हरियाणा में हुड्डा नहीं बनेंगे विधायक दल के नेता, ये दिग्गज नेता बन सकते हैं नेता विपक्ष

 
भूपेंद्र सिंह हुड्डा नहीं बल्कि इस नेता को मिलेगी नेता विपक्ष की कमान
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हरियाणा विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस अब सख्ती के मूड में नजर आ रही है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस बदलाव की शुरुआत विधायक दल के नेता के रुप में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को न चुनकर कर सकती है।

चर्चा है कि कांग्रेस पूर्व सीएम चौधरी भजनलाल के बेटे चंद्रमोहन बिश्नोई को विधायक दल का नेता बनाकर एक बड़ा दांव खेल सकती है।

हालांकि चंद्रमोहन हुड्डा गुट से नहीं है ऐसे में अगर उनको विधायक दल का नेता बनाया गया तो हुड्डा गुट के नेता विरोध कर सकते हैं। लेकिन दिल्ली में हुई बैठक में राहुल गांधी ने संकेत दे दिए हैं कि पार्टी अब कुछ सख्त कदम उठा सकती है।

दरअसल, प्रदेश में मिली हार के बाद दिल्ली में हुई बैठक में राहुल गांधी ने किसी का नाम लिए बिना कहा था कि हरियाणा में कुछ नेताओं के हित पार्टी से ऊपर हो गए।

राहुल के इस बयान के बाद पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा और कुमारी सैलजा दोनों ने ही चुप्पी साध ली है।

लेकिन राहुल के बयान के मायने यही हैं कि हरियाणा कांग्रेस में अब हाईकमान बड़े बदलावों की ओर देख रहा है और इसकी शुरुआत विधायक दल के नेता, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और कांग्रेस प्रभारी के बदलाव से की जा सकती है।

चंद्रमोहन का नाम इसलिए आगे


1. गैर जाट वोटों को साधना :
चंद्रमोहन का नाम आगे करने से कांग्रेस को सबसे बड़ा फायदा गैर जाट वोटों के रूप में मिल सकता है। बता दें कि चौधरी भजनलाल गैर जाट मुख्यमंत्री के रूप में सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री बनने वाले नेता थे।

ओबीसी और पंजाबी वोटरों पर भी उनकी अच्छी पकड़ थी। चंद्रमोहन का नाम आगे करने से गैर जाट वोट कांग्रेस के पाले में आ सकते हैं। इस बार के चुनाव में भी गैर जाट वोट कांग्रेस को कम ही मिले थे और इसका सीधा फायदा भाजपा ने उठाया।

2. अनुभवी विधायकों में से एक
चंद्रमोहन बिश्नोई हरियाणा में कांग्रेस के अनुभवी विधायकों में से एक हैं। उन्होंने पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा के समकक्ष राजनीति की शुरुआत की थी। वह पहली बार 1993 में कालका से विधायक बने थे और अब 5वीं बार पंचकूला से विधायक चुने गए हैं।

इसके अलावा वह हरियाणा सरकार में डिप्टी सीएम के पद पर भी रह चुके हैं। हालांकि निजी कारणों के चलते उनको बीच में ही पद छोड़ना पड़ा था।

3. सैलजा के नजदीकी
चंद्रमोहन की गिनती सैलजा गुट में शामिल नेताओं में होती है। चंद्रमोहन के लिए सैलजा हाईकमान तक लॉबिंग कर रही हैं। हालांकि वह अभी इस मामले में कुछ नहीं बोल रही हैं मगर कांग्रेस की हार के बाद हाईकमान सैलजा के फैसलों को तव्ज्जों दे सकता है। ऐसे में चंद्रमोहन का नाम आगे करने से सैलजा को भी हरियाणा में अपनी मजबूत जमीन बनाने में आसानी होगी।

4. भाजपा के स्पीकर को चुनाव में हराया
चंद्रमोहन का कद हरियाणा की राजनीति में इसलिए बड़ा है क्योंकि उन्होंने शहरी सीट से चुनाव जीता है जहां अकसर भाजपा का जोर रहता है। चंद्रमोहन ने पंचकूला जैसी सीट से भाजपा के स्पीकर रहे ज्ञानचंद गुप्ता को हराया है।

चंद्रमोहन बिश्नोई ने गैर जाट वोटों में सेंधमारी कर भाजपा को हराया और पंचकूला में ज्ञान चंद गुप्ता से 2019 की हार का बदला लिया।

5. पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे
चंद्रमोहन पूर्व सीएम भजनलाल के बड़े बेटे हैं। बड़ा बेटा होने के नाते भजनलाल की विरासत के वोटर उनके साथ जुड़ सकते हैं। हालांकि भजनलाल ने कुलदीप बिश्नोई को विरासत सौंपी थी जो अब भाजपा में है।

मगर आदमपुर और फतेहाबाद जैसे गढ़ में हार के बाद कांग्रेस चंद्रमोहन को आगे कर ये दांव जरूर चलना चाहेगी जिससे की ये वोटर कांग्रेस की तरफ डायवर्ट हो जाएं।