Haryana Weather: हरियाणा में गर्मी ने छुड़ाए पसीने, 3 दिन बाद गरज-चमक के साथ होगी झमाझम बारिश, यहां जानें मौसम अपडेट

हरियाणा में सूरज की तपिश ने अब लोगों के पसीने छुड़ाने शुरू कर दिए हैं।
 
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Haryana Weather: हरियाणा में सूरज की तपिश ने अब लोगों के पसीने छुड़ाने शुरू कर दिए हैं। पारा भी 40 के पार पहुंच गया है। सूबे के सभी 22 जिलों में सिरसा सबसे गर्म रिकॉर्ड किया गया। यहां का अधिकतम तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। 

अगले 4 दिनों तक इस गर्मी से कोई राहत मिलने के आसार भी नहीं दिख रहे हैं। हालांकि चंडीगढ़ मौसम विभाग का कहना है कि 18 अप्रैल से बारिश के आसार राज्य में बने हुए हैं।

येलो अलर्ट जारी

राज्य के उत्तर हरियाणा के जिलों के साथ दक्षिण व दक्षिण पूर्व और पश्चिम व दक्षिण-पश्चिम हरियाणा के सभी जिलों में चमक के साथ बारिश की आशंका जताई है। दक्षिण व दक्षिण पूर्व हरियाणा के अंतर्गत आने वाले जिलों को छोड़कर अन्य 14 जिलों में बारिश के 30 से 40 किलोमीटर की तेज हवाएं भी चलेंगी। इन संभावनाओं को देखते हुए मौसम विभाग ने सभी जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है।

43 डिग्री तक पहुंचेगा पारा

विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 14 से 17 अप्रैल तक तापमान में बढ़ोतरी होगी। इन दिनों दिन के अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की बढ़ोत्तरी होगी। इससे सूबे के कई जिलों का तापमान 43 डिग्री तक पहुंचेगा। मौसम विभाग ने तेज गर्मी को देखते हुए बच्चों और बुजुर्गों को घर में रहने की सलाह दी है। साथ ही घर से बाहर निकलने पर धूप से बचने के लिए छाते का प्रयोग करने को कहा है।

किसानों की बढ़ेगी परेशानी

तीन दिनों मौसम में बदलाव के साथ ही हरियाणा के किसानों की मुश्किलें बढ़ेंगी। हरियाणा में अभी भी गेहूं का कटान जारी है। कुछ जिले ऐसे हैं जहां गेहूं कटने के बाद अभी फसल खेतों में ही पड़ी है। ऐसे में यदि मौसम में बदलाव आता है तो फसल को काफी नुकसान हो सकता है। हालांकि सरकार इन दिनों मार्च और अप्रैल के पहले सप्ताह में बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान के लिए गिरदावरी करा रही है।

5 से 7 क्विंटल प्रति एकड़ नुकसान

हरियाणा इस बार 22.9 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की फसल की बुआई की गई है। हर साल सूबे में 45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से ऊपर ही गेहूं की पैदावार होती है, लेकिन बारिश के चलते प्रति हेक्टेयर 5 से 7 क्विंटल पैदावार घटने की कृषि विशेषज्ञों ने संभावना जताई है। इससे किसानों को काफी आर्थिक नुकसान होने का अनुमान है।