जर्मनी के सांसद राहुल कम्बोज ने दी अशोक तंवर के प्रचार को रफ्तार

 
जर्मनी के सांसद राहुल कम्बोज ने दी अशोक तंवर के प्रचार को रफ्तार
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-फ्रेंकफर्ट से हैं सांसद, पहले भारतीय जो जर्मनी की संसद के सदस्य बने
सिरसा, 16 मई। चुनावी बेला में तपती गर्मी के बीच उम्मीदवार अपने प्रचार को गति दे रहे हैं तो स्टार प्रचारकों के कार्यक्रमों को लेकर भी रणनीति बन रही है। इसी कड़ी में जर्मनी के सांसद राहुल कम्बोज प्रचार के लिए सिरसा पहुंच गए हैं। वीरवार को राहुल कम्बोज ने भूना, फतेेहाबाद एवं सिरसा में जनसंपर्क अभियान चलाया और विशेष तौर पर कम्बोज समुदाय के लोगों से मुलाकात की। राहुल कम्बोज जर्मनी के फ्रेंकफर्ट से सांसद हैं।

 18 मार्च 2021 को वे 1 लाख 60 हजार वोट लेकर करीब 50 हजार वोटों से विजयी होकर सांसद चुने गए थे। खास बात यह है कि राहुल कम्बोज जर्मनी से सांसद बनने वाले पहले भारतीय हैं तो कम्बोज समुदाय से विदेश में चुने जाने वाले इकलौते सांसद भी हैं। इससे पहले भी वे कई बार सिरसा में आ चुके हैं।

दरअसल 19 लाख 24 हजार मतदाताओं पर आधारित सिरसा सीट पर जातीय समीकरण भी अहम रोल अदा करते हैं। इस सीट पर कम्बोज समुदाय के करीब 1 लाख 19 हजार मतदाता हैं और यह एक प्रभावी आंकड़ा है। कम्बोज समुदाय में अपना अच्छा प्रभाव रखने वाले समाज से जुड़े प्रबुद्ध लोग लगातार प्रयास कर रहे हैं।

राहुल कम्बोज का जन्म 1987 में यमुनानगर के अलाहर गांव में हुआ। उनके दादा लीजाराम बड़े जमींदार थे। 1978 में राहुल के पिता राजकुमार जर्मनी में बस गए और राहुल के जन्म के कुछ बाद परिवार के अन्य सदस्यों को भी वहां ले गए। राहुल जर्मनी में एक सफल कारोबारी हैं। उनका आईटी से संबंधित कारोबार है और कुमार आईटी के नाम से उनकी कंपनी है। 2016 में वे पहली बार सक्रिय राजनीति में आए और काऊंसल चुने गए। वे 2021 में सांसद चुने गए और इसके अलावा जर्मनी के फई वेहलर पार्टी के नैशनल युवा अध्यक्ष भी रहे।

डा. अशोक तंवर से उनका चार साल पुराना नाता है। खास पहलू यह है कि कुछ समय पहले अशोक तंवर भी उनके पास जर्मनी में गए थे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समूचे विश्व में भारत का डंका बजाया है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में वे सिरसा के विभिन्न हिस्सों में जाकर प्रचार करेंगे। उन्होंने बताया कि वे व्यक्तिगत तौर पर डा. अशोक तंवर को जानते हैं। वे एक काबिल, युवा एवं ऊर्जावान नेता हैं और पिछले पंद्रह वर्षों से सिरसा के साथ जुड़े हुए हैं। ऐसे में उन्हें विश्वास है कि सिरसा की जनता एक बार फिर से कमल खिलाएगी।