Haryana : रेवाड़ी मे बनने वाले AIIMS के शिलान्यास की चर्चाएं हुई शुरू, 8 साल में इस बड़े प्रोजेक्ट की राह में रोड़े ही बिछते आ रहे नजर

 
रेवाड़ी मे बनने वाले AIIMS के शिलान्यास की चर्चाएं हुई शुरू,
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Haryana : हरियाणा के दक्षिणी छौर में बसे रेवाड़ी जिले में बनने वाले देश के 22वें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की राह में आई अड़चने दूर होने पर अब शिलान्यास को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है।

पिछले 8 साल के अंतराल में इस बड़े प्रोजेक्ट की राह में सिर्फ रोड़े ही बिछते नजर आ रहे थे। पहले जमीन की लेकर पेंच फंसा फिर टेंडर प्रक्रिया पूरी होने में समय में लगा। 

3 माह पहले हुआ टेंडर 11 दिन पहले कंपनी द्वारा तय नियम पूरे नहीं करने के कारण रद्द हो गया। एक बार फिर टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 24 नवंबर को टेंडर होगा। ऐसे में अगले माह दिसंबर के पहले सप्ताह में एम्स का शिलान्यास की संभावनाएं है।

5 दिन पहले रेवाड़ी दौरे पर आए केंद्रीय मंत्री और गुरुग्राम से मौजूदा भाजपा सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने भी 24 नवंबर को टेंडर हो जाने की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने यहां तक कहा कि प्रधानमंत्री के हाथों शिलान्यास होने के बाद सप्ताहभर के अंदर-अंदर एम्स का निर्माणकार्य शुरू होने और अगले 6 माह के अंदर OPD भी शुरू कराने का दावा किया।

हालांकि कुछ इसी प्रकार की संभावनाएं सितंबर माह में भी बनी थी। 23 सितंबर को एम्स के शिलान्यास की चर्चा के साथ ही अधिकारिक रूप से तैयारियां भी शुरू हो गई थी।

डीसी-एसपी ने साइट विजिट के साथ-साथ मुख्यालय पर प्रधानमंत्री के संभावित दौरे को लेकर बैठकें भी लेनी शुरू कर दी थी। लेकिन कुछ दिन में ही इन चर्चाओ पर विराम लग गया। 23 सितंबर को होने वाले शिलान्यास कार्यक्रम को स्थगित करने का कारण अभी तक सामने नहीं आया है।

2015 में हुई घोषणा, केंद्र ने 2019 में अंतरिम बजट में शामिल किया

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मनेठी गांव में एम्स बनाने की घोषणा की थी साथ ही बता दें कि रेवाड़ी के कस्बा बावल में जुलाई 2015 में आयोजित रैली के दौरान इसके लिए मनेठी की पंचायत की तरफ से 200 एकड़ से ज्यादा जमीन दी गई। 

ये घोषणा फाइलों में कई साल से अटकी रही। एक साल तक मनेठी के ग्रामीणों ने संघर्ष किया। उसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने अंतरिम बजट में मनेठी में एम्स बनाने की घोषणा की थी।

लेकिन इसी बीच वन सलाहाकार समिति की तरफ से मनेठी की जमीन को वन क्षेत्र बताते हुए उस पर आपत्ति लगा दी। पर्यावरण विभाग की आपत्ति के चलते इस जमीन को रिजेक्ट कर दिया गया। 

इसके बाद साथ लगते माजरा गांव के ग्रामीणों ने एम्स के जमीन की पेशकश की। सरकार ने पंचायती जमीन के साथ ही गांव के किसानों की जमीन का अधिग्रहण भी किया।

कुल 210 एकड़ जमीन अधिग्रहण हो चुकी है। प्रदेश सरकार की तरफ से इस स्वास्थ्य मंत्रालय के नाम भी ट्रांसफर किया जा चुका है। इसी साल जुलाई माह में स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से एम्स को लेकर टेंडर भी किया गया, लेकिन 3 अक्टूबर को ये टेंडर कंपनी की तकनीकी खामियों के कारण रद्द हो गया। 

अब फिर से टेंडर खोले जा चुके है। 24 नवंबर को टेंडर होने की पूरी संभावना है।

कई जिलों को होगा फायदा

रेवाड़ी में एम्स के बनने के बाद यहां के लोगों को खासकर रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, भिवानी, रोहतक, झज्जर, मेवात, पलवल व फरीदाबाद सहित राजस्थान के अलवर व झुंझुनू जिलों को भी इसका फायदा मिलेगा। 

एम्स में प्रत्यक्ष रूप से करीब 3000 व अप्रत्यक्ष रूप से करीब 10 हजार लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत हरियाणा को केंद्र सरकार की ओर से सौगात मिलेगी।

750 बिस्तर का होगा एम्स

करीब 1300 करोड़ केंद्र सरकार एम्स के निर्माण पर खर्च करेगी। एम्स 750 बिस्तरों का अस्पताल होगा, जिसमें मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज सहित आईसीयू स्पेशलिस्ट व सुपर स्पेशलिस्ट सहित करीब 1500 व्यक्तियों को प्रतिदिन ओपीडी में देखने की सुविधाएं होंगी।

इसके अलावा प्राइवेट वार्ड, ट्रॉमा बेड व आयुष बेड की सुविधाएं भी कैंपस में मिलेंगे। कैंपस में नाइट शेल्टर, गेस्ट हाउस 1000 सीटों का ऑडिटोरियम, हॉस्टल व रेजिडेंसल सुविधाएं भी बनाई जाएंगी। 

इस एम्स में स्वास्थ्य सुविधाओं के बढ़ोतरी के साथ मेडिकल एजुकेशन, नर्सिंग और स्वास्थ्य संबंधित रिसर्च अनुसंधान को भी बढ़ावा मिलेगा।