राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में इस दिन से भीषण हीट वेव, मौसम विभाग ने किया लू का अलर्ट जारी

गर्मी का उफान अब तेज होने लगा है। गर्मी के कारण दोपहर बाद घरों से निकलना मुश्किल हो रहा है। गर्मी से बचने के लिए लोग ठंडे पेय पदार्थ का सहारा ले रहे हैं।
 
राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में इस दिन से भीषण हीट वेव, मौसम विभाग ने किया लू का अलर्ट जारी
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गर्मी का उफान अब तेज होने लगा है। गर्मी के कारण दोपहर बाद घरों से निकलना मुश्किल हो रहा है। गर्मी से बचने के लिए लोग ठंडे पेय पदार्थ का सहारा ले रहे हैं। दिल्ली के साथ उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में गर्मी का प्रकोप जारी है। दिल्ली में पारा 47 डिग्री पार पहुंच गया। नजफगढ़ में पारा 47.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। मौसम विभाग की मानें तो अगले पांच दिनों के दौरान मैदानी एरिया में लू का अलर्ट जारी किया गया है।

अब आगे कैसा रहेगा मौसम
आपको बता दें कि IMD ने दिल्ली के लिए अपने पूर्वानुमान में कहा है कि शनिवार को आंशिक रूप से बादल छाए रह सकते हैं। दिन के समय 25 से 35 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज सतही हवा चलन सकती हैं। अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।


IMD की ये चेतावनी 
IMD ने चेतावनी दी कि 19-21 मई के दौरान राजस्थान, पंजाब, HARYANA और दिल्ली के कुछ हिस्सों में भीषण हीट वेव की स्थिति होने के आसार हैं। रविवार से पूर्वी और मध्य भारत में उष्ण लहर फिर चल सकती है। लू या हीटवेव की स्थिति तब मानी जाती है जब मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस, तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री और पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। यह सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा होता है।

कब, कहां मिलेगी राहत
मौसम विभाग का कहना है कि दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में 23 तारीख तक भारी से बहुत भारी बरसात जारी रहने की संभावना है। यहां 19 मई से 21 मई, 2024 के दौरान अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है। इसके अलावा अगले 48 घंटों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के दक्षिण अंडमान सागर, दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों और निकोबार द्वीप समूह में आगे बढ़ने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार 22 मई के आसपास दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके शुरू में उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने और 24 मई के आसपास बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों पर दबाव में केंद्रित होने की संभावना है।