हरियाणा में अब गायों के लिए बनेंगे गौवन, सरकार ने जमीन चिन्हित करने के दिए आदेश

हरियाणा सरकार गौवंश को बचाने के लिए काफी तैयारियां कर रही है, उसके बावजूद गाय सड़कों पर घूम रही है
 
Haryana Gauvan
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Haryana Gauvan: हरियाणा सरकार गौवंश को बचाने के लिए काफी तैयारियां कर रही है, उसके बावजूद गाय सड़कों पर घूम रही है और आए दिन हादसे हो रहे है। इसी को देखते हुए हरियाणा सरकार ने गौसेवा आयोग का भी गठन किया। लेकिन अब सरकार की ओर से हरियाणा के सभी जिलों में गौवन बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है 

बताया जा रहा है कि इस काम के लिए सभी जिलों के डीसी को जमीन तलाशने के आदेश दिए गए हैं। वहीं करनाल में पायलट प्रोजेक्ट के तहत गौवन की स्थापना की जाएगी। 

आपको बता दें कि करनाल जिले के गांव मैनमती में कुछ जमीन है, जिसमें फॉरेस्ट के पेड़-पौधे लगे हैं। वहीं चांदसमंद गांव में 15 एकड़ और सांभली गांव में काफी जमीन उपलब्ध है। 

जहां गौवन बनाए जाने की योजना सिरे चढ़ सकती है। करनाल की थीम पर ही बाद में पूरे प्रदेश में गौवन स्थापित किए जाएंगे और गौवंशों को अपना स्थान मिलेगा।

वहीं एक आंकड़े के मुताबिक तीन लाख से ज्यादा गौवंश प्रदेश की गौशाला में हैं, जबकि लगभग 80 हजार गौवंश सड़कों पर चारे के लिए भटक रहे हैं। इन गौवंश से हादसे भी हो रहे हैं, जिससे कई लोग जान गंवा चुके हैं। 

यही नहीं इन गौवंश पर तस्करों की भी नजर रहती है। इस सब के चलते अब हरियाणा सरकार गायों को खुला माहौल देना चाहती है, जिसके चलते वन बनाए जाने की तैयारी है। 

वहीं इसके अलावा हरियाणा में गौ से प्राप्त मल और गोबर से कई तरह के उत्पाद और अनुसंधान पर भी काम किया जा रहा है। माना जा रहा है कि गौवन के बन जाने से सड़कों पर पशु नहीं दिखाई देंगे।

क्या है गौवन ?

गौवन यानी गायों के लिए प्राकृतिक जंगल, जिसमें चरने के लिए घास, पानी के लिए पौंड और पेड़-पौधे होंगे। यह गांवों में खाली पड़ी जमीन पर बनाया जाएगा। यहां गायों को प्राकृतिक माहौल मिलेगा, आश्रय और घूमने-फिरने की आजादी होगी। 

गौवन का कॉन्सेप्ट, गौवंश की सेवा है। इसे लेकर प्रदेश में एक मॉडल तैयार किया जा रहा है। ऐसा वन चारों और बाड़ लगाकर सुरक्षित किया जाएगा। गौवन उत्पादक और अनुत्पादक, दोनों तरह की गायों के लिए होगा।

वहीं इस गौवन के मामले में गौसेवा आयोग के अध्यक्ष श्रवण गर्ग ने बताया कि हम गाय को माता का दर्ज देते हैं और ऐसे में फर्ज और कर्तव्य बनता है कि अपनी मां के लिए कुछ विशेष किया जाए। 

सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है और सड़कों पर एक भी गाय दिखाई नहीं देगी। इसके अलावा सरकार की ओर से गाय की नस्ल सुधार और गोबर, गोमूत्र से बनने वाले उत्पाद पर भी रिसर्च किया जा रहा है। 

कई जगहों पर सरकार ने गाय के गोबर से बनने वाली खाद, गमले, पेंट, धूप और अगरबत्ती के उत्पाद संयंत्र भी लगाए हैं।