Haryana Weather Update: हरियाणा में ठंडक ने दी दस्तक, खरीफ की फसलों पर यह होगा असर
Haryana Weather Update: हरियाणा में लगातार बारिश की वजह से ठंडक महसूस होने लगी है। मौसम विभाग के अनुसार अक्टूबर के पहले हफ्ते में मौसमी बदलाव शुरु हो जाता है। इस बदलाव से तापमान में गिरावट शुरु हो जाती है।
इस बार सामान्य से अधिक बारिश होने के कारण ठंड थोड़ी जल्दी शुरू हो सकती है। इन दिनों जो ठंड महसूस हो रही है, वह सिर्फ बारिश के कारण नहीं है, यह ठंड की दस्तक भी है। प्रदेश में 17 ऐसे जिले हैं, जहां दिन का अधिकतम तापमान 30 डिग्री के करीब पहुंच गया है।
मौसम में बदलाव के साथ ही घरों में एसी भी बंद होने लगे हैं। मौसम विभाग ने पंचकूला और यमुनानगर में मौसम में बदलाव की संभावना जताई है। हालांकि, इसे लेकर कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
तापमान में खास बढ़ोतरी नहीं
सूबे के अधिकांश जिलों में दिन में आसमान साफ होने की वजह से तेज धूप निकली, लेकिन सुबह-शाम के तापमान में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हो रही है। सूबे के 17 जिले ऐसे हैं, जहां दिन का अधिकतम तापमान 30 डिग्री के करीब पहुंच गया है। 5 जिलों में अभी गर्मी का एहसास हो रहा है। इनमें सिरसा जिले में हालात ज्यादा खराब हैं, यहां का अधिकतम तापमान सबसे अधिक 37.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।
क्या बोले मौसम विशेषज्ञ ?
हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (HAU) के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन लाल खीचड़ ने बताया कि हरियाणा में अभी मानसून वापसी की तैयारी कर रहा है। 29 सितंबर तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील रहने की संभावना है।
इस दौरान मानसून हवाओं की सक्रियता बढ़ने की संभावना है, जिसके चलते प्रदेश के अधिकांश जिलों में रुक-रुक कर तेज हवाएं चलने तथा गरज के साथ छींटे पड़ने के साथ कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इससे दिन के तापमान में हल्की गिरावट तथा वातावरण में नमी की मात्रा में वृद्धि होने की भी संभावना है।
आगे कैसा रहेगा मौसम
हरियाणा के मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार लगातार बारिश के कारण मौसम में ठंड जल्दी आ रही है। आमतौर पर अक्टूबर के पहले सप्ताह से ठंड शुरू हो जाती है। इस बार सामान्य से अधिक बारिश के कारण ठंड थोड़ी जल्दी आ गई है। हालांकि, सुबह और शाम को अभी भी हल्की ठंड महसूस हो रही है। दिन में अधिकांश जिलों का तापमान 35.0 डिग्री के आसपास पहुंच रहा है। आने वाले दिनों में करीब 1 अक्टूबर से दिन के तापमान में भी गिरावट आएगी। हालांकि, यह गिरावट एक से दो डिग्री तक ही होगी।
खरीफ की फसलों पर यह होगा असर
शुष्क मौसम होने पर रात में पाला गिरने लगता है। पाले से पौधों की कोशिका भित्ति को नुकसान पहुंचता है और कार्बन डाइऑक्साइड, ऑक्सीजन और वाष्प का आदान-प्रदान बाधित होता है। पाले के कारण फूलों का गिरना, पत्तियों का भूरा होना और पौधों में रोग जैसी समस्याएं हो सकती हैं। पाले से सब्जियां, पपीता, आम और अमरूद सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।