हरियाणा के सीएम ने मणिपुर में फंसे छात्रों के लिए खुद संभाली कमान, आज रात 11.00 बजे पहुंचेगा पहला बैच

हरियाणा के 16 स्टूडेंट्स मणिपुर हिंसा में फंसे हुए हैं
 
हरियाणा के सीएम ने मणिपुर में फंसे छात्रों के लिए खुद संभाली कमान
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हरियाणा के 16 स्टूडेंट्स मणिपुर हिंसा में फंसे हुए हैं। सरकार की ओर से अभी तक मिली जानकारी के अनुसार फाइनल लिस्ट तैयार कर ली गई है। 
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। स्टूडेंट्स की वापसी का रूट सीएम ने डिसाइड कर लिया है। 
अभी तक स्टूडेंट्स को मणिपुर से कोलकाता फिर दिल्ली लाया जाएगा। इसके बाद देर रात स्टूडेंट्स घर आएंगे।
CM मनोहर मणिपुर की हर स्थिति का अपडेट ले रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि छात्रों को जल्द से जल्द लाने के लिए पूरी व्यवस्था करें।
हरियाणा के मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी मणिपुर में मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों तथा मुख्य सचिव के साथ निरंतर संपर्क में हैं। 
हर स्थिति का अपडेट लिया जा रहा है। मणिपुर के मुख्य सचिव ने बताया है कि वहां हरियाणा के सभी छात्र सुरक्षित हैं और 

उन्हें हर सुविधा प्रदान की जा रही है। किसी भी प्रकार से घबराने की आवश्यकता नहीं है।

जानकारी के मुताबिक हरियाणा के 5 छात्र NIT मणिपुर, 8 छात्र IIIT, मणिपुर और 3 छात्र NSU, मणिपुर में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
वहीं अन्य राज्य भी अपने राज्यों के छात्रों को मणिपुर से निकाल रहे हैं, इसलिए फ्लाइट्स की व्यस्तता औऱ एयर ट्रैफिक के अनुसार हरियाणा सरकार कोलकाता से दिल्ली रूट पर भी विचार कर रही है।

मणिपुर में फंसे स्टूडेंट्स का पहला बैच रात 11:10 पर बजे दिल्ली पहुंच जाएगा। जींद के नरवाला की रहने वाली ऋतु भी पहले बैच में ही पहुंचेगी। 
दोपहर 2:45 पर इंफाल से रितु की फ्लाइट रवाना हो चुकी है। हरियाणा सरकार की ओर से जानकारी दी गई है पहले बैच की फ्लाइट 11:10 पर दिल्ली पहुंच जाएगी।
हरियाणा सरकार की ओर से इस पूरे मामले के लिए रविवार को ही संपर्क किया गया था। 
हरियाणा CMO की ओर से जानकारी दी गई है कि सभी मणिपुर में रह रहे बच्चों को हरियाणा सरकार की तरफ से वापसी की एयर टिकट दिलाई गई है।

दरअसल मणिपुर में ऑल इंडिया ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन ने बुधवार को ट्राइबल सॉलिडेरटी मार्च बुलाया था। 
इसी दौरान आदिवासी और गैर-आदिवासी समुदायों में झड़प हो गई। आदिवासी समुदाय उस मांग का विरोध कर रहा था, जिसमें डिमांड की जा रही है कि गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को शेड्यूल ट्राइब (ST) का दर्जा दिया जाए।