।


जब हाईकोर्ट ने सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों पर रोक लगा दी थी तब आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष भोपाल सिंह खदरी और तत्कालीन सदस्य कंवल जीत सैनी ने ग्रुप सी के लगभग 10450 पदों के लिए सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों के बिना रिजल्ट जारी किया गया था। जिसमें फायर ऑपरेटर के लगभग 800 पदों का परिणाम होल्ड पर कर दिया था।

 आयोग ने ग्रुप सी के 24 ग्रुपों का परिणाम घोषित कर दिया था। इस तरह लगभग 36 ग्रुपों से संबंधित पदों को पुनर्विज्ञापित किया जाएगा। आवेदन ऑनलाइन मांगे जाएंगे और इसके बाद नॉलेज टेस्ट होगा। चूंकी अब सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंक शामिल नहीं है।

इसलिए ये भर्तियां बिना देरी के हो सकती है। जिन पदों का परिणाम जारी हो चुका है, उन पदों के लिए फिलहाल यूं का यूं रखा जाएगा। लेकिन उसके लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को जानकारी दी जाएगी कि पहले घोषित रिजल्ट में सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों का लाभी नहीं दिया जाएगा।


टीजीटी पदों का रिजल्ट फिलहाल नहीं

हालांकि टीजीटी पदों का परिणाम सामाजिक- आर्थिक मानदंड के अंकों रहति और अंकों समते तैयार है मगर फिलहाल यह रिजल्ट घोषित नहीं किया जा रहा है। टीजीटी भर्ती से संबंधित दो अन्य विषयों पर भी हाईकोर्ट में केस दायर है। 

आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष भोपाल सिंह खदरी और तत्कालीन सदस्य कंवल जीत सैनी ने ग्रुप डी लगभग 11000 पदों का परिणाम जारी किया था। इसमें भी सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंक शामिल नहीं है। इसलिए ग्रुप डी के बचे पदों और खाली रह गए पदों के लिए परिणाम घोशित किया जाएगा ।