हरियाणा में पटवारियों की हड़ताल खत्म, सरकार ने मांगें मानी, मिलेंगे 3 सैलरी इन्क्रीमेंट

 
 हरियाणा में पटवारियों की हड़ताल खत्म, सरकार ने मांगें मानी, मिलेंगे 3 सैलरी इन्क्रीमेंट
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हरियाणा में पटवारियों की हड़ताल से अब तक 400 करोड़ रुपए राजस्व का नुकसान हो चुका है।

हरियाणा में पटवारी- कानूनगो की हड़ताल आज खत्म हो गई। सरकार की ओर से उनकी मांगे मान ली गई हैं। दो दौर की वार्ता के बाद सरकार की ओर से यह फैसला लिया गया है। 

सीएम मनोहर लाल की मंजूरी के बाद लेटर भी जारी कर दिया है। इधर रोहतक से इसका पटवारी और कानूनगो अपनी हड़ताल समाप्ति का ऐलान कर दिया गया है।

पटवारी व कानूनगो अपनी मांगों को लेकर तीन जनवरी से हड़ताल पर बैठे हैं। पटवारी ग्रेड-पे विसंगति और एश्योर करियर प्रमोशन (ACP) को लेकर मांग रहे हैं। 

हरियाणा में पटवारियों की हड़ताल के कारण फरद देने और रजिस्ट्री से संबंधित करीब 75 काम अधर में लटके हुए हैं।

पटवारियों के ऐलान के बाद हरियाणा सरकार की ओर से पटवारियों के वेतन संशोधन को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। जिसमें 2019 बैच के पटवारियों को दो वेतन वृद्धि और वरिष्ठ बैच के पटवारियों को 1 जनवरी 2023 को मौजूदा उनके संबंधित पूर्व-उन्नत वेतन स्तर या ACP स्तर में तीन वेतन वृद्धि की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। 

इन वेतन वृद्धियों की अनुमति के बाद, उनका वेतन दिनांक 25 जनवरी 2023 के नोटिफिकेशन के अनुसार फिर से तय किया जाएगा।

यहां देखिए कब-कब हुई वार्ता

हरियाणा में पटवारी-कानूनगो की हड़ताल को खत्म कराने के लिए सरकार की ओर से दो बार वार्ता की गई। पहली मीटिंग 12 दिन पहले वित्त विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के साथ चंडीगढ़ में हुई थी। यह मीटिंग बेनतीजा रही थी। 

इसके बाद दूसरी मीटिंग फाइनेंशियल कमिश्नर रेवेन्यू (FCR) के साथ वर्चुअल रूप में की गई थी, इसमें मांगों को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया था। इसके बाद पटवारियों ने अपनी हड़ताल को जारी रखने का फैसला किया था।

हड़ताल से 400 करोड़ का राजस्व नुकसान

*राज्य में पटवारियों और कानूनगो ने एसोसिएशन की आह्वान पर तहसीलों में धरने - प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं। हड़ताल के कारण लोगों को तहसीलों में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

जमीन की रजिस्ट्री और ट्रांसफर सहित पटवारी और कानूनगो के अंतर्गत आने वाले 75 तरह के काम नहीं हो रहे हैं। नए साल की शुरुआत से ही यह सभी काम पूरी तरह ठप पड़े हुए हैं। 

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पटवारियों की हड़ताल के चलते अब तक करीब 400 करोड़ रुपए का घाटा हो चुका है।