Haryana news : हरियाणा के इस जिले की बेटी बनी सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल, दहेज लोभियों को दिया तगड़ा झटका

अंजलि का कहना है कि महिला सशक्तिकरण के लिए ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को अपनी बेटियों को आगे बढ़ाना होगा और उच्च शिक्षा दिलानी होगी. बेटियां पढ़ेंगी तभी समाज का विकास होगा। अंजलि का दहेज लालची लोगों के लिए भी एक स्पष्ट संदेश है।
उनका कहना है कि बेटे के माता-पिता दहेज की मांग करते हैं. लेकिन इसके लिए बेटी के माता-पिता भी दोषी हैं. यदि दहेज में दी गई रकम अपनी बेटी की पढ़ाई पर खर्च कर दी जाए तो दहेज देने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। पटौदी ब्लॉक के खेतियावास गांव निवासी अंजलि यादव का सैन्य नर्सिंग सेवा में लेफ्टिनेंट पद पर चयन हुआ है।
ऑल इंडिया में आठवीं रैंक हासिल की
अंजलि ने ऑल इंडिया में आठवीं रैंक हासिल की है। लेफ्टिनेंट बनने के बाद अंजलि यादव के परिवार और पूरे गांव में खुशी का माहौल है। अंजलि के चाचा मुकेश यादव बताते हैं कि उनके बेटे को शुरू से ही सेना में जाने का शौक था.
अंजलि शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल थी
अंजलि यादव ने अपनी 10वीं और 12वीं कक्षा सूरज स्कूल, रेवाड़ी से पूरी की। शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रहने वाली अंजलि यादव ने 10वीं और 12वीं कक्षा में 92 प्रतिशत अंक हासिल किए। अंजलि के पिता राजीव यादव सेना में सूबेदार के पद पर जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं।
अंजलि यादव का कहना है कि शिक्षा किसी भी व्यक्ति का सबसे बड़ा गहना है। लोगों को उनका संदेश है कि बेटियों को बेटों के बराबर माना जाए और उच्च शिक्षा दी जाए। कम उम्र में बेटियों की शादी न करें। पढ़ी-लिखी बेटी दो-दो घर संभालती है। बेटी पढ़ेगी और आगे बढ़ेगी तो समाज का विकास होगा।
आज हम सब महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं। बेटी की शिक्षा से ही सही मायने में महिला सशक्तिकरण हो सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों को बेटियों के प्रति अपनी रूढ़िवादी मानसिकता बदलने की जरूरत है।