हरियाणा वासियों के लिए खुशखबरी: बनेगा इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर, हिसार एयरपोर्ट के साथ लगती 2988 एकड़ भूमि चिह्नित

हरियाणा में क्रेंद और राज्य सरकार बड़े स्तर पर औद्योगिक गतिविधियां शुरु करने जा रही है। इसके चलते महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डे के साथ लगती 1605 एकड़ जमीन में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनाने जा रही है। 

 
हरियाणा में बनेगा इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर
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हरियाणा और केंद्र सरकार प्रदेश के युवाओं के हित में बड़ा कदम उठा रही है। सरकार के इस कदम से लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। आइए जानते हैं केंद्र सरकार की इस योजना के बारे में।

हरियाणा में क्रेंद और राज्य सरकार बड़े स्तर पर औद्योगिक गतिविधियां शुरु करने जा रही है। इसके चलते महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डे के साथ लगती 1605 एकड़ जमीन में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनाने जा रही है। 

 यहां बड़ी कंपनियों का निवेश करवाया जाएगा। ताकि यहां औद्योगिक गतिविधियां बढ़े और हरियाणा के युवाओं को रोजगार मिल सके। हरियाणा सरकार का दावा है कि इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनने से 1 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा होगी।

इसका काम नेशनल इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (NICDC) के तहत किया जा रहा है। इस प्रोजेक्टर पर 4694.46 करोड़ की लागत आएगी।

एयरपोर्ट पर बनने वाले ड्राई पोर्ट से ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्रीज बढ़ेगी। यहां बनने वाले माल को दूसरी जगह पहुंचाने के लिए बड़े कनटेनरों और ट्रकों का इस्तेमाल होगा।

 इसके लिए नजदीक डीएफसी स्टेशनों का प्रयोग किया जाएगा। हिसार से पूर्व में अंबाला 208 किमी, पश्चिम में रेवाड़ी 156 किमी व लॉजिस्टिक हब/ड्राई पोर्ट व आईसीडी कापसहेड़ा 182 किमी, आईएमएलएच नांगल चौधरी 189 किमी और कांडला सी-पोर्ट 1055 कि.मी. की दूरी पर रहेंगे।


इंटरफेस कनेक्टिविटी डेवलप होगी
विदित हो कि पीएम गतिशक्ति योजना के अंतर्गत नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की 21 जून 2024 को आयोजित हुई 73वीं मीटिंग में गैस पाइप लाइन के प्रावधान, हाई स्पीड रेल व ओएफसीज और भारतीय रेल नेटवर्क तथा डीएफसीज के बीच इंटरफेस कनेक्टिविटी को डेवलप करने संबंधी बातचीत पर सहमति बनी है।

इस तरह शुरू होगा काम
नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने प्रस्तावित मास्टर प्लान की जानकारी देते हुए बताया कि फेज 1 में कुल 1605 एकड़ भूमि में से इंडस्ट्री एवं लॉजिस्टिक हेतु 980.20 एकड़ व 61%, कमर्शियल प्रयोग हेतु 39.02 एकड़ व 2%, पब्लिक और सेमी पब्लिक हेतु 48.60 एकड़ व 3%, रेजिडेंशियल हेतु 34.90 एकड़ व 2%, सर्विसेज हेतु 28.50 एकड़ व 2%, ग्रीन एंड वाटर बॉडी हेतु 242.52 एकड़ व 15% तथा रोड एवं यूटिलिटीज हेतु 231.26 एकड़ व 15% प्रयोग होगा।

इतने एकड़ में यह उद्योग लगेगा
इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के नजदीक मैटल इंडस्ट्री, इंजीनियरिंग एंड फैब्रिकेशन इंडस्ट्री, लॉजिस्टिक्स, कॉटन व टेक्सटाइल संबंधी, एग्रीकल्चर में फूड प्रोसेसिंग से संबंधित इंडस्ट्री पहले से स्थापित है। यह आईएमसी के लिए सकारात्मक बिंदु है।

 प्रस्तावित आईएमसी में एयरोस्पेस एंड डिफेंस के लिए 343.20 एकड़, फूड प्रोसेसिंग के लिए 172 एकड़, इंजीनियरिंग एंड फैब्रिकेशन के लिए 289.80 एकड़, रेडीमेड गारमेंट के लिए 92.20 एकड़, कॉमन रेडी शेड्स के लिए 12.73 एकड़, लॉजिस्टिक पार्क के लिए 70 एकड़ भूमि निर्धारित की गई है।

अभी ड्राफ्ट को मंजूरी, जमीन चिह्नित कर कब्जा लिया
नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने प्रस्तावित इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की अब तक की हुई तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा एसएचए-एसएसए ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी गई है। क्लस्टर हेतु 100% भूमि कब्जे में ले ली गई है। 

एनपीजी की अनुशंसा मिल चुकी है। मास्टर प्लान पीडीआर और कॉस्ट ऐस्टीमेट तैयार हो चुके हैं। मास्टर प्लान को कभी भी अधिसूचित किया जा सकता है। राज्य सरकार से बिजली व पानी की आवश्यक स्वीकृति मिल चुकी है। इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर हिसार शहर को दुनिया के नक्शे पर एक अलग पहचान देने के लिए तैयार है।