धान की सीधी बिजाई पर हरियाणा सरकार किसानों को दे रही मोटा पैसा, रजिस्ट्रेशन शुरू, जानिए कैसे करें आवेदन

 
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 धान की खेती सबसे ज्यादा सिंचाई और लागत वाली खेती मानी जाती है. लेकिन परंपरागत तरीके को छोड़कर डीएसआर तकनीक (Direct Seeded Rice) तकनीक धान की इस मुश्किल खेती को कम लागत और ज्यादा मुनाफे वाली बना सकती है.

खासकर इसमें सिंचाई के लिए पानी की जरूरत भी 50 प्रतिशत तक कम हो जाती है. इससे भी अच्छी बात ये है कि सरकार इसके लिए 4 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से अलग से पैसा देती है. आइये आपको बताते हैं कि धान की डीएसआर तकनीक क्या है. सरकार से इसके लिए अनुदान कैसे ले सकते हैं.

 धान की खेती सबसे ज्यादा सिंचाई और लागत वाली खेती मानी जाती है. लेकिन परंपरागत तरीके को छोड़कर डीएसआर तकनीक (Direct Seeded Rice) तकनीक धान की इस मुश्किल खेती को कम लागत और ज्यादा मुनाफे वाली बना सकती है.

खासकर इसमें सिंचाई के लिए पानी की जरूरत भी 50 प्रतिशत तक कम हो जाती है. इससे भी अच्छी बात ये है कि सरकार इसके लिए 4 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से अलग से पैसा देती है. आइये आपको बताते हैं कि धान की डीएसआर तकनीक क्या है. सरकार से इसके लिए अनुदान कैसे ले सकते हैं.

 धान की खेती सबसे ज्यादा सिंचाई और लागत वाली खेती मानी जाती है. लेकिन परंपरागत तरीके को छोड़कर डीएसआर तकनीक (Direct Seeded Rice) तकनीक धान की इस मुश्किल खेती को कम लागत और ज्यादा मुनाफे वाली बना सकती है.

खासकर इसमें सिंचाई के लिए पानी की जरूरत भी 50 प्रतिशत तक कम हो जाती है. इससे भी अच्छी बात ये है कि सरकार इसके लिए 4 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से अलग से पैसा देती है. आइये आपको बताते हैं कि धान की डीएसआर तकनीक क्या है. सरकार से इसके लिए अनुदान कैसे ले सकते हैं.

 धान की खेती सबसे ज्यादा सिंचाई और लागत वाली खेती मानी जाती है. लेकिन परंपरागत तरीके को छोड़कर डीएसआर तकनीक (Direct Seeded Rice) तकनीक धान की इस मुश्किल खेती को कम लागत और ज्यादा मुनाफे वाली बना सकती है.

खासकर इसमें सिंचाई के लिए पानी की जरूरत भी 50 प्रतिशत तक कम हो जाती है. इससे भी अच्छी बात ये है कि सरकार इसके लिए 4 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से अलग से पैसा देती है. आइये आपको बताते हैं कि धान की डीएसआर तकनीक क्या है. सरकार से इसके लिए अनुदान कैसे ले सकते हैं.

 धान की खेती सबसे ज्यादा सिंचाई और लागत वाली खेती मानी जाती है. लेकिन परंपरागत तरीके को छोड़कर डीएसआर तकनीक (Direct Seeded Rice) तकनीक धान की इस मुश्किल खेती को कम लागत और ज्यादा मुनाफे वाली बना सकती है.

खासकर इसमें सिंचाई के लिए पानी की जरूरत भी 50 प्रतिशत तक कम हो जाती है. इससे भी अच्छी बात ये है कि सरकार इसके लिए 4 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से अलग से पैसा देती है. आइये आपको बताते हैं कि धान की डीएसआर तकनीक क्या है. सरकार से इसके लिए अनुदान कैसे ले सकते हैं.

 धान की खेती सबसे ज्यादा सिंचाई और लागत वाली खेती मानी जाती है. लेकिन परंपरागत तरीके को छोड़कर डीएसआर तकनीक (Direct Seeded Rice) तकनीक धान की इस मुश्किल खेती को कम लागत और ज्यादा मुनाफे वाली बना सकती है.

खासकर इसमें सिंचाई के लिए पानी की जरूरत भी 50 प्रतिशत तक कम हो जाती है. इससे भी अच्छी बात ये है कि सरकार इसके लिए 4 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से अलग से पैसा देती है. आइये आपको बताते हैं कि धान की डीएसआर तकनीक क्या है. सरकार से इसके लिए अनुदान कैसे ले सकते हैं.

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