हरियाणा में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन के लिए रोड मैप तैयार: मुख्य सचिव

राज्य और जिला स्तर पर जांच अधिकारियों-फील्ड अधिकारियों के लिए पांच दिवसीय क्रैश कोर्स हितधारकों को दी जा रही है कानूनी और तकनीकी पहलुओं की जानकारी 

 
हरियाणा में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन के लिए रोड मैप तैयार: मुख्य सचिव
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राज्य और जिला स्तर पर जांच अधिकारियों-फील्ड अधिकारियों के लिए पांच दिवसीय क्रैश कोर्स हितधारकों को दी जा रही है कानूनी और तकनीकी पहलुओं की जानकारी 

चंडीगढ़, 21 मई- हरियाणा सरकार ने तीन नए आपराधिक कानूनों-भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 के कार्यान्वयन के लिए एक रोड मैप तैयार कर लिया है। इसके लिए तीन प्रमुख विभागों-पुलिस, जेल और अभियोजन ने कमर कस ली है। इन्होंने तीनों आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करना और इन तीन कानूनों के बारे में अपने अधिकारियों को संवेदनशील बनाने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन करना भी शामिल है।

हरियाणा के मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में आयोजित एक समीक्षा बैठक में भाग लेने के बाद यह जानकारी दी। बैठक में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा तैयार किए गए रोड मैप की प्रगति और कार्रवाई की समीक्षा की गई।

श्री प्रसाद ने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन के लिए अपनी क्षमता निर्माण पहल और तैयारी में तेजी लाई जा रही है। मास्टर ट्रेनर और पुलिस अधिकारियों के प्रशिक्षण को प्राथमिकता देते हुए, विभाग का लक्ष्य इन नए विनियमों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना है।

        विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि 15 मई, 2024 तक, विभाग द्वारा 9,000 मास्टर ट्रेनर्स की पहचान की गई है, जिनमें से 3,045 पहले से ही राज्य प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षित हैं। इसके अलावा, 5,302 जांच अधिकारियों और फील्ड अधिकारियों ने अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है, जिनमें से 5,093 को राज्य प्रशिक्षण केंद्रों में क्रैश कोर्स के माध्यम से और 209 को केन्द्रीय पुलिस प्रशिक्षण अकादमी (सी.ए.पी.टी.)/केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान (सी.डी.टी.आई.) में प्रशिक्षित किया गया है। राज्य का लक्ष्य 30 जून, 2024 तक सभी मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण पूरा करना है।

उन्होंने बताया कि नए कानूनों के प्रति व्यापक संवेदनशीलता सुनिश्चित करने के लिए राज्य और जिला, दोनों स्तरों पर जांच अधिकारियों और फील्ड अधिकारियों के लिए पांच दिवसीय क्रैश कोर्स चलाए जा रहे हैं।

मुख्य सचिव ने बताया कि हरियाणा पुलिस अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ तत्परता से सहयोग कर रही है, प्रशिक्षण सामग्री और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एस.ओ.पी.) को सांझा कर रही है। हरियाणा पुलिस अकादमी, मधुबन की पुलिस महानिरीक्षक डॉ. राजश्री सिंह को आपराधिक कानूनों पर प्रशिक्षण के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। नए कानूनों पर प्रशिक्षण पुस्तिकाएं और कार्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं और जल्द ही पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बी.पी.आर. एंड डी.) के साथ सांझा किए जाएंगे। 

श्री प्रसाद ने बताया कि हरियाणा पुलिस अकादमी द्वारा मधुबन में लोक अभियोजकों को नए अधिनियमित आपराधिक कानूनों से परिचित कराने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ये कार्यक्रम आगामी जुलाई माह तक जारी रहेंगे। प्रशिक्षण और तैयारी के लिए हरियाणा पुलिस विभाग का सक्रिय दृष्टिकोण कानून के शासन को कायम रखने और नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की इसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

        मुख्य सचिव ने कहा कि जेल विभाग ने भी नये आपराधिक कानूनों के बारे में डी.आई.जी. और उससे ऊपर के अधिकारियों को जागरूक करने के लिए कदम उठाए हैं। केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा डी.आई.जी. और उससे ऊपर के अधिकारियों के लिए तैयार किए गए नए आपराधिक कानूनों के संवेदीकरण पर मॉडल पाठ्यक्रम की प्रतियां गहन अध्ययन और समझने के लिए विभाग के सभी अधिकारियों को भेज दी गई हैं। इसी प्रकार, नए आपराधिक प्रमुख कानून, 2023 पर जेल अधीक्षक से लेकर वार्डर रैंक तक के जेल अधिकारियों को संवेदनशील बनाने पर मॉडल पाठ्यक्रम की एक हार्ड कॉपी गहन अध्ययन के लिए जेल अधीक्षक से लेकर वार्डर रैंक तक के प्रत्येक अधिकारी व कर्मचारी को भेज दी गई है। उन्होंने कहा कि अभियोजन विभाग, हरियाणा नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन का नेतृत्व करेगा। गतिविधियों में कानूनी और तकनीकी, दोनों पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इनके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सभी हितधारकों को सूचित और सुसज्जित किया जाए। कानूनी पहलू में, सभी हितधारकों को तीन नए आपराधिक कानूनों के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी। तकनीकी पहलू में, इलेक्ट्रॉनिक मोड/ऑनलाइन माध्यम से एफ.आई.आर. के पंजीकरण, पुलिस स्टेशनों, लोक अभियोजक कार्यालयों, एफ.एस.एल., जेलों और अदालतों में पर्याप्त बुनियादी ढांचे और जनशक्ति की उपलब्धता, तीन नए आपराधिक कानूनों के उपयुक्त प्रावधानों के तहत एफ.आई.आर. के पंजीकरण के संबंध में जांच अधिकारी/मुंशी का प्रशिक्षण, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से साक्ष्य, फॉरेंसिक टीम द्वारा अपराध स्थल से फिंगर प्रिंट/रक्त के नमूने सहित साक्ष्य उठाने और एंड्रॉयड आधारित पुलिस मोबाइल ऐप विकसित करने जैसी गतिविधियां शामिल होंगी। आई.पी.एस. अधिकारी श्रीमती मनीषा चौधरी की अध्यक्षता में एक अंतर-विभागीय समिति 24 मई, 2024 तक एक व्यापक रोडमैप और कार्य योजना विकसित करेंगी।

        श्री टी.वी.एस. एन. प्रसाद ने बताया कि महाधिवक्ता कार्यालय ने नए कानूनों को लागू करने के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया है। कार्यान्वयन के सभी पहलुओं पर चर्चा करने के लिए कानून अधिकारी व्यापक शोध कर रहे हैं और जून 2024 में निर्धारित वेबिनार में भाग लेंगे। इसके अतिरिक्त, कानून अधिकारी तीन नए आपराधिक कानूनों की अपनी समझ और तैयारियों को बढ़ाने के लिए केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान में भी पाठ्यक्रमों में भाग लेंगे।

बैठक में हरियाणा पुलिस महानिदेशक, श्री शत्रुजीत कपूर, पुलिस महानिदेशक, जेल मो. अकील तथा पुलिस, अभियोजन, विधि एवं विधायी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।