हरियाणा का अब केंद्र में रहेगा दबदबा, तीन सांसदों ने दी मंत्री पद की शपथ, फुल पावर में दिखेंगे खट्टर

हरियाणा के तीन सांसदों को केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिली है। माना जा रहा है कि सबसे पावरफुल मनोहर लाल खट्टर दिखेंगे।
 
हरियाणा का अब केंद्र में रहेगा दबदबा, तीन सांसदों ने दी मंत्री पद की शपथ, फुल पावर में दिखेंगे खट्टर
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हरियाणा के तीन सांसदों को केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिली है। माना जा रहा है कि सबसे पावरफुल मनोहर लाल खट्टर दिखेंगे। उन्हे कैबिनेट मंत्री बनाया गया है वहीं राव इंद्रजीत सिंह और कृष्णपाल गुर्जर को राज्य मंत्री बनाया गया है।

इस बार हरियाणा में लोकसभा की दस सीटों में से भाजपा ने पांच पर जीत हासिल की। इस लिहाज से हरियाणा का केंद्र में रुतबा बढ़ा है। इसे लगभग तीन महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। राव इंद्रजीत और कृष्णपाल गुर्जर मोदी कैबिनेट में लगातार तीसरी बार शामिल होने वाले नेताओं में शामिल हैं। 

माना जा रहा था कि राव इंद्रजीत को इस बार कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है, लेकिन मनोहर लाल के आने की वजह से उन्हें राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। हरियाणा जैसे छोटे राज्य से दो कैबिनेट मंत्री बनाया जाना संभव नहीं था।

पीएम के भरोसेमंद साथी मनोहर लाल
संघ पृष्ठभूमि के मनोहर लाल हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर सहित कई राज्यों के संगठन मंत्री भी रहे हैं। नरेंद्र मोदी जब हरियाणा मामलों के प्रभारी थे, उस समय भी मनोहर लाल ने उनके साथ काम किया था। इतना ही नहीं, मोदी द्वारा मनोहर लाल की ड्यूटी गुजरात में भी लगाई जाती रही है।

हरियाणा में विपरीत परिस्थितियों में भी नरेंद्र मोदी, पूरी तरह से मनोहर लाल के साथ खड़े रहे। इतना ही नहीं, पहले नायब सिंह सैनी को प्रदेशाध्यक्ष और बाद में मुख्यमंत्री भी मनोहर लाल की सिफारिश पर ही बनाया गया। 

2014 में पहली बार करनाल से विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद भाजपा नेतृत्व ने उन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया। 2019 में भी मनोहर लाल के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़ा गया। चुनावी राजनीति की शुरुआत मनोहर लाल ने 2014 में ही की थी। अब वे केंद्र में राजनीति करेंगे।

सिक्सर लगाने वाले राव पहले नेता
हरियाणा से संसद में छठी बार पहुंचने वाले राव इंद्रजीत सिंह अकेले नेता हैं। लगातार लोकसभा के पांच चुनाव जीतने का रिकाॅर्ड भी उन्होंने अपने नाम दर्ज कर लिया है। मोदी पार्ट-1 और 2 में स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री रहे राव इंद्रजीत सिंह को अब तीसरी बार केंद्र में काम करने को मौका मिलेगा। 

दक्षिण हरियाणा में राव इंद्रजीत का अच्छा प्रभाव है। भाजपा ने उनकी सिफारिश पर भी धर्मबीर सिंह को लगातार तीसरी बार भिवानी-महेंद्रगढ़ से टिकट दिया था। धर्मबीर सिंह की जीत में भी राव इंद्रजीत की अहम भूमिका रही। पहली बार उन्होंने 1998 में महेंद्रगढ़ से लोकसभा चुनाव जीता था। 

इसके बाद 2004 में महेंद्रगढ़, 2009, 2014, 2019 और अब 2024 में गुड़गांव संसदीय सीट से जीत हासिल की है। हरियाणा सरकार में दो बार मंत्री रहे इंद्रजीत सिंह 1977, 1982, 1991 और 2000 में जाटूसाना (अब कोसली) से विधायक भी रहे।

गुर्जर पर फिर भरोसा
केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर की गिनती भी मोदी के करीबियों में होती है। मोदी को जब 2013 में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया तो उनकी ही सिफारिश पर गुर्जर को पहली बार फरीदाबाद से लोकसभा चुनाव लड़वाया गया। 

गुर्जर के सांसद बनते ही मोदी ने उन्हें अपनी कैबिनेट में शामिल किया। गुर्जर हरियाणा सरकार में बतौर मंत्री भी काम कर चुके हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के अलावा हरियाणा में भाजपा विधायक दल के नेता रहे कृष्णपाल गुर्जर की पूर्व सीएम मनोहर लाल के साथ भी पुरानी और गहरी नजदीकियां हैं।


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