हरियाणा की पीएचडी रिसर्च स्कॉलर ने गाइड और को-गाइड पर लगाए गंभीर आरोप, भेदभाव करने और फेलोशिप रोकने
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हरियाणा की जीजेयू फिजिक्स डिपार्टमेंट की एक रिसर्च स्कॉलर ने अपने गाइड और को-गाइड पर गंभीर आरोप लगाते हुए यूनिवर्सिटी के मेन गेट पर प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
रिसर्च स्कॉलर ने उसकी थिसिस के साथ छेड़छाड़ करने, तथ्य चोरी करने, फेलोशिप रोकने और को-गाइड द्वारा हतोत्साहित करने के आरोप लगाए हैं।
छात्रा ने अकेले ही बैनर लेकर यूनिवर्सिटी सिटी गेट पर प्रोटेस्ट किया।
रिसर्च स्कॉलर का कहना है कि उसने डिपार्टमेंट के चेयरपर्सन, प्रॉक्टर और रजिस्ट्रार तक सभी को ई-मेल भेजकर शिकायत की है।
लंबे अर्से से शिकायत करने के बावजूद उसकी पीएचडी न तो कंप्लीट करवाई जा रही है और न ही कोई कार्रवाई की जा रही है।
वह अभी चार दिन प्रदर्शन जारी रखेंगी, यदि इसके बाद भी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उसके साथ न्याय नहीं किया तो वह पूरे मामले का खुलासा करेगी।
प्रदर्शनकारी छात्रा ने बताया कि उसने 2017 में फिजिक्स डिपार्टमेंट में पीएचडी करना शुरू किया था।
उसका कहना है कि उसको हतोत्साहित किया जा रहा है।
छात्रा का आरोप है कि को-गाइड ने तो उसको यहां तक कहा कि लड़कियां कभी शिक्षित नहीं हो सकती।
उसका कहना है कि पीएचडी रिसर्च वर्क में स्वामी और दास नीति अपनाई जाती है, यह बंद होनी चाहिए।
उसकी फेलोशिप जानबूझकर रोकी है।
पीएचडी स्टूडेंट्स के साथ भेदभाव किया जाता है।
इधर... इस बारे में पीएचडी स्कॉलर छात्रा के गाइड का कहना है कि इस मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा बनाई गई कमेटी जांच कर रही है।
फेलोशिप को लेकर पीएचडी स्कॉलर ने ही डॉक्यूमेंटेंशन पूरे नहीं किए हैं। इसलिए यह रुकी है।
मामला संज्ञान में है, संबंधित विभाग अध्यक्ष से बातचीत की जा रही है
जीजेयू के बायो एंड नैनो टेक्नोलॉजी विभाग में पीएचडी रिसर्च स्कॉलर एक छात्रा करीब दो साल पहले भी सुसाइड कर चुकी है।
छात्रा ने भी विभाग के तत्कालीन चेयरमैन और अपने रिसर्च गाइड पर गंभीर आरोप लगाए थे।
छात्रा ने डिपार्टमेंट की लैब में ही सुसाइड किया था। सुसाइड से पहले छात्रा ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को ई-मेल भी की थी।