खेत, खेल, बिजली में ऐसे कमाल कर रहा हरियाणा

 
खेत, खेल, बिजली में ऐसे कमाल कर रहा हरियाणा
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पिछले कुछ समय से हरियाणा ने खेती, खेल, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, आधारभूत विकास सहित तमाम क्षेत्रों में एक नजीर पेश की है। हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य जहां पर किसानों की 11 फसलें एम.एस.पी. पर खरीदी जा रही है। पूरे देश में हरियाणा आज गन्ना किसानों के लिए मिठास घोल रहा है और सर्वाधिक गन्ने का भाव देने वाला देश का इकलौता राज्य है।

हरियाणा में गन्ने की अगेती किस्म का भाव अब 362 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। पहले भाव 350 रुपए था। अभी हाल में गन्ने के भाव में 12 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। खास बात यह है कि 2014 से लगातार गन्ना किसानों को हरियाणा में सबसे अधिक भाव मिल रहा है।

यह बात अलग है कि हरियाणा गन्ना के उत्पादन में महज पूरे देश में 2 प्रतिशत का योगदान देता है। डिजीटल सेवाओं में हरियाणा का आज कोई सानी नहीं है। 550 से अधिक सेवाएं अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं तो जनसहायक, ई-पौधशाला, ई-भूमि जैसे एप्प और डॉयल 112 जैसी सेवाएं बदलते हरियाणा की तस्वीर पेश कर रही हैं।



खेत, खेल, बिजली में ऐसे कमाल कर रहा हरियाणा

2014 में पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में 47 सीटों पर जीत दर्ज कर अपने बलबूते सरकार बनाई थी। 26 अक्तूबर 2014 को मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इन सात सालों में हरियाणा ने बहुत से क्षेत्रों में तरक्की करते हुए विकास की राह दिखाई है।

हरियाणा में आज खेती की तस्वीर उज्जवल हो रही है। हरियाणा धान, गेहूं, कॉटन, बागवानी और सरसों में आज नए आयाम रच रहा है। राज्य में करीब 37 लाख हैक्टेयर कृषि योग्य भूमि है और करीब 17 लाख 64 हजार किसान परिवार हैं।

राज्य में किसानों की फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिक रही हैं। किसानों की फसलों का पैसा सीधा उनके बैंक खातों में डाला जा रहा है। यही नहीं अब हरियाणा के किसान खेती के साथ मछली पालन, पशुपालन, मशरुम, फलों की खेती के जरिए अब नए आयाम रच रहे हैं।



खेत, खेल, बिजली में ऐसे कमाल कर रहा हरियाणा

सरकार की ओर से बागवानी के क्षेत्र में किए गए सुधारों और अनुदान योजना व भावांतर भरपाई योजना से आज किसानों का जीवन स्तर बदल रहा है। भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत टमाटर, प्याज, आलू, फूलगोभी, किन्नू, अमरुद, गाजर, मटर, शिमला मिर्च, बैंगन, भिंडी, हरी मिर्च, लौकी, करेला, बंदगोभी, मूली, लहसून, हल्दी व आम को शामिल किया है।

इस योजना के अंतर्गत 4187 किसानों को करीब 10 करोड़ 12 लाख रुपए की राशि दी जा चुकी है। प्रदेश में 1 हजार किसान उत्पादक समूह बनाने की प्रक्रिया जारी है। 486 किसान उत्पादक समूह बनाए जा चुके हैं। इन समूहों की ओर से 150 इंटीग्रेटेड पैक हाऊस बनाए जाएंगे।

गन्नौर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 7 हजार करोड़ रुपए की लागत से एक उद्यान मार्कीट स्थापित की गई है। बागवानी तकनीकों के प्रदर्शन के लिए इस वित्तीयवर्ष में 2 नए उत्कृष्टता केंद्र बनाए जाने हैं, जबकि 8 पहले बनाए जा चुके हैं।

मेरा पानी मेरी विरासत का दिखा असर

सरकार के सात वर्ष के शासनकाल का आंकलन करें तो पर्यावरण और भूजल जैसे मुद्दों को लेकर भी मुख्यमंत्री ने गंभीर कदम उठाए। इस कड़ी में मेेरा-पानी मेरी विरासत योजना के सार्थक परिणाम सामने आए।

मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच से उपजी इस योजना के अंतर्गत धान की बजाय अन्य फसल बोने पर किसान को सात हजार रुपए प्रति एकड़ का प्रोत्साहन दिया जाता है। इस योजना के अंतर्गत 74 हजार 928 एकड़ क्षेत्र में धान की जगह कम पानी वाली अन्य फसलें लगाई गई और करीब 37 हजार किसानों के खातों में 54 करोड़ रुपए की राशि डाली गई।

इसी योजना के अंतर्गत भूमिगत जलस्तर ऊंचा उठाने के लिए 8 डॉर्कजोन घोषित खंडों में भी 1000 रिचार्ज वेल लगाने की पहल की गई है। बबैन, शाहबाद, पिपली, ईस्माइलाबाद, गुहला, सिवान, रतिया व सिरसा में 32 करोड़ 33 लाख रुपए की लागत से यह रिचार्ज वेल लगाए जाने हैं।


बागवानी को बढ़ावा

गेहूं, सरसों, नरमा, धान जैसी फसलों के लिए पहचान रखने वाला हरियाणा अब बागवानी में भी मिसाल पेश कर रहा है। हरियाणा में अब किन्नू, आम, मशरुम, अमरुद, बेर की खेती बड़े पैमाने पर हो रही है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर किसान मशरूम के अलावा फूलों की खेती के जरिए खुशहाल और मालामाल हो रहे हैं।

किसानों की इस खुशहाली के पीछे हरियाणा सरकार की ओर से बागवानी के लिए अपनाई गई ठोस योजनाएं हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की ओर से बागवानी को भी एक संरक्षित एवं जोखिमरहित खेती बनाने के लिए भावांतर भरपाई योजना की शुरूआत की गई।



खेत, खेल, बिजली में ऐसे कमाल कर रहा हरियाणा

इस योजना के अंतर्गत टमाटर, प्याज, आलू, फूलगोभी, गाजर, भिंडी, घीया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पत्तागोभी व मूली 14 सब्जियों, हल्दी व लहसून दो मसालों और आम, किन्नू, बेर व अमरुद 4 बागवानी फसलों पर सरकार की ओर से संरक्षित मूल्य किसान को दिया जाता है।

दरअसल हरियाणा ने हरित क्रांति के दौर में अन्न उत्पादन में काफी प्रगति की। अब यहां के किसान बागवानी में भी नई राह दिखा रहे हैं। हरियाणा में करीब 75 हजार हैक्टेयर में बागवानी जबकि हर साल करीब साढ़े चार लाख हैक्टेयर में सब्जियों की खेती की जा रही है।

खास बात यह है कि सरकार की ओर से सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली पर 65 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। बाग लगाने पर पौधों के लिए 50 फीसदी अनुदान है। खेत में टैंक बनाने के लिए 90 प्रतिशत सबसिडी सरकार देती है।

मुनाफे की पटरी पर आया बिजली निगम

वहीं हरियाणा के बिजली निगम आज से कुछ साल पहले घाटे की गाड़ी पर सवार थे, वहीं बिजली निगम अब मुनाफे की पटरी पर तेजी से दौड़ रहे है । कभी बिजली निगमों पर 3 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज था। अब बिजली विभाग 350 करोड़ रुपए मुनाफे में है।

यह मुनाफा आने वाले समय में अधिक होने की संभावना है। हरियाणा में 70 लाख बिजली उपभोक्ताओं को आज सुदृढ़ तरीके से बिजली की सप्लाई की जा रही है। म्हारा गांव-जगमग गावं योजना के अंतर्गत हरियाणा के 5223 गांव आज जगमग हो रहे हैं। पारदर्शी व्यवस्था और ठोस नीति के चलते बिजली का लाइन लोस 30.3 प्रतिशत से कम होकर 14.55 प्रतिशत तक रह गया है।



खेत, खेल, बिजली में ऐसे कमाल कर रहा हरियाणा

हरियाणा में 16,753 नए ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं और 1 लाख 29 हजार नए कनैक्शन दिए गए। 582 करोड़ रुपए की राशि खर्च करके 824 किलोमीटर लम्बी प्रसारण लाइनें जोड़ी गईं हैं। निर्बाध और उत्तम गुणवत्ता की बिजली आपूर्ति के लिए 53 नए सब स्टेशन स्थापित किए गए हैं।

वितरण नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 2015-16 से लेकर 2019-20 तक हरियाणा में 6772 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है और आगामी 5 वर्षों में 10 हजार करोड़ रुपए की एक परियोजना बनाई गई है।

घरों, कालोनियों व स्कूलों के ऊपर से गुजरने वाली 2500 खतरनाक लाइनों को शिफ्ट करने की ठोस योजना शुरू बिजली के महत्व को समझते हुए हरियाणा का बिजली मंत्रालय सौर ऊर्जा की दिशा में लम्बे डग भर रहा है।

हरियाणा में 50 हजार ऑफ-ग्रिड सौर पंप स्थापित करने की बड़ी योजना लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत 75 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है। गुरुग्राम, पंचकूला, पानीपत व करनाल में 2 लाख 46 हजार स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं।

खेलों में बाकमाल प्रदर्शन कर रहा हरियाणा

यही नहीं अब हरियाणा खेलों में भी नए आयाम रच रहा है। इसी साल टोक्यो ओलम्पिक में गोल्ड जीतने वाले नीरज चोपड़ा पानीपत के रहने वाले हैं। करीब 125 साल बाद एथलेटिक्स में गोल्ड जीतकर नीरज ने इतिहास रच दिया।

इसके साथ ही बजरंग पूनिया ने कांस्य जबकि रवि दहिया ने रजत पदक जीता। भारतीय ओलम्पिक दल के 124 में से 30 खिलाड़ी से हरियाणा के थे। अकेले भारतीय महिला हॉकी टीम में 9 खिलाड़ी हरियाणा की थीं। क्षेत्रफल और जनसंख्या के हिसाब से छोटे से राज्य हरियाणा के खिलाडिय़ों ने टोक्यो ओलम्पिक देश के आधे से पदक जीते।

खिलाडिय़ों पर सरकार ने भी खूब मेहरबानी दिखाई। स्वर्ण पदक विजेता को 6 करोड़, रजत पदक विजेता को 4 करोड़ रुपए और कांस्य पदक विजेता को अढ़ाई करोड़ रुपए सरकार की ओर से दिए जाते हैं। पदक विजेताओं को प्लाट और सरकारी नौकरी भी जाती है। यह पूरे देश में एक मिसाल है।

अक्तूबर 2014 में भाजपा सत्ता में आई थी और मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री बने। उसके बाद से ही खेलों को लेकर खूब काम हरियाणा में हुआ। सरकार के अब तक के करीब 2500 दिनों मं 12 हजार पदक विजेता खिलाडिय़ों को 366 करोड़ रुपए के ईनाम दे चुकी है जो पूरे हरियाणा सर्वाधिक है।

खिलाडिय़ों को कॅरियर की ङ्क्षचता से मुक्त करने के लिए उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को क्लास एक का सरकारी पद दिया जाता है। खिलाडिय़ों की प्रतिभा निखारने के लिए अर्जुन, द्रोणाचार्य व ध्यानचंद पुरस्कार विजेता कोच को 20 हजार रुपए का मासिक मानदेय सरकार ने शुरू किया। तेनङ्क्षजग नोर्गे अवार्ड विजेताओं को 20 हजार रुपए व भीम पुरस्कार विजेताओं को 5 हजार रुपए का मासिक मानदेय सरकार की ओर से दिया जा रहा है।

सुशासन का पाठ पढ़ा रहा हरियाणा

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नए-नए प्रयोग करते हुए हरियाणा को विकसित से डिजीटल प्रदेश बनाने की ओर तेजी से कदम बढ़ाए हैं। अब हरियाणा विदेशी तर्ज पर आगे बढ़ रहा है। खास पहलू यह है कि सुशासन स्थापित करने के बाद अब हरियाणा ने कई क्षेत्रों में तीव्र गति से विकास किया है।

खास बात यह है कि हरियाणा ने ई-सेवा में एक मिसाल पेश करते हुए अपने पड़ौसी राज्यों पंजाब और दिल्ली को कहीं पीछे छोड़ दिया है। अब एक क्लिक पर ही हरियाणा के लोगों को 540 से अधिक सेवाओं का फायदा मिल रहा है। जनसहायक एप्प, डॉयल 112, अटल सेवा केंद्र, सरल सेवा केंद्र, ग्रेन ए.टी.एम., ऑनलाइन चेंज लैंड ऑफ यूज व ऑनलाइन तबादला नीति ऐसे उदाहरण है, जिससे हरियाणा की तस्वीर और तकदीर पूरी तरह से बदल गई है।

हरियाणा में 188,51 अटल सेवा केंद्र औ 117 सरल केंद्रों के जरिए 542 सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं। नौकरियों में मैरिट की व्यवस्था हो, तबादला नीति ऑनलाइन करने की हो या फिर 540 से अधिक सरकारी सुविधाओं और सेवाओं को ऑनलाइन करना हो। इसके साथ ही सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली को सुदृढ़ और पारदर्शी बनाने के मकसद से अनाज आपूर्ति मशीन का प्रोजेक्ट लाया गया। गुरुग्राम के फर्रुखनगर से इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू कर दिया गया है। यह मशीन एक तरह से अनाज निकालने का ए.टी.एम है।

विकास की राह पर आगे बढ़ता हरियाणा

288 ग्राम पंचायतों में वाई.फाई. लगाए गए हैं। 6197 पंचायतों को डिजीटल बनाया गया है। सरकार ने अपने अब तक के कार्यकाल में 14 नए उपमंडल, 11 तहसील, 10 उपतहसीलों का गठन किया है। 1114 व्यायामशालाएं खोली गई हैं तो 2014-15 से लेकर 2019-20 तक आपदा प्रबंधन के अंतर्गत किसानों को 2764.93 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया है।

स्वामित्व योजना के तहत 279 गांव लाल डोरा मुक्त हो गए हैं और अब तक 34 हजार परिवारों को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिल गया है। गांव और शहरों में तेजी से विकास हुआ है। सात साल में ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को वेतनमान 8 हजार रुपए से 14 हजार कर दिया है तो साल में पैंशन में ऐतिहासिक 1500 रुपए की बढ़ौतरी की है।

2014 में मासिक पैंशन 1 हजार थी जो अब 2500 रुपए हो गई है। हरियाणा में कुल 67 नए कालेज खोले गए, जिनमें 42 लड़कियों के लिए हैं। हरियाणा में अब ङ्क्षलगानुपात भी 915 हो गया है। एमबीबीएस की सीटों की संख्या 750 से बढ़ाकर 1750 कर दी गई है। भिवानी में 535 करोड़, जींद के हेबतपुर में 663 करोड़, महेंद्रगढ़ के कोरियावास में 598 करोड़ से मैडीकल कालेज बनाए जा रहे हैं। सिरसा, यमुनानगर और कैथल में भी मैडीकल कालेज बनाए जाने हैं।

3718 हरहित स्टोर खोलने की पहल

पिछले सात साल में योग्यता के आधार पर सरकार ने 82 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दी। विशेष पहलू यह है कि सरकार निजी क्षेत्र में रोजगार सृजन कर रही है। इसी कड़ी में युवाओं को स्वरोजगार के अवसर देने के लिए प्रदेश में 2 हजार हरहित स्टोर खाले जाएंगे।

पहले चरण में 100 स्टोर अक्तूबर तक खोले जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा 1718 पैट्रोल पम्पों पर भी हरहित स्टोर खोले जाएंगे। प्रदेश के युवाओं को उद्योगों में रोजगार के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। विशेष बात यह है कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जहां शिक्षित बेरोजगार युवाओं को सक्षम युवा योजना के तहत महीने 100 घंटे काम की गारंटी दी जा रही है।

युवाओं के कौशल विकास और प्रशिक्षण के लिए प्रधनमंत्री कौशल विकास योजना का आगाज किया गया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन की ओर से हाल में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार ही देश की बेरोजगारी दर 13.3 प्रतिशत की तुलना में हरियाणा की बेरोजगारी की दर मात्र 9.9 प्रतिशत है।

यह बेरोजगारी दर पड़ोसी राज्यों दिल्ली, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, पंजाब व अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम है। इस संगठन के आंकड़ों के अनुसार बेरोजगारी दर दिल्ली राज्य की 12 प्रतिशत, राजस्थान की 15.1 प्रतिशत, उत्तरप्रदेश की 13.4 प्रतिशत तथा पंजाब की दर 10.8 प्रतिशत है।