हरियाणा सरकार ने कबूला सुप्रीम कोर्ट का फैसला: 5 बोनस अंक हटाकर CET का रिवाइज्ड परिणाम जारी, 23 हजार नियुक्तियों पर लटकी तलवार

हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार कर लिया है। सामाजिक और आर्थिक आधार पर 5 नंबर बोनस अंक वाली याचिका खारिज होने के बाद सीईटी के ग्रुप-सी रिवाइज्ड परिणाम जारी किया गया है।
 
हरियाणा सरकार ने कबूला सुप्रीम कोर्ट का फैसला: 5 बोनस अंक हटाकर CET का रिवाइज्ड परिणाम जारी, 23 हजार नियुक्तियों पर लटकी तलवार
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हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार कर लिया है। सामाजिक और आर्थिक आधार पर 5 नंबर बोनस अंक वाली याचिका खारिज होने के बाद सीईटी के ग्रुप-सी रिवाइज्ड परिणाम जारी किया गया है। यह रिजल्ट बिन बोनस अंकों के जारी हुआ है।

HSSC ने मंगलवार रात को इस मामले में नोटिस जारी किया। सीईटी एग्जाम 5-6 नवंबर 2022 को लिया गया था। इसके बाद सरकार 23 हजार पदों पर नियुक्तियां कर चुकी है।

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएस ओका और जस्टिस राजेश बिंदल की अवकाशकालीन पीठ ने बीते सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा था कि ‘यह नीति जनता को आकर्षित करने के लिए लोकलुभावन उपाय है। यह योग्यता को प्राथमिकता देने के सिद्धांत से भटकी हुई है।'

 
अटॉर्नी जनरल ने कहा- जिन्होंने परीक्षा दी उनकी क्या गलती?

अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी ने कोर्ट से कहा कि ग्रुप-D के पदों पर काम करने वाले कर्मचारी स्थानीय स्तर के हैं। यह लाभ ऐसे लोगों को दिए जाते हैं, जिनके परिवार के पास आय का कोई स्रोत नहीं है। क्या ऐसे लोगों को सरकारी नौकरी में अवसर नहीं दिया जाना चाहिए? हाईकोर्ट द्वारा लिखित परीक्षा दोबारा कराने का आदेश दिया जाना सामाजिक-आर्थिक मानदंडों के खिलाफ है। इन पर दोबारा से विचार करने की जरूरत है। जिन्होंने परीक्षा दी है, इसमें उनकी क्या गलती है?।

कोर्ट ने कहा- नई मेरिट लिस्ट वालों को मिलेगा मौका

कोर्ट ने राज्य कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की याचिका खारिज करते हुए फैसले में कहा, ‘जिन अभ्यर्थियों को पहले के परिणाम के आधार पर विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया है, अगर वे CET की नई मेरिट सूची में आते हैं तो नई चयन प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति होगी। जब तक नए चयन की तैयारी नहीं हो जाती, तब तक वे पदों पर बने रहेंगे।

वे नई चयन प्रक्रिया में चयनित नहीं होते तो पद छोड़ना होगा और नियुक्ति समाप्त मानी जाएगी। उन्हें अन्य कोई विशेष अधिकार नहीं होगा और वे उस अवधि के वेतन के अतिरिक्त किसी अन्य लाभ के हकदार नहीं होंगे।’


CM कह चुके- किसी की नौकरी नहीं जाएगी

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी कह चुके हैं कि जिनकी नियुक्तियां हुई हैं, उनकी नौकरी नहीं जाएगी। सरकार के पास 2 विकल्प हैं। एक तो सरकार पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकती है। दूसरा- सदन में विधेयक लाया जा सकता है।