Haryana news : हरियाणा में प्रीपेड बिजली मीटर लगाने का काम जोरों पर, अगले महीने से मोबाइल की तरह रिचार्ज हो जाएंगे

 
 हरियाणा में प्रीपेड बिजली मीटर लगाने का काम जोरों पर, अगले महीने से मोबाइल की तरह रिचार्ज हो जाएंगे
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Haryana news : केंद्र सरकार रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत देशभर में बिजली वितरण व्यवस्था में बदलाव करने जा रही है। इसके तहत हरियाणा में भी प्रीपेड स्मार्ट बिजली मीटर लगाए जाएंगे। हरियाणा से सांसद चुने गए केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर

इसके बाद दूसरे चरण में आम उपभोक्ताओं के घरों पर मीटर लगाए जाएंगे। हरियाणा में करीब 2.75 लाख सरकारी कर्मचारी हैं। वहीं अगर बिजली उपभोक्ताओं की बात करें तो हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर 70 लाख 46 हजार हो गई है। इसमें उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) के 32 लाख 84 हजार और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के 37 लाख 62 हजार बिजली उपभोक्ता हैं। स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली मीटर को मोबाइल की तरह रिचार्ज करना होगा। विज्ञापन

प्रीपेड बिजली मीटर से जुड़ी 4 अहम बातें…

1. बिजली वाउचर या टोकन खरीदना होगा प्रीपेड बिजली मीटर बिजली इस्तेमाल करने से पहले उसका भुगतान करने की व्यवस्था है। इसमें उपभोक्ता को बिजली इस्तेमाल करने के लिए बिजली वाउचर या टोकन खरीदना होता है। इन वाउचर को मीटर में डालकर बिजली सप्लाई शुरू कर दी जाती है। बिजली वाउचर खत्म होने के बाद बिजली सप्लाई फिर से शुरू करने के लिए नए वाउचर खरीदने पड़ते हैं। जैसे हम मोबाइल में वैल्यू पैक लेते हैं, वैसे ही बिजली मीटर को जितनी यूनिट की जरूरत हो, उतनी यूनिट रिचार्ज करा सकते हैं। यूनिट खत्म होते ही बिजली बंद हो जाएगी। इससे पहले मोबाइल पर 2 से 3 अलर्ट आएंगे।

2. उपभोक्ताओं का बिल भी बकाया नहीं रहेगा। हर कनेक्शन के मीटर की ऑनलाइन निगरानी होगी, ताकि बिजली चोरी रोकी जा सके। स्मार्ट मीटर की खास बात यह है कि इसे मोबाइल की तरह रिचार्ज करना होगा, जितना रिचार्ज होगा, उतनी बिजली मिलेगी। इससे बिजली चोरी रोकने में मदद मिलेगी। उपभोक्ताओं का बिल भी बकाया नहीं रहेगा। सबसे पहले सरकारी विभागों में प्रीपेड मीटर लगेंगे। फिर घरेलू और व्यावसायिक कनेक्शनों में प्रीपेड मीटर लगेंगे। कृषि कनेक्शनों को इस योजना में शामिल नहीं किया गया है।

3. मोबाइल टावर से बिजली कंपनी को मिलेगा सिग्नल स्मार्ट मीटर में एक डिवाइस होगी, जो मोबाइल टावर से सिग्नल को बिजली कंपनियों में लगे रिसीवर तक पहुंचाएगी। जिससे बिजली कंपनियां मीटर की रीडिंग लेकर ऑफिस से इसकी मॉनिटरिंग कर सकेंगी। ऐसा होने पर मीटर रीडिंग के लिए कर्मचारी भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही रीडिंग लिखने में भी गलती नहीं होगी। मीटर से किसी तरह की छेड़छाड़ की जानकारी भी तुरंत मिल सकेगी।

4. स्क्रीन पर दिखेगी खपत उपभोक्ता को मीटर की स्क्रीन पर मौजूदा बिजली, बकाया बिल और खपत की पूरी जानकारी मिलेगी। उपभोक्ता इसमें प्रीपेड भुगतान कर सकेंगे। यानी जितना भुगतान किया है, उतनी बिजली मिलेगी। मोबाइल कंपनियों की तरह इनमें भी पैकेज होंगे। बिजली का लोड बढ़ने पर मीटर में अलार्म बजेगा। इससे उपभोक्ता को तत्काल जानकारी मिल सकेगी और वह खपत कम कर सकेगा।