Haryana News: हरियाणा में डेरा सच्चा सौदा का बीजेपी को समर्थन, डोर टू डोर वोट मांगने निकले भंगीदास

हरियाणा में सिरसा डेरा सच्चा सौदा ने बीजेपी को समर्थन देने की घोषणा कर दी है।
 
हरियाणा में डेरा सच्चा सौदा का बीजेपी को समर्थन, डोर टू डोर वोट मांगने निकले भंगीदास
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Haryana News: हरियाणा में सिरसा डेरा सच्चा सौदा ने बीजेपी को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। शुक्रवार शाम को चुनाव प्रचार खत्म होते ही डेरा मैनेजमेंट की तरफ से अपनी कमेटियों को एक्टिव कर दिया गया है। साध संगत तक मैसेज जल्द पहुंच सके इसके लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। अब भंगीदास ब्लाक और वार्ड स्तर पर डोर-टू-डोर जाकर वोट मांग रहे हैं। 

 डेरे ने सिरसा में 300 और हिसार में 200 लोगों की टीम लगाई है जो आज रात तक फिल्ड में उतरकर साध संगत तक डेरा का यह मैसेज पहुंचाएगी। हालांकि डेरे का हमेशा की तरह यही कहना है कि उनका किसी राजनीतिक दल को समर्थन नहीं है।

 पालिटिकल विंग पहले ही भंग हो चुकी है और डेरा समाज भलाई के काम करता है और उसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। मगर डेरे के भंगीदार साध संगत के घर जाकर भाजपा को वोट देने की अपील कर रहे हैं।

5 दिन पहले भाजपा नेताओं ने हनीप्रीत से की थी मुलाकात
यहां बता दें कि 5 दिन पहले भाजपा प्रदेश के बड़े नेताओं ने डेरा जाकर गुरमीत राम रहीम की मुंह बोली बेटी हनीप्रीत उर्फ प्रियंका तनेजा से मुलाकात की थी और भाजपा को समर्थन करने की बात कही थी। इस पर हनीप्रीत ने 3 से 4 दिन का समय मांगा था।

 इसके बाद भाजपा नेताओं ने शुक्रवार को फिर डेरे जाकर संपर्क किया था। इसके बाद हनीप्रीत के आदेश पर 15 मेंबरी कमेटी को आदेश दे दिया गया है कि गांव-गांव शहर व मोहल्लों तक जाकर साध संगत को यह बताया जाए कि चुनाव में भाजपा को समर्थन करना है।

हरियाणा की इन सीटों पर हार जीत तय करेंगें डेरा प्रेमी
हरियाणा की सिरसा, हिसार, भिवानी महेन्द्रगढ़, फरीदाबाद, सोनीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र और अंबाला सीटों पर कांटें की टक्कर बताई जा रही है और यहां पर हार जीत का अंतर भी कम वोटों से ही होने वाला है। ऐसे में डेरा सच्चा सौदा के भाजपा को समर्थन करने के ऐलान से भाजपा को सीधा-सीधा फायदा हो सकता है।

 हरियाणा में कई विधानसभाओं में डेरा के वोट निर्णायक माने गए हैं। डेरे के समर्थन से भाजपा उत्साहित है और अपने-अपने पन्ना प्रमुख और शक्ति केंद्र प्रमुखों से भी साध संगत के वोट डलवाने के आदेश दिए गए हैं।

डेरामुखी गैरमौजूदगी में हनीप्रीत लेगी राजनीतिक फैसले
लोकसभा चुनाव में डेरामुखी जेल में हैं। ऐसे में डेरामुखी की मुंह बोली बेटी हनीप्रीत उर्फ प्रियंका तनेजा ही डेरा का कामकाज संभाल रही है। पंजाब और हरियाणा के बड़े नेता इन दिनों डेरे में जाकर हाजिरी लगा रहे हैं। जितने भी बड़े नेता व राजनीतिक दलों के लोग डेरा जा रहे हैं उनकी मुलाकात सिर्फ हनीप्रीत से करवाई जा रही है। हनीप्रीत ने डेराप्रमुख के आदेश पाकर देर शाम लोकसभा चुनाव में भाजपा का समर्थन करने के आदेश दे दिए।

कौन है हनीप्रीत, गुरमीत से क्या है रिश्ता
डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के दुष्कर्म केस में जेल जाने के बाद से सबसे ज्यादा सुर्खियों में हनीप्रीत ही रहीं। हनीप्रीत इन्सां एक अभिनेत्री एवं बाबा गुरमीत राम रहीम की मुंह बोली बेटी है। 2017 में बाबा राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में जेल होने के बाद से हनीप्रीत का नाम जमकर सुर्खियों में था। हरियाणा पुलिस की टीम ने उसे देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी तलाशा था। हालांकि उसने सरेंडर कर‍ दिया था और 2019 में जेल से बाहर आ गई। जिसके बाद से वो ही राम रहीम की सत्‍ता संभाल रही हैं।

डेरे के सभी कागजों में अब हनीप्रीत मुख्य शिष्या
राम रहीम ने अब डेरे के सभी कागजातों में हनीप्रीत को ही मुख्य शिष्या बना दिया है। राम रहीम ने परिवार पहचान पत्र में भी बदलाव किया है, जिसमें उसके परिवार के किसी सदस्य का नाम नहीं है। राम रहीम जब फरवरी 2022 में पहली बार पैरोल पर आया था तो अपने आधार कार्ड से लेकर परिवार पहचान पत्र में पिता और परिवार के नाम कटवा दिए थे।

 पिता के नाम के आगे अपने गुरु सतनाम सिंह का नाम अंकित करवा दिया और खुद को उनका मुख्य शिष्य अंकित करवाया। परिवार पहचान पत्र में अपनी पत्नी और मां के नाम न लिखवाकर केवल हनीप्रीत को ही मुख्य शिष्या के तौर पर नाम अंकित करवाया गया है। 

डेरा सच्चा सौदा सिरसा का प्रमुख वही बनता है जो कि मौजूदा गुरु का मुख्य शिष्य है। राम रहीम का पूरा परिवार विदेश जाकर बस गया है। राम रहीम की दोनों बेटियां अमरप्रीत व चरणप्रीत कौर और बेटा जसमीत परिवार समेत लंदन जाकर बस गए हैं।


1990 से गद्दी पर विराजमान है गुरमीत राम रहीम
शाह सतनाम सिंह ने 23 सितंबर 1990 को डेरा सच्चा सौदा में औपचारिक समारोह में गुरमीत सिंह राम रहीम को अपना उत्तराधिकारी घोषित करके गद्दी सौंप दी। तब से लेकर अब तक राम रहीम गद्दी पर विराजमान है। उसकी परम शिष्य हनीप्रीत है, जिसे गुरु-शिष्य की परंपरा का निर्वाह करते हुए डेरा सच्चा सौदा की गद्दी सौंपने की तैयारी की जा चुकी है, जिसकी घोषणा होना बाकी है।

इसलिए नहीं मिली पैरोल
हाल ही में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बार-बार पैरोल दिए जाने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सवाल उठाए थे। बलात्कार के दोषी को जनवरी में 50 दिन की पैरोल दी गई थी। यह लगभग 10 महीने में उसकी 7वीं और पिछले 4 वर्षों में 9वीं पैरोल थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार को 10 मार्च को राम रहीम का आत्मसमर्पण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। जिस दिन उसकी पैरोल समाप्त होने वाली थी, उसी दिन राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह अगली बार राम रहीम को पैरोल देने के लिए अदालत से अनुमति का अनुरोध करें। झटके के साथ ही पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह बताने का आदेश दिया था कि इस तरह से कितने लोगों को पैरोल दिया गया है। अदालत SGPC द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।


2014 में भाजपा का किया था समर्थन
पंजाब के पिछले चुनाव में अंतिम समय पर डेरा समर्थकों ने भाजपा का समर्थन किया था। इसका भाजपा व अकाली दल गठबंधन को फायदा मिला। हरियाणा में 2014 के चुनाव में भाजपा की जीत में डेरे का बड़ा योगदान रहा। 2019 के चुनाव में बाबा के जेल जाने के बावजूद कई नेता, पूर्व विधायक और उम्मीदवार डेरे के संपर्क में थे। इसका उन्हें फायदा भी मिला।