Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए दो जाट चेहरे, क्या आगामी चुनावों में मिलेगा फायदा ?
Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने दो जाट चेहरों देवेंद्र सिंह बबली और सुनील सांगवान को राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की उपस्थिति में पार्टी में शामिल किया है। जेजेपी के बागी बबली जहां मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली सरकार में पूर्व मंत्री रह चुके हैं। वहीं सांगवान ने हाल ही में जेल अधीक्षक के पद से रिटायरमेंट ले ली है।
दरअसल,सुनील सांगवान सांगवान प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के बेटे हैं। सुनील सांगवान को लेकर कहा जा रहा है कि बीजेपी उन्हें टोहाना या चरखी दादरी से विधानसभा चुनावों में टिकट दे सकती हैं। इसके अलावा देवेंद्र सिंह बबली को टोहाना विधानसभा सीट से टिकट देने को लेकर चर्चा है।
बता दें कि बीजेपी को किसानों और जाट समुदाय के लोगों का विरोध झेलना पड़ रहा है। ये ही वजह है कि बीजेपी जाट उम्मीदवारों को मैदान में उतार सकती है। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें, तो बीजेपी अभी इस बात पर भी मंथन कर रही है कि किस विधानसभा क्षेत्र में उसकी स्थिति कमजोर है और उसे कैसे मजबूत किया जा सकता है। ये ही वजह है कि बीजेपी अभी भी उम्मीदवारों को लेकर मंथन कर रही है और अभी तक एक भी लिस्ट जारी नहीं हो पाई है।
एक दिन पहले बीजेपी में शामिल हुए थे जेजपी के तीन बागी विधायक
वहीं इससे एक दिन पहले बीजेपी में जेजेपी के तीन बागी विधायक जींद में सीएम सैनी की मौजूदगी में शामिल हुए थे। भाजपा में शामिल होने वाले विधायकों में नारनौंद से राम कुमार गौतम, बरवाला से जोगी राम सिहाग और पूर्व मंत्री एवं उकलाना (सुरक्षित) से जेजेपी विधायक अनूप धानक शामिल हैं। जबकि इन सभी ने जेजेपी से इस्तीफा दे दिया था। वहीं सिहाग और धानक ने विधानसभा से भी अपना इस्तीफा दे दिया था।
हालांकि, जेजेपी के नरवाना (सुरक्षित) विधायक राम निवास सुरजेखेड़ा, जिन पर बलात्कार का केस दर्ज हुआ है। वह इस रैली में नहीं पहुंचे। कहा जा रहा है कि उनके खिलाफ आपराधिक आरोप होने की वजह से वह बीजेपी में शामिल नहीं हो पाएंगे।
गोरतलब है कि बीजेपी ने जेजेपी के साथ गठबंधन कर ही प्रदेश में साल 2019 में अपनी सरकार बनाई थी। हालांकि, साढ़े चार साल बाद ये गठबंधन टूट गया था। बीजेपी और जेजेपी अलग हो गई थी। ऐसे में जजपा नेताओं को बीजेपी में शामिल होना विपक्षी दलों के लिए समस्या खड़ी कर सकता है।