Haryana: शहीद DSP सुरेंद्र सिंह के बेटे सिद्धार्थ बने सब-इंस्पेक्टर, बोले- पिता के अधूरे सपने को करूंगा पूरा

 
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नूंह में अवैध खनन रोकने के दौरान शहीद हुए हिसार के गांव सारंगपुर निवासी डीएसपी सुरेंद्र सिंह के बेटे सिद्धार्थ बिश्नोई को प्रदेश सरकार ने हरियाणा पुलिस में बतौर सब इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्ति दी है। डीजीपी के निर्देश पर करनाल पुलिस अधीक्षक को जारी पत्र में सिद्धार्थ बिश्नोई को करनाल जिले में तैनाती मिली है।

इस बारे में सिद्धार्थ बिश्नोई ने बताया कि सोमवार शाम को उनको हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्ति की सूचना मिली थी। मंगलवार सुबह उन्हें ज्वाइनिंग लेटर मिला है। नियुक्ति से पहले सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद वे सब इंस्पेक्टर बनकर प्रदेश में कानून व्यवस्था और सुदृढ़ बनाने के अलावा पर्यावरण सरंक्षण के लिए कार्य करेंगे। सिद्धार्थ का कहना है कि शहीद पिता सुरेंद्र सिंह के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए वे पुलिस में भर्ती हुए हैं।

सेवानिवृत्ति से तीन माह पहले डंपर से कुचलकर दी थी हत्या
पिछले साल 19 जुलाई 2022 को अवैध खनन माफियाओं ने डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई की डंपर से कुचलकर हत्या कर दी थी। डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई आदमपुर के सारंगपुर गांव के रहने वाले थे। डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई आठ भाई हैं। वे 5वें नंबर पर थे। मौत के करीब तीन माह बाद 31 अक्टूबर 2022 को उनकी सेवानिवृत्ति होनी थी। उस समय सुरेंद्र सिंह बिश्नोई का बेटा सिद्धार्थ बीटेक के बाद मास्टर डिग्री के लिए कनाडा गया हुआ था, सिद्धार्थ की शादी हो चुकी है। सिद्धार्थ के जुड़वां बेटे हैं। सुरेंद्र सिंह की पत्नी कौशल्या गृहिणी हैं जबकि बेटी प्रियंका और दामाद बैंक में कार्यरत हैं।


29 साल पहले पुलिस में भर्ती हुए थे सुरेंद्र सिंह
गांव सारंगपुर निवासी बलिदानी डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई 1993 में हरियाणा पुलिस के लिए आवेदन किया था। इसके बाद 12 अप्रैल 1994 में बतौर एएसआई के पद पर नियुक्त हुए थे। इससे पहले सुरेंद्र सिंह गांव आदमपुर के पशु अस्पताल में क्लस्टर सुपरवाइजर तैनात थे।

पशुपालन विभाग में यह पद तब वीएलडीए के बराबर होता था। हरियाणा पुलिस में एएसआई के पद पर भर्ती होने के बाद उनकी अधिकतर ड्यूटी कुरुक्षेत्र व यमुनानगर में रही। करीब 11 साल पहले वे 2012 में डीएसपी के पद पर पदोन्नत हुए थे। तब से ही सुरेंद्र सिंह बिश्नोई कुरुक्षेत्र में ही मकान बनाकर रह रहे थे।