Haryana News: हरियाणा में परिवार पहचान पत्र की वेबसाइट डाउन, सक्षम युवाओं की अटकी ज्वाइनिंग

हरियाणा में सक्षम युवाओं के लिए परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में बेरोजगार कॉलम होना परेशानी का बड़ा कारण बनता दिख रहा है। 
 
हरियाणा में परिवार पहचान पत्र की वेबसाइट डाउन
WhatsApp Group Join Now

Haryana News: हरियाणा में सक्षम युवाओं के लिए परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में बेरोजगार कॉलम होना परेशानी का बड़ा कारण बनता दिख रहा है। 
इसको लेकर सक्षम युवा जींद के डीसी से मिले और अपनी समस्या बताई।
इस पर डीसी ने युवाओं को समस्या का समाधान करवाने का आश्वासन दिया है। 
सक्षम युवाओं का कहना था कि रोजगार विभाग की ओर से उन्हें सक्षम योजना के तहत मिलने वाले काम की सूचना भेज दी गई है
लेकिन यह शर्त लगाई गई है कि पीपीपी के बेरोजगार कॉलम में उनकी बेरोजगारी लिखित होनी चाहिए।
ऐसे में सक्षम युवाओं को डर है कि पीपीपी की साइट बंद होने के कारण वे कॉलम को कैसे अपडेट कर पाएंगे। उनकी ज्वाइनिंग भी अटक गई है।
रोजगार विभाग की ओर से 300 से अधिक सक्षम युवाओं को मैसेज भेजा गया है। इसमें सक्षम युवाओं को जिला रोजगार विभाग से ज्वाइनिंग लेटर लेने के लिए कहा गया है। 
काम मिलने की खुशी से सोमवार को काफी संख्या में सक्षम युवा जिला रोजगार कार्यालय पहुंचे। 
यहां पर काम के लिए ज्वाइनिंग लेटर मांगा तो पता चला कि युवा काम तभी कर पाएंगे, जब पीपीपी का बेरोजगार कॉलम में बेरोजगार भरा होगा। 
युवाओं ने बताया कि रोजगार विभाग की ओर से उन्हें काम का मैसेज भेज दिया गया है, लेकिन शर्त के बारे में पहले नहीं बताया गया था।
जिले में अधिकतर सक्षम युवाओं में महिलाओं ने बेरोजगार कॉलम में गृहिणी, केयर टेकर या फिर कुछ अन्य कारण लिखे हैं, लेकिन बेरोजगार नहीं लिखा गया है। 
रोजगार कार्यालय के कर्मचारियों ने कहा कि जब तक पीपीपी में यह त्रुटि ठीक नहीं होती है तब तक वह काम नहीं कर सकेंगे। 
सक्षम युवाओं ने कहा कि इस शर्त के बारे में विभाग द्वारा पहले सूचित किया जाना था। अब उन्हें काम मिल गया है तो शर्त के बारे में बताया जा रहा है।

युवाओं का कहना है कि इस समय पीपीपी की साइट बंद पड़ी है। 
लेकिन अगर साइट चल भी जाए तो इसे अपडेट होने में एक महीने से ज्यादा का समय लगेगा। 
तब तक यह काम उनके हाथ से निकल चुका होगा। उनकी मांग है कि जल्द से जल्द उनकी समस्या का समाधान करवाया जाए। 
विभाग की ओर से पहले किसी भी माध्यम से यह शर्त नहीं बताई गई। अब जब उन्हें काम मिलने जा रहा है तो इस शर्त को अनिवार्य कर दिया गया है। विभाग की गलती का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है।