हरियाणा के कॉलेजों में एडमिशन के लिए शेड्यूल जारी, फटाफट चेक करें पूरी जानकारी
हरियाणा के सरकारी और निजी कॉलेजों में दाखिलों को लेकर उच्चतर शिक्षा विभाग की तऱफ से शेड्यूल जारी कर दिया गया है। 2024-25 के शैक्षणिक सत्र में भी दाखिले ऑनलाइन ही होंगे। दाखिले के लिए परिवार पहचान-पत्र को अनिवार्य किया है।
उच्चतर शिक्षा विभाग के शेड्यूल के मुताबिक कालेजों को प्रोफाइल भरने का बुधवार से शनिवार पहली जून तक का समय दिया है। 3 जून को दाखिला प्रक्रिया शुरू होगी। ऑनलाइन दाखिला पोर्टल पर 25 जून तक आवेदन दाखिल हो सकेंगे। सभी छात्राओं और अनुसूचित जाति के छात्रों को निजी और सरकारी कालेजों में कोई ट्यूशन फीस नहीं देनी होगी।
एडमिशन कार्यक्रम के तहत 29 मई से पहली जून तक ऑनलाइन पोर्टल पर अपनी प्रोफाइल अपलोड करेंगे। इसमें कालेज की फीस, विषय, सीट सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भरी जाएगी।
12वीं पास कर चुके छात्र-छात्राओं को तीन से लेकर 25 जून तक एडमिशन पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। ऑनलाइन पंजीकरण शुल्क 100 रुपये निर्धारित किया है। छात्रों को आवेदन पत्र एडिटिंग का भी मौका दिया है। 26 जून को छात्र आवेदन पत्रों में एडिटिंग कर सकते हैं। यह एडिंटिंग ओटीपी आधारित रहेगी।
दाखिले के लिए पहली काउंसलिंग 2 जुलाई हो होगी, जो 8 जुलाई तक चलेगी। पहली काउंसलिंग में रिक्त सीटों के आधार पर सूची दूसरी काउंसलिंग में जारी की जाएगी। पहली और दूसरी काउंसलिंग में सीटें खाली रहने के बाद तीसरी काउंसलिंग 15 जुलाई से शुरू होगी।
पंजीकरण के लिए ऑनलाइन प्रवेश पोर्टल 16 जुलाई को खोला जाएगा। बची हुई सीटों पर 100 रुपये विलंब शुल्क (लेट फीस) के साथ छात्रों को 16 से 12 जुलाई तक फिजिकल काउंसलिंग का भी मौका दिया जाएगा।
इसके बाद भी बची हुई सीटों के लिए फिजिकल काउंसलिंग जारी रहेगी, हालांकि इस बार लेट फीस दोगुनी देनी होगी। दूसरे दौर की काउंसलिंग के बार कक्षाओं का दौर शुरू होगा। हालांकि इससे पहले प्राचार्य व प्रवेश नोडल अधिकारियों का 24 जुलाई से 31 जुलाई तक ऑनलाइन प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया जाएगा।
2023-24 के शैक्षणिक सत्र में 373 कॉलेजों में कुल 1 लाख 31 हजार 375 ही दाखिले हुए थे और चार बार तिथि बढ़ाने पर भी 99 हजार 471 सीटें खाली रह गई थी।
इसी प्रकार स्नातकोत्तर (पीजी) में भी कुल 40 हजार 255 सीटों में से महज 21 हजार 558 सीटों पर भरी गई थी और 18 हजार 697 सीटें खाली रही थी। ऐसे में अब विभाग खाली सीटों को लेकर चिंता में है। कुल सीटों को भरना विभाग के लिए चुनौती है। इसलिए विभाग उन्हीं कोर्स को रखेगा, जिनमें विद्यार्थियों की रुचि है। जहां दाखिले कम हो रहे हैं, उन कोर्सों को बंद किया जाएगा।