Haryana Outsourcing Employees: हरियाणा में आउटसोर्सिंग कर्मचारी नाराज, अब ये है मांग

हरियाणा में आउटसोर्सिंग कर्मचारी नाराज, अब ये है मांग 
 
Haryana Outsourcing Employees: हरियाणा में आउटसोर्सिंग कर्मचारी नाराज, अब ये है मांग 
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Haryana Outsourcing Employees: हरियाणा में आउटसोर्स पार्ट-।। कर्मचारी संगठन हरियाणा के राज्य प्रधान रामरतन, के नेतृत्व में आज 15 अगस्त को प्रदेश की कार्यकारिणी तथा विभिन्न विभागों स्वास्थ्य, आईटीआई, हायर एजुकेशन, सिंचाई, पीडब्ल्यूडी, फूड एंड ड्रग, बिजली, पशुपालन, रोडवेज, रेवेन्यू, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, ई. एस. आई. हेल्थ केयर, वस्तुकला, आयुष तथा पंचायत राज के विभागीय प्रधानों की विडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से सरकार द्वारा लाए जाने वाले काले कानून पूरजोर विरोध किया गया। 

मीटिंग में सर्व सहमति से निर्णय लिया गया है कि 22 जुलाई और 3 अगस्त को संगठन व सरकार के साथ जो समझौता किया गया उसे सरकार ने दरकिनार किया है। 

हरियाणा प्रदेश के विभागों में कार्यरत पार्ट-।। तथा हारट्रोन कर्मचारी ही ऐसे कर्मचारी है जो पिछले 3-15 वर्षो से ग्रुप बी.,सी. तथा डी. केटेगरी में स्वीकृत रिक्त पदों पर निर्धारित प्रकिया का पालन करते हुए रेगुलर भर्ती की तरह विभागाध्यक्ष द्वारा सेवा नियमों के अनुसार सार्वजनिक विज्ञापन/रोजगार कार्यालय के माध्यम से लिखित परीक्षा, इन्टरव्यू. स्किल टैस्ट पास करके मेरिट आधार पर रोस्टर रिजर्वेशन के अनुसार भर्ती किए गए थे। 

परन्तु हरियाणा सरकार ने आंखों पर काली पट्टी बांध कर सभी कर्मचारियों को सर्विस सिक्योर्टी अध्यादेश ला कर पार्ट-।। तथा हारट्रोन कर्मचारियों के भविष्य को अंधकार में ढकेल दिया है। 

अंनुबंधित कच्चे कर्मचारी रैगुलराईजेशन पाॅलिसी लाने की आशा में अपने परिवारों के भविषय की उम्मीद लगा कर बैठे हुए थे कि सरकार कच्चे कर्मचारियों को पक्का करेगी, और अपने बच्चों को सुुख सुविधाएं मोहिया करवायेगें, परंतु सरकार ने अपनी हटधर्मिता के सामने वादा खिलाफी काला कानून बना कर कर्मचारियों के मनोबल को चूर-चूर कर दिया है। 

पार्ट-।। तथा हारट्रोन कर्मचारी संवैधानिक तरीके से पक्का होने का पूर्ण अधिकार रखते है। सरकार को इन कर्मचरियों के लिए रैगुलराईजेशन पाॅलिसी लाकर नियमित किया जाना चाहिए था जोकि इन कर्मचारियों के अधिकारों को छिनने का काम किया है, इन कर्मचारियों को नियमित करने के लिए कोई भी कानूनी अडचन नही थी। 

इस कानून को लाकर सरकार ने अपनी राजनीतिक रोटियों सेकने तथा कर्मचारियों को धोखा देने का काम किया है। इस अध्यादेश से कर्मचारियों को सिवाय नुकसान के कोई फायदा नही है। प्रत्येक पार्ट-।। कर्मचारी अपनी 58 वर्ष की आयु तक सेवा में बना तो रहेगा परंतु कर्मचारी अपनी आवाज न तो खुल कर उठा सकता और न ही न्यायालय में न्याय के लिए जा सकता।

हरियाणा सरकार ने कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की बजाय काला कानून ला कर कभी भी पक्के न होने का रास्ता बंद कर दिया है। जिसका प्रदेश का प्रत्येक कर्मचारी इस काले कानून का पुरजोर विरोध करता है व घोर निंदा करता है। 

सभी अनुबंधित कच्चे कर्मचारियों को एक ही छत के नीचे लाकर खडा कर दिया है, जिससे हरियाणा प्रदेश के पार्ट-।। तथा हारट्रोन कर्मचारी बिल्कुल भी संतुष्ट नही है क्योंकि कर्मचारियों को निम्न में से रेगुलर कर्मचारी के समक्ष कोई भी लाभ नही दिया जाएगा। 

पार्ट-।। कर्मचारियों को इस काले कानून को आने से निम्नलिखित लाभों से रखा जाएगा वंचित सम्मानजनकः मंहगाई भत्ता, एच0आर0ए0, मैडिकल भत्ता, एल.टी.सी., अर्जित अवकाश, शीशु देखभाल अवकाश, अनुकम्पा सहायता, कर्मचारियों को कैसलैस मेडिकल सुविधा, स्पेशल अलाउंस, चाइलड एजुकेशन अलाउंस, लाॅन व एडवांस, पदोन्नती, ए0सी0पी0, लीव इनकेशमेंट, जी0आई0एस0 तथा पैंशन इत्यादि। 

पार्ट-।। तथा हारट्रोन कर्मचारियों के साथ की जा रही नाइंसाफी प्रदेश की जनता कभी माफ नही करेगी सरकार को इसका खामियाजा आने वाले विधानसभा चुनावों भुगतना पड सकता है। आउटसोर्स पार्ट-।। तथा हारट्रोन कर्मचारियों में एक्ट को लेकर भारी रोष है, जल्द ही आगामी रणनीति तैयार कर सी0एम0 आवस का घेराब करेगें तथा आर या पार की लडाई के लिए रोडों पर उतरेगें। 

इस मौके पर आउटसोर्स पार्ट-।। कर्मचारी संगठन के राज्य महासचिव योगेश चंद्र, प्रेस सचिव सतवीर, संयोजक संदीप देशवाल, प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर संजय मुंडे, हायर एजुकेशन विभाग से धर्मेंद्र दहिया, रविंद्र कुमार, रोहित कुमार, रंजना, स्वास्थ्य विभाग से दर्शन हुडा, बिजली विभाग जसपाल टोपरा, रोडवेज विभाग से सुदीप सांगवान, पंचायत विभाग से अमित पांचाल,

ग्रिवांस कमेटी से अश्वनी मलिक, प्रदीप राणा, ओम राम, राजकुमार तथा आईटीआई यूनियन की प्रधान मैडम अनिता, अमित ढिल्लो, जय दीक्षित, बिजली विभाग से सुभाष रोहिला, सुनील कुमार, सवीन जी, रूपेश गोयत, राजकुमारी, सुमन, विनीता सिचाई विभाग से मुकेश पटवारी, पी,डब्ल्यू,डी, रवि कुमार, चिराग, कार्यकारिणी सहयोगी मोहन सुथार, रोहताश, संजय शर्मा, विकास मलिक, बिन्टू मोर, महीपाल मलिक, हरीश चावला, सहित विभिन्न विभागों के सैंकड़ों की संख्या में पार्ट-।। कर्मचारी मौजूद रहें।