हरियाणा का बेटा मणिपुर में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद, आज राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

 
हरियाणा का बेटा मणिपुर में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद
WhatsApp Group Join Now

गत 22 दिसंबर को मणिपुर में नक्सली हमले में शहीद हुए बीएसएफ के जवान सुनील कुमार का मंगलवार को उनके पैतृक गांव किलोई में राजकीय सम्मान के साथ गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया।

जिला प्रशासन की तरफ से उपमंडलाधीश आशीष कुमार ने शहीद सुनील कुमार के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। अंतिम संस्कार के दौरान पूरा माहौल सुनील कुमार अमर रहे के नारों से गुंजायमान रहा।

1

उल्लेखनीय है कि गांव किलोई निवासी लगभग 46 वर्षीय बीएसएफ जवान सुनील कुमार मणिपुर में तैनात थे। गत 22 दिसंबर को देश की सेवा करते हुए नक्सली हमले में वे शहीद हो गए। सुनील की शहादत की सूचना मिलते ही परिजनों के अलावा पूरा गांव और आसपास का क्षेत्र गम के माहौल में डूब गया।

1

मंगलवार सुबह सेना के विशेष वाहन में तिरंगे से लिपटा हुआ सुनील का पार्थिव शरीर जैसे ही गांव में पहुंचा, पूरा गांव उनके अंतिम दर्शन के लिए घरों से बाहर निकल आया। पूरी अंतिम यात्रा के दौरान शहीद सुनील कुमार अमर रहे के नारों से आसमान गूंजता रहा।

सेना के जवानों ने परिजनों को देश की आन बान और शान तिरंगा सुनील कुमार के परिजनों को सौंपा। उन्होंने बताया कि सुनील कुमार बहुत ही बहादुर था और उनमें देश सेवा की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी। इसके साथ ही सुनील बड़ा ही मिलनसार स्वभाव का था, जिससे वह सभी का चहेता था। वह अपने साथियों का हमेशा हौंसला बढ़ाता था।

1

सेना की टुकड़ी ने आसमान में गोली दाग कर और मातमी धुन बजाकर शहीद सुनील कुमार को अंतिम विदाई दी। जिला प्रशासन की तरफ से उपमंडलाधीश आशीष कुमार ने शहीद सुनील कुमार के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान शहीद सुनील कुमार के परिजनों ने कहा कि उनको सुनील की शहादत पर गर्व है।

सुनील कुमार करीब 18 वर्ष पहले बीएसएफ में भर्ती हुआ था। उसकी दो बेटियां हैं, बड़ी बेटी स्वाति करीब 18 वर्ष आयु की है तथा छोटी बेटी सिमरन करीब 14 वर्षीय है।

शहीद सुनील कुमार कुछ दिन पहले ही छुट्टी काटकर अपनी ड्यूटी पर गया था। अंतिम संस्कार में भारी संख्या में ग्रामीण व अन्य गणमान्य नागरिक शामिल रहे