Haryana Roadways Dept: हरियाणा रोडवेज कर्मियों की दूसरे विभागों में ड्यूटी पर लग सकता है ब्रेक, ये है नया फॉर्मूला

 
Haryana Roadways Dept: हरियाणा रोडवेज कर्मियों की दूसरे विभागों में ड्यूटी पर लग सकता है ब्रेक, ये है नया फॉर्मूला
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Haryana Roadways: हरियाणा रोडवेज के डिपो में कार्यरत चालक व परिचालकों के अब दूसरी जगह ड्यूटी पर रोक लग सकती है। निदेशालय ने महाप्रबंधकों से उनके बारे में रिपोर्ट मांगी है। जारी पत्र में गुरुग्राम, चरखी दादरी, झज्जर, नूंह, नारनौल व रेवाड़ी से पूरी जानकारी मांगी गई है। कहा गया है कि सामाजिक कार्यकर्ता रामनिवास पाटौदा की ओर से शिकायत मिली है। जिस पर उक्त जिलों के महाप्रबंधकों से टिप्पणी मांगी गई है।

इधर, इस मामले में रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान आजाद सिंह गिल और सुधीर अहलावत का कहना है कि राज्य के डिपुओं में जितनी भी रोडवेज बसें है, उनमें कोई खड़ी नहीं रहती है। सभी चल रही हैं। विभाग में क्लर्क, वर्कशॉप, इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर और बुकिंग स्टाफ आदि में पद खाली हैं। ऐसे में वहां पर अस्थाई तौर पर चालक-परिचालक को लगा दिया जाता है। इससे कोई भी बस प्रभावित नहीं होती है। यदि चालक-परिचालक को मूल ड्यूटी पर लगाया, तो बसें ही कम रह जाएंगी।

बसों की स्पीड लिमिट भी हुई निर्धारित

हरियाणा रोडवेज की बसों की स्पीड लिमिट अब पूरी तरह से निर्धारित कर दी गई है। प्रदेश सरकार के परिवहन विभाग ने यह निर्णय लिया है कि रोडवेज की बसें अब निर्धारित स्पीड लिमिट के भीतर ही चलेंगी। नेशनल हाईवे पर बसों की अधिकतम गति 80 किलोमीटर प्रति घंटा होगी, जबकि अन्य मार्गों पर भी बसें निर्धारित गति सीमा के दायरे में ही चलेंगी।

यह कदम सीएम विंडो पर ओवर स्पीड को लेकर आए एक मामले के बाद उठाया गया था। इसके बाद निदेशालय ने सभी महाप्रबंधकों को निर्देश दिए हैं कि वे सरकारी और किलोमीटर स्कीम की बसों को निर्धारित गति सीमा के भीतर चलाने के लिए कदम उठाएं। हाल ही में, हरियाणा रोडवेज की बसों के तेज रफ्तार में दौड़ने वाले कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।

रात्रि ठहराव के नियमों में भी बदलाव

अब से रोडवेज के चालक और परिचालक एक महीने में किसी शहर या गांव में 10 या उससे अधिक दिनों तक रात्रि ठहराव नहीं कर पाएंगे। यदि ऐसा होता है, तो इसके लिए महाप्रबंधकों को निदेशालय और एसीएस से मंजूरी प्राप्त करनी होगी। महीने में 10 दिनों तक रात्रि ठहराव के बिल महाप्रबंधक के स्तर पर पास किए जा सकेंगे, लेकिन इसके बाद के बिलों को मुख्यालय से पास करवाना होगा।