हरियाणा के पूर्व CM चौटाला की पार्टी के पास आखिरी मौका: विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया तो मान्यता होगी रद्द, छिन जाएगा चश्मा

भारत चुनाव आयोग ने हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी इनेलो को आखिरी मौका दिया है।
 
हरियाणा के पूर्व CM चौटाला की पार्टी के पास आखिरी मौका: विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया तो मान्यता होगी रद्द, छिन जाएगा चश्मा  
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भारत चुनाव आयोग ने हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी इनेलो को आखिरी मौका दिया है। 2024 विधानसभा चुनाव में अगर पार्टी तय वोट प्रतिशत नहीं लेकर आती है तो पार्टी की मान्यता रद्द हो जाएगी। साथ ही पार्टी चुनाव चिन्ह वापस लिया जाएगा। पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी इनेलो का सिंबल छिन सकता है।


ऐसे समझें इनेलो से सिंबल छिनने के खतरे का गणित...
चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक किसी भी पार्टी को लगातार दो चुनाव में अगर निर्धारित वोट नहीं मिलते तो स्टेट पार्टी का दर्जा छिन लिया जाता है। स्टेट पार्टी बने रहने के लिए लोकसभा चुनाव में 6 फीसदी वोट और एक सीट या 8 फीसदी वोट की जरुरत होती है। विधानसभा चुनाव में 6 फिसदी वोट और 2 सीटें होनी चाहिए। नियम के अनुसार अगर लगातार दो  चुनाव में ये सब नहीं होता तो पार्टी का चुनाव चिन्ह भी छिन सकता है।


 
इनेलो का चुनाव में प्रदर्शन
विभाजन से पहले हरियाणा में इनेलो का मत प्रतिशत ठीक रहा है। इनेलो लगातार लोकसभा चुनाव में 15 से 28 प्रतिशत वोट हासिल करती रही है। 2014 के लोकसभा चुनाव में इनेलो के दो सांसद थे और उन्हें 24.4 प्रतिशत वोट मिले थे। 2019 में विभाजन के बाद इनेलो का सबसे खराब प्रदर्शन रहा और उसे मात्र 1.9 प्रतिशत वोट मिले।

2019 के लोकसभा चुनाव में जजपा का प्रदर्शन भी कुछ खास नहीं रहा। उसे केवल 4.9 प्रतिशत ही वोट मिले थे। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में सिर्फ 1.47% की वोट शेयर मिला।

2016 में मिल चुकी राहत
2016 में चुनाव चिह्न आदेश में संशोधन से इनेलो को राहत मिली है। संशोधन के बाद अब किसी भी राजनीतिक पार्टी को अगले लोकसभा या राज्य विधानसभा चुनावों में मान्यता खोने के बाद भी  'स्टेट पार्टी' या 'नेशनल पार्टी' का टैग बनाए रखने की अनुमति मिलती है। 
हालांकि, अगर पार्टी राज्य विधानसभा या लोकसभा के लिए होने वाले चुनावों में अपनी पात्रता हासिल करने में विफल रहती है, तो वह राज्य या राष्ट्रीय पार्टी का अपना दर्जा खो देगी।

कानूनी विश्लेषकों का कहना है कि INLD फिलहाल इसी श्रेणी में आती है। इसकी पुष्टि विधानसभा के पूर्व अतिरिक्त सचिव राम नारायण यादव ने की है।

पूर्व डिप्टी PM देवीलाल ने बनाई थी INLD
पूर्व डिप्टी PM ताऊ देवीलाल ने 1987 में इंडियन नेशनल लोकदल के नाम से क्षेत्रीय दल बनाया था, जिसके अध्यक्ष अब उनके बेटे व पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला हैं। वर्तमान में हरियाणा में इनेलो और जजपा ही दो क्षेत्रीय दल हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में 2 सीटों हिसार व सिरसा पर जीत दर्ज करने वाली INLD 2019 के आम चुनावों में अधिकतर सीटों पर जमानत नहीं बचा पाई थी।