Haryana News: हरियाणा के मेजर नितिन धानिया को शौर्य चक्र, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने किया सम्मानित
हरियाणा के रोहतक के रहने वाले नितिन धानिया को राष्ट्रपति की ओर से शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।
Updated: May 10, 2023, 10:52 IST
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Haryana News: हरियाणा के रोहतक के रहने वाले नितिन धानिया को राष्ट्रपति की ओर से शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।
जम्मू कश्मीर में भीड़ में छिपे हुए 2 आतंकियों को उन्होंने खोजकर ढेर किया था। दरअसल आतंकी लोगों के बीच छिपकर सेना के काफिले को टारगेट बनाना चाहते थे।
15 अगस्त को शौर्य चक्र के लिए मेजर नितिन धानिया के नाम की सिफारिश की गई थी। गांव डोभ के रहने वाले मेजर नितिन धानिया डेढ़ साल पहले जम्मू-कश्मीर में पैराशूट रेजिमेंट की स्पेशल फोर्स के सेकेंड बटालियन में तैनात थे।
नितिन की इस उपलब्धि पर गांव में भी जश्न का माहौल है। वहीं शौर्य चक्र से सम्मानित होकर लौटने पर उनका गांव में जोरदार स्वागत किया जाएगा।
जिसके लिए गांव वाले भी तैयारियां कर रहे हैं। एयर वेटर्न एसोसिएशन रोहतक के जरनल सेक्रेटरी कृष्ण सुहाग ने कहा कि मेजर नितिन ने बहादुरी का परिचय दिया है। इसके लिए एयर वेटर्न एसोसिएशन भी सम्मान करेगी।
नितिन के पिता जयसिंह धानिया ने बताया कि वे एयरफोर्स के जेड्ब्ल्यूओ पद से 2001 में सेवानिवृत्त हुए थे।
उनको दो बेटे हैं, जिनमें से नितिन बढ़ा है। नितिन 2005 में एयरफोर्स में सिपाही के पद पर जॉइन हुए थे।
इसके बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। नितिन का लक्ष्य था कि वह सेना में अधिकारी बने।
नितिन ने NDA की परीक्षा भी दी थी, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। इसके बाद उन्होंने एयरफोर्स में सिपाही के पद पर तैनात होने के बाद पढ़ाई करके CDS की परीक्षा साल 2008 में पास की।
परीक्षा पास करने के बाद उनकी करीब डेढ़ साल की ट्रेनिंग हुई और ड्यूटी जॉइन की। नितिन पहले से ही पढ़ाई में अच्छे थे।
जम्मू कश्मीर में भीड़ में छिपे हुए 2 आतंकियों को उन्होंने खोजकर ढेर किया था। दरअसल आतंकी लोगों के बीच छिपकर सेना के काफिले को टारगेट बनाना चाहते थे।
15 अगस्त को शौर्य चक्र के लिए मेजर नितिन धानिया के नाम की सिफारिश की गई थी। गांव डोभ के रहने वाले मेजर नितिन धानिया डेढ़ साल पहले जम्मू-कश्मीर में पैराशूट रेजिमेंट की स्पेशल फोर्स के सेकेंड बटालियन में तैनात थे।
नितिन की इस उपलब्धि पर गांव में भी जश्न का माहौल है। वहीं शौर्य चक्र से सम्मानित होकर लौटने पर उनका गांव में जोरदार स्वागत किया जाएगा।
जिसके लिए गांव वाले भी तैयारियां कर रहे हैं। एयर वेटर्न एसोसिएशन रोहतक के जरनल सेक्रेटरी कृष्ण सुहाग ने कहा कि मेजर नितिन ने बहादुरी का परिचय दिया है। इसके लिए एयर वेटर्न एसोसिएशन भी सम्मान करेगी।
नितिन के पिता जयसिंह धानिया ने बताया कि वे एयरफोर्स के जेड्ब्ल्यूओ पद से 2001 में सेवानिवृत्त हुए थे।
उनको दो बेटे हैं, जिनमें से नितिन बढ़ा है। नितिन 2005 में एयरफोर्स में सिपाही के पद पर जॉइन हुए थे।
इसके बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। नितिन का लक्ष्य था कि वह सेना में अधिकारी बने।
नितिन ने NDA की परीक्षा भी दी थी, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। इसके बाद उन्होंने एयरफोर्स में सिपाही के पद पर तैनात होने के बाद पढ़ाई करके CDS की परीक्षा साल 2008 में पास की।
परीक्षा पास करने के बाद उनकी करीब डेढ़ साल की ट्रेनिंग हुई और ड्यूटी जॉइन की। नितिन पहले से ही पढ़ाई में अच्छे थे।