Haryana Cabinet Decisions : हरियाणा कैबिनेट की बैठक में क्या-क्या फैसले हुए, हिंदी में विस्तार से पढ़े पूरी जानकारी

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पंजाब पुलिस नियम, 1934 के नियम 14.29 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
 
हरियाणा कैबिनेट की बैठक में क्या-क्या फैसले हुए
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Haryana Cabinet Desicions : हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पंजाब पुलिस नियम, 1934 के नियम 14.29 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

संशोधन के अनुसार, पंजाब पुलिस नियम, 1934 के नियम 14.29 को हटा दिया जाएगा, जिससे हैंडी साइड मेमोरियल फंड और सॉन्डर्स-चानन सिंह फंड को समाप्त कर दिया जाएगा और कॉर्पस को पुलिस कल्याण फंड में मिला दिया जाएगा।
क्रमांक – 2023

चंडीगढ़, 9 मई -  हरियाणा सरकार ने सार्वजनिक खर्च में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए वित्त विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में राज्य लेखा परीक्षा निदेशालय नामक एक नया विभाग स्थापित करने का निर्णय लिया है।

राज्य लेखा परीक्षा निदेशालय सभी लेखा परीक्षा योग्य इकाई सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, सहकारी समितियों, विश्वविद्यालयों, स्थानीय प्राधिकरणों, सांविधिक निकायों, सार्वजनिक संस्थानों और राज्य सरकार द्वारा स्थापित नियंत्रित या वित्तपोषित अन्य प्राधिकरणों की आंतरिक लेखा परीक्षा करेगा।  इनमें समेकित निधि से धन, सहायता, अनुदान या योगदान प्राप्त करने वाले गैर-सरकारी संगठन और संस्थाएं जो राज्य संचित निधि के माध्यम से सरकार से किसी भी रूप में या सार्वजनिक रूप से धन प्राप्त करती हैं, वे भी इसमें लेखा परीक्षा में शामिल हैं।

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई हरियाणा कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
आंतरिक नियंत्रण के लिए आंतरिक लेखा परीक्षा की समीक्षा और सुधार करने, कमजोरियों एवं गलतियों की पहचान करने, मूल्यांकन और निगरानी  के साथ-साथ आंतरिक नियंत्रण के लिए जांच का पर्याप्त और प्रभावशाली उपकरण है।
क्रमांक – 2023

 
चंडीगढ़, 9 मई - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 6 नए उपमंडल नामतः मानेसर (गुरुग्राम), नीलोखेड़ी (करनाल), इसराना (पानीपत), छछरौली (यमुनानगर), नांगल चौधरी (महेंद्रगढ़), और जुलाना (जींद) बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

राज्य सरकार ने राजस्व मंत्री की अध्यक्षता में उप-तहसीलों, तहसीलों, उप-मंडलों और जिलों के पुनर्गठन के लिए एक समिति का गठन किया है, जिसका उद्देश्य जनता तक बेहतर सेवाएं पहुंचाना और विभिन्न क्षेत्रों में प्रशासनिक दक्षता, प्रशासनिक स्तर पर तालमेल लाना व सेवाओं का बेहतर वितरण है।

मंत्रिमंडल की बैठक में पूर्व में तय की गई प्रशासनिक इकाइयों के निर्माण के मापदंड के आधार पर और अन्य कारकों जैसे यातायात, परिवहन, सामाजिक समरूपता, बुनियादी ढांचे की उपलब्धता और भविष्य के विस्तार की संभावना को ध्यान में रखते हुए समिति ने 6 सब-डिवीजन बनाने की सिफारिश की है।
क्रमांक – 2023
 

चण्डीगढ़, 9 मई - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कृषि-व्यवसाय एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति-2018 में संशोधन तथा इसके अंतर्गत प्रोत्साहन योजनाओं के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।

संशोधित प्रस्ताव के अनुसार ‘बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज स्कीम’ के अंतर्गत 25 परियोजनाएं और ‘इंटीग्रेटेड कोल्ड चेन एंड वैल्यू एडिशन स्कीम’ के तहत 15 अतिरिक्त परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी।

नीतिगत बजट 433 करोड़ रुपये का अपरिवर्तित बजट रहेगा। व्यक्तिगत कृषि और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के निर्माण, विस्तार और विविधीकरण की योजना से 31 मार्च, 2024 तक या नई कृषि-व्यवसाय और खाद्य प्रसंस्करण नीति की अधिसूचना तक, जो भी पहले हो, 160 करोड़ रुपये का बजट उपरोक्त योजनाओं में परिवर्तित किया जाएगा। यह संशोधन वांछित नीतिगत उद्देश्यों को प्राप्त करने में मददगार होगा और एक वृहद खाद्य प्रसंस्करण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के साथ-साथ राज्य में किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी उपयोगी होगा।

हरियाणा कृषि-व्यवसाय और खाद्य प्रसंस्करण नीति को कृषि क्षेत्र में त्वरित विकास प्राप्त करके एक समृद्ध ग्रामीण अर्थव्यवस्था बनाने, मजबूत मूल्य श्रृंखला लिंकेज बनाने, अनुसंधान पर जोर देने और अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे की स्थापना के दृष्टिकोण के साथ अधिसूचित किया गया था।

नीति का उद्देश्य हरियाणा को खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेशकों के लिए एक स्पष्ट गंतव्य बनाना, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों जैसे डेयरी, बागवानी, पशुधन, मत्स्य और पोल्ट्री आदि में मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देना और निवेश करके बुनियादी ढांचे को मजबूत करना था। खाद्य प्रसंस्करण समूहों में, इस प्रकार एक मजबूत और मजबूत मूल्य श्रृंखला विकसित करना, ताजा भोजन विशेष रूप से फल, सब्जियां, दूध और मछली के फार्म द्वार प्रसंस्करण को बढ़ावा देना, कृषि-व्यवसाय स्थान में स्टार्टअप को बढ़ावा देना और किसानों को नए माध्यम से अपनी आय बढ़ाने में सक्षम बनाने और कृषि-विपणन सुधार करना है।

इस नीति को अधिसूचित करने का उद्देश्य वर्ष 2023 तक 3,500 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करना, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में 20,000 लोगों के लिए रोजगार सृजन करना और जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं (फल, सब्जियां), डेयरी, मत्स्य पालन आदि में प्रसंस्करण के स्तर को 10 प्रतिशत तक बढ़ाना था।
क्रमांक – 2023
 

चंडीगढ़, 9 मई-  हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां  मंत्रिमंडल की बैठक में गौड़ ब्राह्मण विद्या प्रचारिणी सभा रोहतक को नगर निगम रोहतक की भूमि 33 वर्ष की अवधि के लिए पट्टे पर देने के संबंध में स्वीकृति प्रदान की गई।
 
गौड़ ब्राह्मण विद्या प्रचारिणी सभा एक पंजीकृत संस्था है और 100 से अधिक वर्षों से सक्रिय रूप से शिक्षण संस्थान चला रही है। वर्तमान में सभा द्वारा रोहतक में एक डिग्री कॉलेज, एक बी.एड. कॉलेज और एक स्कूल चलाया जा रहा है। सभा द्वारा प्रस्तावित भूमि का उपयोग मौजूदा शैक्षणिक संस्थानों के विस्तार के लिए किया जाएगा। कब्जा सौंपने से पहले सभा को विस्तृत नियमों और शर्तों का पालन करने के लिए नगर निगम, रोहतक और गौड़ ब्राह्मण विद्या प्रचारिणी सभा के बीच एक समझौता किया जाएगा।
क्रमांक – 2023

चंडीगढ़, 9 मई - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 और हरियाणा नगरपालिका अधिनियम,1973 में संशोधन के अध्यादेश को स्वीकृति प्रदान की गई।

इन अध्यादेशों को हरियाणा नगर निगम (संशोधन) अध्यादेश, 2023 कहा जाएगा। संशोधन के अनुसार, प्रत्येक नगर पालिका में पिछड़े वर्ग ‘ए’ के लिए सीटें आरक्षित होंगी और आरक्षित सीटों की संख्या यथासम्भव रहेगी। नगर पालिका में सीटों की कुल संख्या के समान अनुपात में उस नगर पालिका की कुल आबादी के लिए पिछड़े वर्ग ‘ए’ जनसंख्या के अनुपात का 0.5 या अधिक होने की स्थिति में अगले उच्च पूर्णांक तक पूर्णांकित किया जाता है।
अनुसूचित जाति के लिए पहले से ही आरक्षित सीटों को छोडक़र पिछड़े वर्ग  ‘ए’ की सबसे अधिक प्रतिशत आबादी वाले पिछड़े वर्ग  ‘ए’ के आरक्षण के लिए प्रस्तावित सीटों की संख्या के अधिकतम तीन गुना सीटों में से ऐसी सीटों को ड्रा द्वारा आवंटित किया जाएगा और बाद के चुनावों में भी बारी-बारी से आवंटित की जाएंगी।  
मंत्रिपरिषद ने 8 मई को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पिछड़ा वर्ग-ए को नगर पालिकाओं के चुनाव लडऩे में आरक्षण के अनुपात के प्रावधान के लिए हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों को स्वीकार करने के एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी थी।

चूंकि, राज्य विधानसभा सत्र में नहीं है और शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव जल्द से जल्द होने हैं इसलिए हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों के अनुसार नगर निगमों और नगर परिषदों/समितियों के चुनावों में पिछड़ा वर्ग-ए को आरक्षण के प्रावधान के लिए, अधिनियम, 1994 की धारा 6 और धारा 11 और अधिनियम, 1973 की धारा 10 में प्रावधान करने के लिए अध्यादेश लाने की आवश्यकता है।
क्रमांक – 2023
 

मंत्रिमंडल ने नई आबकारी नीति- 2023-24 को दी मंजूरी
पिछले 5 वर्षों में राज्य का आबकारी राजस्व हुआ दोगुना
पिछले दो वर्षों में जिस लाइसेंस शुल्क पर फुटकर दुकानें आवंटित की गई थी, उसकी शत-प्रतिशत वसूली कर ली गई
पंचकूला में श्री माता मनसा देवी मंदिर के आसपास अधिसूचित पवित्र क्षेत्र में नहीं खुलेगी कोई दुकान
सरकार का लक्ष्य पर्यावरण और पशु कल्याण (गौ सेवा) के लिए 400 करोड़ रुपये एकत्र करना

चंडीगढ़, 9 मई- पिछले पांच वर्षों में आबकारी राजस्व में लगभग दो गुना वृद्धि के साथ, हरियाणा की आबकारी नीतियों ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली सरकार ने मामूली साधनों वाले नए प्लेयर्स के प्रवेश को सुविधाजनक बनाकर, खुदरा दुकानों के आवंटन की पारदर्शी प्रणाली स्थापित करके तथा लीकेज को रोककर दीर्घकालिक उद्देश्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त किया है।

इतना ही नहीं, सरकार अब आबकारी नीति- 2022-23 के सफल कार्यान्वयन के साथ 10,000 करोड़ रुपये के बेंचमार्क को पार करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। गौरतलब है कि पिछले दो वर्षों में जिस लाइसेंस फीस पर फुटकर दुकानें आवंटित की गई थी, उसकी शत-प्रतिशत वसूली राज्य सरकार द्वारा की जा चुकी है।

जैसा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल और उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला की परिकल्पना  थी,  आबकारी राजस्व से अर्जित राज्य के राजस्व का एक-एक पैसा लोक कल्याण और विकासात्मक योजनाओं के लिए उपयोग किया गया है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में जिस नई आबकारी नीति- 2023-24 को अनुमोदित किया गया है, वह उन संसाधनों को उत्पन्न करने की सुविधा भी देती है, जिनका उपयोग विकासात्मक परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए किया जा सकता है।

पर्यावरण के अनुकूल उपाय के रूप में, नई नीति का उद्देश्य 29 फरवरी, 2024 के बाद शराब की बोतल में पीईटी बोतलों के उपयोग को बंद करना है।
इसके साथ ही 400 करोड़ रुपए के लक्षित संग्रह के साथ खुदरा परमिट शुल्क लगाया गया है। इस राशि का उपयोग पर्यावरण और पशु कल्याण के लिए किया जाएगा।

सरकार का लक्ष्य पर्यावरण और पशु कल्याण (गौ सेवा) के लिए 400 करोड़ रुपये एकत्र करना

पर्यावरण रक्षा और पशु कल्याण (गौ सेवा) के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए नई नीति में खुदरा परमिट शुल्क लगाया गया है, जिसका लक्ष्य 400 करोड़ रुपये संग्रह करना है। इस राशि का उपयोग पर्यावरण एवं पशु कल्याण के लिए किया जाएगा।
नई नीति में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए जिला स्तर पर आईएफएल (बीआईओ) के लेबल का भी नवीनीकरण किया जाएगा। साथ ही, एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए छोटी (क्राफ्ट) ब्रेवरीज की लाइसेंस फीस कम की गई है। राज्य में वाइनरी को बढ़ावा देने के लिए वाइनरी की सुपरवाइजरी फीस में कमी की गई है।

‘राज्य में खुदरा शराब के ठेकों की अधिकतम संख्या की सीमा घटी’
नई आबकारी नीति में राज्य में खुदरा शराब के ठेकों की अधिकतम संख्या की सीमा को क्रमशः 2022-23 में 2600 से घटाकर 2500 तथा 2023-24 में 2500 से 2400 कर दिया गया है।
इसी के साथ लोक कल्याण की दृष्टि से एक और बड़ा फैसला लेते हुए यह निर्णय लिया गया है कि पंचकूला में श्री माता मनसा देवी मंदिर के आस-पास अधिसूचित पवित्र क्षेत्रों तथा जिन गांवों में गुरुकुल चल रहे हैं, वहां शराब के ठेके नहीं खोले जाएंगे।

वर्तमान नीति में, अधिक से अधिक प्रतिभागियों को ई-निविदा के माध्यम से शराब की दुकान के लाइसेंस के लिए आवेदन करने की अनुमति देने के लिए खुदरा शराब बिक्री जोन का आकार भी चार से घटाकर दो कर दिया गया है।

‘देशी शराब के मूल कोटे में वृद्धि’
नई नीति में देशी शराब, भारत में बनी विदेशी शराब और आयातित विदेशी शराब (बीआईओ) के मूल कोटे में बढ़ोतरी की गई है। इसके साथ ही देशी शराब और आईएमएफएल पर उत्पाद शुल्क की दरों में भी मामूली वृद्धि की गई है।

अल्कोहल की कम मात्रा वाले पेय पदार्थों को बढ़ावा देने के लिए रेडी टू ड्रिंक बेवरेजेज और बीयर पर माइल्ड और सुपर माइल्ड कैटेगरी के तहत एक्साइज ड्यूटी घटा दी गई है। इसके अलावा, पब कैटेगरी (एल-10ई) यानी केवल बीयर और वाइन के उपभोग के लिए लाइसेंस शुल्क को और कम कर दिया गया है।

‘जुर्माने के प्रावधान सख्त’
थोक लाइसेंसधारियों द्वारा शराब की चोरी पर अंकुश लगाने के लिए जुर्माने के प्रावधान कड़े किए गए हैं और लाइसेंसधारक द्वारा सोशल मीडिया सहित विभिन्न प्लेटफॉर्म पर शराब प्रचार के विज्ञापनों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

‘बार व पब के बाहर लगेंगे सावधानी बोर्ड’
आबकारी लाइसेंस के तहत शराब परोसने वाले सभी होटलों, पब और बार, रेस्तरां और कैफे के बाहर सावधानी बोर्ड प्रदर्शित किए जाएंगे। इसके अलावा, कर्मचारियों और ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, शहरी क्षेत्रों, सराय और थोक लाइसेंसधारियों के लिए भी  सभी खुदरा विक्रेताओं के लिए अग्निशमन उपकरण स्थापित करना अनिवार्य होगा। उपरोक्त सभी दुकानों/गोदामों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे।