Haryana Assembly Election: हरियाणा विधानसभा चुनावों में गेम चेंजर हो सकती है विनेश फोगाट की राजनीतिक पारी, जानें क्या बोली भारतीय पहलवान
Haryana Assembly Election: हरियाणा में विधानसभा चुनाव अब एक अक्टूबर की बजाय पांच अक्टूबर को होंगे। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही बड़ी पार्टियां है और दोनों ही चुनाव जीतने के लिए हर कोशिश कर रही है। जहां बीजेपी अपने काम के दम पर सत्ता में तीसरी बार आना चाहती हैं। वहीं कांग्रेस ऐसे मुद्दों को पकड़े हुए है, जो बीजेपी को हराने में मदद कर सकते हैं।
दरअसल, हरियाणा में किसानों और पहलवानों का मुद्दा अहम है। कांग्रेस दोनों ही मुद्दों पर अपनी पकड़ बनाए हुए हैं और आगामी चुनाव में इन मुद्दों को भुना सकती है। इसी बीच पहलवान विनेश फोगट को लेकर लगातार दावा किया जा रहा है कि वह कांग्रेस ज्वाइन कर सकती है। अगर ऐसा हुआ तो इससे भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर विवाद बढ़ सकता है।जिन पर कई महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप है। विनेश फोगट सहित कई पहलवानों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था।.
कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने पहलवानों के मुद्दों को भुनाया और 2024 के लोकसभा चुनावों में विवाद को जीवित रखा। उन्होंने यह भी कहा कि वे इसे हरियाणा विधानसभा चुनाव में चुनावी मुद्दा बनाएंगे।
बता दें कि विनेश फोगाट शंभू सीमा पर किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं और उनके प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया। विनेश फोगाट ने कहा कि वह उनके साथ हैं। इससे पहले पहलवान ने 27 अगस्त को जींद में खाप पंचायतों से मुलाकात की थी और कहा था कि उन पर राजनीति में शामिल होने का दबाव है। विनेश फोगाट ने अपनी अयोग्यता का जिक्र करते हुए मीडिया में कहा कि उन पर राजनीति में शामिल होने का दबाव है। लेकिन, वह अपने बड़ों से सलाह लेने के बाद फैसला करेंगी। उन्होंने कहा कि जब उनका मन ठीक होगा, तो वह सोचेंगी कि आगे क्या करना है। उन्होंने आगे कहा कि वह अभी भी गहरे सदमे में हैं।
विनेश फोगाट राजनीतिक बैकग्राउंड वाले परिवार से आती हैं। उनकी चचेरी बहन बबीता फोगाट ने 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में दादरी विधानसभा से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। हालांकि, वह इस चुनाव में हार गई थीं। दिलचस्प बात यह है कि जहां कई राज्य के पहलवानों ने ओलंपिक के दौरान विनेश फोगाट का समर्थन किया था। वहीं उसके चचेरे भाई उनकी सपोर्ट में खड़े नहीं हुए थे। बल्कि कांग्रेस पर निशाना साधते हुए नजर आए थे।
बबीता के खिलाफ चुनाव लड़ सकती है विनेश फोगाट
विनेश फोगाट ने यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर बृजभूषण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में सक्रिय रूप से भाग लिया। इसके विपरीत बबीता ने आरोप लगाया कि यह विरोध प्रदर्शन कांग्रेस नेताओं के इशारे पर आयोजित किया गया था। माना जा रहा है कि विनेश फोगाट का झुकाव कांग्रेस की ओर है। सूत्र बताते हैं कि अगर विनेश फोगाट चुनाव लड़ने का फैसला करती हैं, तो वह दादरी निर्वाचन क्षेत्र में बबीता के खिलाफ चुनाव लड़ सकती हैं।
विनेश फोगाट के आने से कांग्रेस को होगा फायदा
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें, तो हरियाणा में भाजपा के खिलाफ सत्ता विरोधी भावना केवल जाटों और किसानों तक ही सीमित नहीं है। माना जा रहा है कि पहलवान और सरपंच भी राज्य सरकार से असंतुष्ट हैं। 2019 में सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने के बावजूद बीजेपी ने एक भी जाट नेता को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया और 2014 के बाद से जाट समुदाय से किसी को भी सीएम नियुक्त नहीं किया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि विनेश फोगाट के कांग्रेस में आने से पार्टी को आगामी चुनाव में फायदा मिल सकता है।