हरियाणा पुलिस का ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह पर बड़ा एक्शन, सिरसा, फतेहाबाद, जींद के युवक पकड़े

हरियाणा में इन दिनों साइबर ब्रांच की टीमों ने ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह पर शिकंजा कस दिया है।
 
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हरियाणा में इन दिनों साइबर ब्रांच की टीमों ने ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह पर शिकंजा कस दिया है। इसी के चलते पुलिस की टीम ने गुरुग्राम में ऑनलाइन गेमिंग में मोटा प्रोफिट देने का झांसा देकर लोगों से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। 

पुलिस ने गिरोह के सरगना सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपियों से 28 मोबाइल फोन व 3 लैपटॉप बरामद कर कार्रवाई शुरु कर दी। पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है। ठगी की कई वारदातों का खुलासा होने की उम्मीद है।

साइबर ईस्ट थाना के प्रभारी इंस्पेक्टर सवित कुमार को सूचना मिली कि सेक्टर 52 गुरुग्राम में गेमिंग में इन्वेस्टमेंट के बदले मोटा प्रॉफिट का झांसा देकर रुपए इन्वेस्टमेंट कराने के नाम पर ठगी का रैकेट चल रहा है। जिस पर एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान के निर्देशन में गठित टीम ने सेक्टर-52 स्थित ऑफिस पर रेड की। 

इस दौरान टीम ने पाया कि इस आफिस को फर्जी/अवैध तरीके से संचालित किया जा रहा है, जिसमें आरोपियों द्वारा अलग-अलग गेम खिलाकर इन्वेस्टमेंट करने के नाम पर धोखाधड़ी करके ठगी की जा रही है। 

पुलिस टीम ने रैकेट के मालिक/संचालक सहित आठ आरोपियों को काबू किया। जिनकी पहचान रैकेट के संचालक फतेहाबाद के सुनील कुमार उर्फ सोनू, फतेहाबाद के पवन, अर्शदीप, तरुण, सिरसा के पारसदीप, हिसार के दीपक, जींद के हिमांशु व जम्मू कश्मीर के राजेंद्र के रुप में हुई।

पुलिस द्वारा काबू किए गए आरोपी 18 से 25 साल तक के युवा हैं। आरोपी सुनील उर्फ सोनू धोखाधड़ी के रैकेट का संचालक है। इस रैकेट का एक सदस्य श्रीलंका से भी इस तरह की अवैध गतिविधियां चलाता है। 

सुनील ने आरोपियों को सेलरी/कमीशन पर रखा हुआ है और ठगी गई राशि में से कमीशन/बोनस के तौर पर दो प्रतिशत रुपए भी देता था। सुनील पिछले एक वर्ष से अपने एक अन्य साथी तथा आरोपियों के साथ मिलकर यह काम कर रहा है। 

ये खुद को विभिन्न कंपनियों के कर्मचारी बताकर लोगों से बातचीत करके उनको ऑनलाईन गेमिंग तथा इन्वेस्टमेंट करने के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में रुपए ट्रांसफर करवाकर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। ठगी की वारदात को अंजाम देने के लिए वह गेमिंग/ इन्वेस्टमेंट के लिए वेबसाईट लिंक, बैंक खाता इत्यादि एक अन्य साथी उपलब्ध करवाता था।