Haryana News : हरियाणा का ये गांव 24 घंटे के लिए किया सील, न कोई गांव से बाहर गया, न कोई अंदर आया

यूं तो जमाना काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है और हम आज २१वीं सदी में पहुंच गए हैं। भारत देश ने चंद्रमा के दक्षिणी छोर पर अपनी दस्तक दे दी है।
 
हरियाणा का ये गांव 24 घंटे के लिए किया सील
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Haryana News : यूं तो जमाना काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है और हम आज २१वीं सदी में पहुंच गए हैं। भारत देश ने चंद्रमा के दक्षिणी छोर पर अपनी दस्तक दे दी है। लेकिन हरियाणा का एक गांव ऐसा भी है, जो अपने पूर्वजों के समय से चली आ रही परंपरा का निर्वहन कर रहा है। 

रोहतक जिले के लाखन माजरा खंड के गांव खरक जाटान के लोग आज भी अपने पूर्वजों द्वारा शुरू की गई एक प्राचीन परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। हर साल ही इस गांव के लोग भाद्रपद महीने में एक दिन 24 घंटे के लिए अपने गांव को सील कर देते हैं। इस दौरान इस गांव का कोई भी व्यक्ति गांव से बाहर नहीं जा सकता और न ही बाहर से किसी व्यक्ति को गांव में प्रवेश करने दिया जाता।

ग्रामीण इस नियम का पालन करवाने के लिए गांव की सीमाओं पर पहरा देते हैं। वे यह इसलिए करते हैं ताकि उनके पशुओं में किसी प्रकार की बीमारी न फैले। इस बार भी ग्रामीणों ने प्राचीन परंपरा का पालन किया।

शुक्रवार रात को 12 बजे गांव की सभी सीमाएं सील कर दी गई और शनिवार रात तक गांव की सीमाएं सील रही। गांव के सरकारी स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र और अन्य सरकारी संस्थाओं में भी इस दिन छुट्टी रही। क्योंकि कर्मचारियों के गांव में प्रवेश पर पूरी तरह पाबंदी थी। 

जिन लोगों को शनिवार के दिन कोई जरूरी काम था। शुक्रवार दिन में ही गांव छोड़ना पड़ा। जो लोग अनजाने में ही शनिवार को गांव में जाने के लिए आए थे। ऐसे लोगों को गांव से बाहर ही ठहराया गया। परंपरा के मुताबिक गांव में किसी के घर में कोई चूल्हा नहीं जलाया। 

इस दिन गांव के सभी लोगों ने बासी भोजन किया। महिलाओं ने मीठी रोटियां बनाकर पहले ही रख ली थी। किसी भी घर में दूध नहीं बिलौया गया। पशुओं के लिए भी ग्रामीणों ने एक दिन पहले चारे का इंतजाम कर लिया था। 

गांव में सामूहिक रूप से हवन किया गया। गांव के सभी पशुओं को हरी डाभ की रस्सी के नीचे से गुजारा गया और उन्हें गंगाजल का छींटा लगाया गया। पूरे गांव में गुगली धूप की धूणी का धुंआ किया गया।