एग्रीकल्चर लेक्चरर भर्ती में सरकार ने किया नियम संशोधन

 
एग्रीकल्चर लेक्चरर भर्ती
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तीन विषय में MSc ही बन सकते थे लेक्चरर, सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन

राजस्थान के सरकारी स्कूल में एग्रीकल्चर विषय लेने वाले स्टूडेंट्स को अब बायोलॉजी या फिर मैथ्स के टीचर्स से एग्रीकल्चर पढ़ने की जरूरत नहीं है। पिछले करीब दो साल से पीजी डिग्रीधारी एग्रीकल्चर केंडिडेट्स जिस नियम संशोधन के लिए संघर्ष कर रहे थे, आखिरकार उनकी जीत हो गई है। राज्य सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी करके एग्रीकल्चर सहित अन्य विषयों के नियुक्ति नियमों में बड़ा संशोधन कर दिया है।

कांग्रेस शासन के समय से प्रदेशभर के एग्रीकल्चर पीजी कैंडिडेट्स लेक्चरर बनने का संघर्ष कर रहे थे। शिक्षा निदेशालय की एक गलती ने इन लेक्चरर की नियुक्ति पर तो अड़ंगा लगाया ही, राज्य के हजारों स्कूल स्टूडेंट्स को एग्रीकल्चर पढ़ने से भी वंचित कर दिया था। साल 2022 में सरकार ने नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था।

एग्रीकल्चर में पीजी के लिए रखी योग्यता

भर्ती के लिए एग्रीकल्चर में पीजी की योग्यता रखी गई। आरपीएससी ने तीन विषय एग्रोनॉमी, हॉर्टिकल्चर और एनिमल हसबेंड्री में पीजी करने वाले कैंडिडेट्स को ही योग्य माना, जबकि शेष विषय में पीजी करने वालों को अयोग्य घोषित कर दिया। शिक्षा विभाग के ही एक नियम का हवाला दिया गया।

कैंडिडेट्स ने विरोध किया तो तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने नियमों में संशोधन का प्रोसेस शुरू कर दिया लेकिन रफ्तार इतनी धीमी थी कि चुनाव आचार संहिता लागू हो गई। अब भाजपा सरकार ने इस कार्य को तेज गति से करते हुए नोटिफिकेशन जारी कर दिया, जिसमें कहा गया है कि एमएससी एग्रीकल्चर होना चाहिए, भले ही किसी भी विषय में हो।

अब निकलेगी करीब दो सौ पोस्ट

राज्य के सरकारी सीनियर सैकंडरी स्कूल में इस समय करीब एग्रीकल्चर लेक्चरर की करीब सात सौ पोस्ट है। इसमें करीब साढ़े चार सौ पोस्ट खाली पड़ी है। उम्मीद की जा रही है कि दो सौ पोस्ट पर सरकार जल्दी ही भर्ती विज्ञापन जारी करेगी, जबकि शेष पद पदोन्नति से भरे जाएंगे।

साल 2022 में 280 पोस्ट का विज्ञापन जारी हुआ था, जिसमें महज पचास केंडिडेट्स ही लिए जा सके। 2018 में 380 पोस्ट के लिए विज्ञापन जारी हुआ लेकिन करीब डेढ़ सौ कैंडिडेट्स ही भर्ती हुए। अब नई भर्ती में दो सौ कैंडिडेट्स की भर्ती हो सकती है