Haryana news : हरियाणा में डॉक्टरों का नया कारनामा, किडनी के दर्द में भर्ती हुए मरीज की बाईपास सर्जरी कर डाली, 2 डॉक्टरों पर FIR
Haryana news : हरियाणा के हिसार जिले में डॉक्टरों का नया कारनामा सामने आया है। जहां किडनी के दर्द का इलाज कराने गए मरीज की डॉक्टरों ने बाईपास सर्जरी कर डाली। पुलिस ने गीतांजली अस्पताल के संचालक समेत डॉक्टर यशपाल सिंगला के खिलाफ केस दर्ज किया है। डॉ. यशपाल सिंगला ने साल 2018 में चरखी दादरी के अटेला गांव निवासी भूपेंद्र की बाईपास सर्जरी की थी।
जब भूपेंद्र की तबीयत बिगड़ गई तो उसे दिल्ली या गुरुग्राम के किसी बड़े अस्पताल में जाने की सलाह दी। भूपेंद्र ने इसकी शिकायत चीफ मेडिकल ऑफिसर से की। इसके बाद जांच रोहतक PGI की टीम ने की। अब जांच में डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई।
जांच में पता चला है कि डॉ. यशपाल सिंगला के पास न तो यूरोलॉजी एंडोस्कोपी का अनुभव है और न ही इससे संबंधित कोई डिग्री है। मरीज को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया और सेप्सिस के लक्षण थे। उसे मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में रेफर किया जाना चाहिए था। गीतांजली अस्पताल के संचालक ने बिना अनुभव वाले डॉक्टर से मरीज का ऑपरेशन करवा दिया।
रिपोर्ट देख बाईपास सर्जरी की बात कही
भूपेंद्र ने बताया कि वर्ष 2018 में मुझे लेफ्ट किडनी में दर्द था। गीतांजली अस्पताल में मेरे दूसरे रिश्तेदार भी डॉ. कमल किशोर से इलाज करा रहे थे। तब डॉक्टर जिंदल अस्पताल में प्रैक्टिस करते थे। मैं भी डॉ. कमल किशोर की OPD में गया। यहां मेरे टेस्ट कराए गए। रिपोर्ट आने पर डॉ. कमल किशोर ने बताया कि बाईपास सर्जरी करनी पड़ेगी। इसके बाद मुझे डॉ. यशपाल सिंगला के पास भेज दिया।
डॉक्टर ने OT में गलत व्यवहार किया
जब उसका ऑपरेशन हुआ तो ऑपरेशन थिएटर में डॉ. यशपाल सिंगला ने मेरे साथ गलत व्यवहार किया। ओटी रूम में ही उनके बार-बार फोन बज रहे थे। ऑपरेशन करते समय मेरा यूरिन ब्लेडर डैमेज कर दिया।जहां स्टंट थे, वहीं छोड़ दिए। इसके बाद खून निकला शुरू हो गया। डॉ. खून चढ़ाते गए और मेरा निकलता गया। फिर खून निकलना बंद हो गया क्योंकि खून की गांठ जम गई।
उसके बाद डॉक्टर कमल किशोर ने कहा कि आपका केस क्रिटिकल है और आपको गुरुग्राम या दिल्ली लेकर जाना पड़ेगा।
गुरुग्राम में डॉक्टर ने बताया- केस बिगाड़ा
इसके बाद वह गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज कराने गया। मेरा केस देखते ही मेदांता के डॉक्टर राकेश ने कहा कि आपका केस तो बिगाड़ दिया गया है। डॉक्टर राकेश ने डॉ. यशपाल से बात कर कहा कि आपने मरीज की जान जोखिम में डाल दी।
डॉ. राकेश ने ऑपरेशन कर करीब एक बाल्टी मेरे पेट से खून की गांठ की निकालीं। जब मेरा ऑपरेशन हुआ तो मैं बेरोजगार था। इलाज में करीब 20 लाख रुपए खर्च हो गए। इलाज में उसकी जमीन जायदाद सब बिक गए।
भूपेंद्र ने बताया कि मेरे इलाज में लापरवाही बरती गई। 2019 में उसने हिसार में सिविल सर्जन ऑफिस में शिकायत दी। सिविल सर्जन की जांच में सामने आया कि मेडिकल नेग्लिजेंसी हुई है। इसके बाद सिविल सर्जन ने रोहतक PGI को जांच के लिए लिखा। वहां के डॉक्टरों ने जांच की तो उन्होंने भी रिपोर्ट में माना की मेडिकल नेग्लिजेंसी हुई है।
रिपोर्ट लेने के लिए RTI लगाई
भूपेंद्र ने आगे बताया कि गीतांजली अस्पताल से अपनी मेडिकल हिस्ट्री लेने के लिए सीएम विंडो और बाद में RTI लगाई। इसके बाद उसे जाकर अपनी रिपोर्ट मिली। इसके बाद हिसार CMO ने हिसार SP को डॉक्टरों पर कार्रवाई करने के बारे में पत्र लिख गया। जिसके बाद 6 बाद डॉक्टरों पर कार्रवाई हुई है।