Haryana Election: बीजेपी ने क्यों की चुनाव की तारीखों में बदलाव की मांग? CM सैनी ने बताई वजह

 
बीजेपी ने क्यों की चुनाव  तारीखों में बदलाव की मांग? CM सैनी ने बताई वजह
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हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। बीजेपी ने  चुनाव आयोग से चुनाव की तारीख बदलने की मांग की है।

सीएम सैनी ने चुनाव की तारीखें बदलने वजह बताते हुए कहा कि प्रदेश अध्यक्ष ने इस बात की चिंता की है कि लगातार छुट्टियां है। पहले शनिवार और रविवार है और इसके बाद 2 अक्टूबर को गांधी जयंती की छुट्टी है। 

लगातार 4-5 छु्ट्टियां होने की वजह से वोटिंग कम होने की संभावना है। सीएम ने कहा कि चुनाव आयोग को जो हमारे अध्यक्ष ने लेटर लिखा है मैं चाहूंगा की सभी दलों से बात करके इस पर विचार किया जाएगा। ताकि वोट प्रतिशत ज्यादा हो। ये लोकतंत्र के लिए अच्छा है।

पत्र में भी लिखा है ये कारण
हरियाणा में मतदान की तारीख ने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। राज्य में एक अक्तूबर को चुनाव होने हैं। मतदान की तारीख के आगे और पीछे छुट्टियां पड़ रही हैं। एक साथ कई छुट्टी होने की वजह से लोग बाहर घूमने जा सकते हैं, जिसका असर मतदान पर पड़ सकता है। 


ऐसे में भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने भारत निर्वाचन आयोग और हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र लिख मतदान की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की है। मुख्य चुनाव अधिकारी पंकज अग्रवाल ने बताया कि उन्हें भाजपा का पत्र मिल चुका है, जिस पर उपयुक्त फैसला लेने के लिए निर्वाचन आयोग को भेज दिया गया है।

आयोग को लिखे पत्र में भाजपा ने दलील दी है कि 28 व 29 सितंबर को शनिवार व रविवार है। एक अक्तूबर को मतदान होने की वजह से छुट्टी है। दो अक्तूबर को गांधी जयंती और तीन को अग्रसेन जयंती है। 30 की छुट्टी लेकर छह दिन का लंबा वीकेंड पड़ रहा है। ऐसे में लोग छुटि्टयां मनाने प्रदेश के बाहर जा सकते हैं जिससे मतदान प्रतिशत प्रभावित हो सकता है। 

बिश्नोई समाज के धार्मिक अनुष्ठान का भी हवाला
भाजपा ने अपने पत्र में यह भी तर्क दिया है कि दो अक्तूबर को आसोज की अमावस्या होने के कारण बीकानेर के मुकाम गांव में बिश्नोई समाज का धार्मिक अनुष्ठान है। इसके लिए बिश्नोई समाज के काफी लोग एक अक्तूबर को ही पहुंच जाते हैं। इसका भी मतदान प्रतिशत पर असर पड़ सकता है।

भाजपा ने आयोग से मतदान की निर्धारित तारीख को बदलने का अनुरोध किया है। साथ ही यह भी कहा है कि अगली तारीख रखते हुए यह ध्यान रखा जाए कि मतदान की तिथि से एक दिन पहले और मतदान के अगले दिन अवकाश न हो। ऐसा होने से ज्यादा से ज्यादा लोग मतदान में हिस्सा ले सकेंगे। 

चुनाव आयोग ने बीते हफ्ते चुनाव की तारीख की घोषणा की थी। इसके मुताबिक पांच सितंबर को चुनाव की अधिसूचना जारी होनी है। एक अक्तूबर को मतदान और चार को परिणाम घोषित किए जाने हैं।


पंजाब विधानसभा चुनाव की तारीख बदली गई थी
चुनाव आयोग इससे पहले भी तारीख में बदलाव कर चुका है। साल 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव की तारीख 14 फरवरी निर्धारित की गई थी। इसके दो दिन बाद रविदास जयंती थी।

पंजाब के काफी लोग रविदास जयंती मनाने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जाते हैं। पंजाब के राजनीतिक दलों के अनुरोध के बाद चुनाव आयोग ने मतदान की तारीख में परिवर्तन कर दिया था।

लोकसभा चुनाव में गर्मी की वजह से कम हुआ था मतदान
इस बार लोकसभा चुनाव में गर्मी की वजह से मतदान प्रतिशत में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई थी। 25 मई को भीषण गर्मी थी और लोग घरों से मतदान के लिए नहीं निकले। 2019 में करीब 70 फीसदी मतदान हुआ था। जबकि बीते मई को 65 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था।