Haryana Vidhansasha Chunav: हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीख को लेकर मीटिंग खत्म, जाने क्या हुआ ?
हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा को लेकर चुनाव आयोग की मीटिंग खत्म हो गई है। इसमें 25 या 7 अक्टूबर को मतदान करवाने को लेकर चर्चा हुई। अभी इसको लेकर ऐलान नहीं हुआ है। कुछ देर बाद चुनाव आयोग प्रेस रिलीज जारी कर सकता है।
भाजपा और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने चुनाव आयोग को चिट्ठी भेजकर छुटि्टयों और बिश्नोई समाज के धार्मिक कार्यक्रम का हवाला देकर तारीख बदलने की मांग की थी।
माना जा रहा है कि चुनाव आयोग प्रदेश की वोटिंग की तारीख 1 अक्टूबर से 6 दिन पहले या 6 दिन बाद में नई तारीख तय कर सकता है।
6 दिन पहले यानी 25 सितंबर को वोटिंग के लिए तर्क दिया जा रहा है कि इसी दिन जम्मू-कश्मीर में दूसरे चरण के लिए मतदान होगा। ऐसे में आयोग को मतगणना की 4 अक्टूबर की तारीख को नहीं बढ़ाना पड़ेगा।
ऐसा न हुआ तो चुनाव आयोग 7 या 8 अक्टूबर को वोटिंग करा सकता है। ऐसा होने पर जम्मू-कश्मीर की मतगणना की तारीख भी बदल सकती है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा की मतगणना की तारीख 4 अक्टूबर तय की गई है।
वहीं चुनाव तारीखों में बदलाव की संभावना देखते हुए कांग्रेस ने दिल्ली में होने वाली आज की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक को टाल दिया है। 4 दिन की इस मीटिंग में बूथ लेवल कमेटियों से स्क्रीनिंग कमेटी चेयरमैन ने दावेदारों का फीडबैक लेना था। जिसे आगे राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को दिया जाना था। कांग्रेस भी चुनाव आयोग की घोषणा का इंतजार कर रही है।
भाजपा, इनेलो और बिश्नोई महासभा की तारीख बदलने की मांग
1. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली
25 अक्टूबर को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने चुनाव आयोग को लेटर भेजा था। जिसमें उन्होंने लिखा कि 28 और 29 सितंबर को शनिवार-रविवार है। 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी, जबकि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती की छुट्टी है। इतनी लंबी छुट्टियों में वोटर बाहर घूमने निकल जाएंगे। इससे वोटिंग कम हो सकती है।
बड़ौली ने लेटर में यह भी बताया कि 2 अक्टूबर को राजस्थान में मुकाम धाम में आसोज का मेला शुरू होगा। यह बिश्नोई समाज का बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है। इस मेले में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली से लोग पहुंचते हैं। हरियाणा में बिश्नोई समाज की जनसंख्या अधिक है। इसका असर भी वोटिंग पर हो सकता है।
2. INLD के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला
इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर 1 अक्टूबर को होने वाले मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने की BJP की मांग का समर्थन किया। उन्होंने लेटर में लिखा कि लोग आमतौर पर वीकेंड पर छुट्टियों पर जाते हैं, इसलिए यह निश्चित रूप से मतदान को प्रभावित करेगा। मत प्रतिशत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और मतदान प्रतिशत में 15 से 20 प्रतिशत की कमी होने की संभावना है।
इसके अलावा चुनाव के लिए कर्मचारियों के प्रशिक्षण के साथ-साथ चुनाव की तैयारी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। हरियाणा में मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने और मतदान प्रतिशत को अधिकतम करने के लिए मतदान की तारीख/दिन को एक या दो सप्ताह तक आगे बढ़ाया जाए।
3. अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा ने भी मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनाव की तारीख बदलने के लिए लेटर लिखा। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया ने कहा कि एक अक्टूबर को राजस्थान के बीकानेर में बड़े मेले का आयोजन होगा। इसमें बिश्नोई समाज के काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में चुनाव की डेट बदली जाए।
राजस्थान के बीकानेर में मुकाम धाम स्थित है, जहां आसोज अमावस्या पर मेला लगता है। इस बार आसोज अमावस्या एक अक्टूबर को रात 9.39 बजे शुरू होगी और 3 अक्टूबर को 12:18 बजे समाप्त होगी।
चुनाव की तारीख बदलने के विरोध में कांग्रेस-जेजेपी
1. हरियाणा कांग्रेस बोली- BJP को हार का डर
हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कहा कि भाजपा में मुख्यमंत्री से लेकर भूतपूर्व प्रदेश अध्यक्ष तक, हार से कोई अछूता नहीं है। इनके मुख्यमंत्री अपने बूथ और विधानसभा में हार गए।
इनके पूर्व प्रदेशाध्यक्ष धनखड़ चुनाव हार गए थे। सुभाष बराला तक चुनाव हार गए थे। इसलिए भाजपा छुट्टियों का बहाना बनाकर चुनाव टालना चाहती है, जबकि सच यह है कि हरियाणा की जनता ने भाजपा की छुट्टी करने का फैसला कर लिया है।
2. दुष्यंत चौटाला ने कहा- भाजपा का जनाधार गिरा
हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और JJP नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि प्रदेश में समय से पहले मतदान की घोषणा होने से भाजपा बुरी तरह से घबरा गई है और इसी के चलते बीजेपी मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग के दरबार में पहुंची।
भाजपा को इस चुनाव में हार का डर स्पष्ट सता रहा है, क्योंकि अब भाजपा का जनाधार प्रदेश में गिर चुका है और इसके चलते वह 20 सीट भी नहीं जीत पा रही। उन्होंने कहा कि हमें नहीं लगता कि मतदान की तारीख घोषित करने के बाद बीजेपी के इस पत्र पर आयोग विचार करेगा।
बिश्नोई समाज का 11 विधानसभा क्षेत्रों में असर
बिश्नोई समाज की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक भिवानी, हिसार, सिरसा और फतेहाबाद जिलों में बिश्नोई बाहुल्य गांव हैं। इनका असर करीब 11 विधानसभा क्षेत्रों में है। जिनमें करीब डेढ़ लाख वोट हैं। इसमें आदमपुर, उकलाना, नलवा, हिसार, बरवाला, फतेहाबाद, टोहाना, सिरसा, डबवाली, ऐलनाबाद, लोहारू विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।